बढ़ती मंहगाई के बीच शहरीयों की इमदाद के लिए रमज़ान रीलीफ़ पैकेज का ऐलान

 शअबान उल मोअज्जम-1445 हिजरी

अकवाल-ए-जरीं

'' हजरत अब्दुलाह बिन उमर रदिअल्लाहो ताअला अन्हुमा से रिवायत है कि मैंने रसूल अल्लाह   से सुना, आप   फरमाते हैं कि जब तुम्हारा कोई आदमी इंतेकाल कर जाए तो उसे ज्यादा देर तक घर पर मत रखो और उसे कब्र तक पहुंचाने और दफनाने में जल्दी करो '' 
-बैहकी शुअबुल ईमान
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बढ़ती मंहगाई के बीच शहरीयों की इमदाद के लिए रमज़ान रीलीफ़ पैकेज का ऐलान

✅ इस्लामाबाद : आईएनएस, इंडिया
    पाकिस्तान के आला इक़तिसादी फ़ैसलासाज़ इदारे ने मार्च में शुरू होने वाले इस्लामी माह-ए-सय्याम से पहले मंगल को महंगाई के दौरान कम और दरमयानी आमदनी वाले तबक़ात की सहूलत के लिए रमज़ान रीलीफ़ पैकेज की मंज़ूरी दे दी है। 
    पाकिस्तान में हुकूमतें आम तौर पर हर साल पैकेज का ऐलान करती हैं ताकि ख़ुराक के ज़्यादा इस्तिमाल और ख़ैराती कामों का बोझ कम किया जा सके जो मुक़द्दस इस्लामी महीने की ख़ुसूसीयत है। रमज़ान रीलीफ़ पैकेज में दीगर इश्याय (चीजों) के अलावा गंदुम (गेहूं), चीनी, ख़ुर्दनी तेल और दालों जैसी ज़रूरी इश्याय पर सबसिडी और क़ीमतों में कमी शामिल है। रेडियो पाकिस्तान ने मंगल को इत्तिला दी कि इक़तिसादी राबिता कमेटी ने मुजव्वज़ा रमज़ान रीलीफ़ पैकेज 2024 की मंज़ूरी दे दी है। पैकेज के तहत 7 बिलीयन रुपय की ख़ालिस रक़म के साथ बीआईएसपी (बेनज़ीर इन्कम स्पोर्ट प्रोग्राम) के हदफ़ी अफ़राद को सबसिडी फ़राहम की जाएगी। 

मजहब-ए-इस्लाम की रोशन तारीख, सकाफत और अदब से वाबस्तगी के लिए पढ़ते रहें ‘नई तहरीक’

महंगाई तोड़ रही पिछले रिकार्ड

    पाकिस्तान में गुजिश्ता मई में अब तक की बुलंद तरीन महंगाई 38 फ़ीसद रही, जो इस साल के आग़ाज़ में बतदरीज कम होकर 28.3 फ़ीसद रह गई। मुल्क की क़लील मुद्दती इफ़रात-ए-ज़र तवानाई (अल्पकालिक मुद्रा स्फीति) और ख़ुराक की क़ीमतों में इज़ाफे़ की वजह से इस माह के शुरू में सालाना बुनियादों पर 39.45 फ़ीसद बढ़ गई जिसकी पैमाइश हस्सास क़ीमत के ईशारीया से की जाती है। आज़ाद मालीयाती तजज़ियाकारों और बैन-उल-अक़वामी मालीयाती फ़ंड (आईएफ़) समेत आलमी इदारों का ख़्याल है कि आइन्दा महीनों में पाकिस्तान की इफ़रात-ए-ज़र में बतदरीज कमी आएगी जिससे मुम्किना तौर पर लोगों को इंतिहाई ज़रूरी रीलीफ़ मिलेगा।

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अमीर जमात मौलाना सिराज उल-हक़ ने दिया इस्तीफा, जहांगीर तरीन ने की सियासत तौबा

इस्लामाबाद : अमीर जमात-ए-इस्लामी पाकिस्तान, मौलाना सिराज उल हक़ ने आम इंतिख़ाबात में नाकाम होने पर जमात-ए-इस्लामी से इस्तीफ़ा दे दिया है। एक बयान में उन्होंने कहा कि कोशिश और मेहनत के बावजूद इंतिख़ाबात में मतलूबा (वांछित) कामयाबी नहीं दिला सका, इसलिए नाकामी को क़बूल करते हुए बतौर अमीर जमात-ए-इस्लामी इस्तीफ़ा देता हूँ। 
    तर्जुमान जमात-ए-इस्लामी का कहना है कि सेक्रेटरी जनरल जमात-ए-इस्लामी अमीर उल अज़ीम ने शूरा (परिषद) का इजलास 17 फरवरी को मंसूरा में तलब किया है। तर्जुमान के मुताबिक़ शूरा इजलास में सिराज उल-हक़ के इस्तीफे के बाद की सूरत-ए-हाल का जायज़ा लिया जाएगा। वाजेह रहे कि जमात-ए-इस्लामी इंतिख़ाबात में क़ौमी असेंबली की कोई भी नशिस्त (सीट) हासिल करने में कामयाब नहीं हो सकी थी। उधर इस्तिहकाम पाकिस्तान पार्टी (आईपीपी) के चेयरमैन जहांगीर तरीन ने पार्टी ओहदा के साथ-साथ सियासत से भी तौबा करने का ऐलान कर दिया है। पीर को एक बयान में जहांगीर तरीन का कहना था कि वो इंतिख़ाबात में कामयाब होने वालों को मुबारकबाद देते हैं और अवाम की मर्ज़ी का एहतिराम करते हैं। उनका कहना था कि वो ज़ाती हैसियत से मुल्क की ख़िदमत का सिलसिला जारी रखेंगे और उम्मीद करते हैं कि आइन्दा आने वाले बरस पाकिस्तान के लिए अच्छे साबित हों।


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