बाबरी मस्जिद के गुंबद पर चढ़ कर तस्वीर खिंचवाने वाले को भाजपा ने बनाया राज्य सभा उम्मीदवार

शअबान उल मोअज्जम - 1445 हिजरी
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अकवाल-ए-जरीं

'' हजरत अब्दुलाह बिन उमर रदिअल्लाहो ताअला अन्हुमा से रिवायत है कि मैंने रसूल अल्लाह से सुना, आप फरमाते हैं कि जब तुम्हारा कोई आदमी इंतेकाल कर जाए तो उसे ज्यादा देर तक घर पर मत रखो और उसे कब्र तक पहुंचाने और दफनाने में जल्दी करो'' 

-    बैहकी शुअबुल ईमान

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बाबरी मस्जिद के गुंबद पर चढ़ कर तस्वीर खिंचवाने वाले को भाजपा ने बनाया राज्य सभा उम्मीदवार

✅ नई दिल्ली : आईएनएस, इंडिया

    भारतीय जनता पार्टी ने महाराष्ट्र में राज्य सभा के तीन उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया है। इनमें साबिक़ सीएम अशोक चव्हान, मेधा गडगल और डाक्टर अजीत गोपाचिड़े शामिल हैं। इनमें सबसे चौंका देने वाला नाम अजीत गोपाचिड़े का है, जो 1992 में बाबरी मस्जिद के इन्हिदाम (ढहाने) के वक़्त कार सेवक थे। यही नहीं, वो उस दौरान बाबरी मस्जिद के गुंबद पर चढ़े थे और उसे गिराने वालों में शामिल थे। बाबरी मस्जिद के गुंबद पर उनकी वो तस्वीर अब तक वाइरल हो रही है। 
    इससे कब्ल मर्कज़ की मोदी हुकूमत ने राम रथ यात्रा निकाल कर बीजेपी को नई बुलंदियों पर ले जानेवाले लाल कृष्ण अडवानी को भारत रत्न देने का ऐलान किया है। इनके अलावा बाबरी मस्जिद इन्हिदाम से वाबस्ता एक और शख़्स साबिक़ वज़ीर-ए-आज़म नरसिम्हा राव को भी हाल ही में ये एज़ाज़ दिया गया है। नरसिम्हा राव तब वज़ीर-ए-आज़म थे। डाक्टर अजीत गोपा चिड़े ने राम मंदिर की इफ़्तिताही तक़रीब से एक दिन पहले खुद अपनी तस्वीर शेयर की थी, जिसमें वो बाबरी पर चढ़ते हुए नज़र आ रहे हैं। एक्स पर तस्वीर शेयर करते हुए उन्होंने लिखा था कि रामलला की ज़िंदगी के वक़ार को देखकर हमें फ़ख़र है कि हमने भी इस तहरीक में कारसेवक का किरदार अदा किया। इस दिन ने 6 दिसंबर 1992 की याद ताज़ा कर दी है। बाबरी पर मेरी एक तस्वीर वाइरल हो रही है। मेरा दिल एक-बार फिर इन यादों में खो गया है। 
    डाक्टर गोपा चिड़े का ताल्लुक़ लिंगायत बिरादरी से है, जिसकी कर्नाटक में काफ़ी आबादी है। इसके अलावा महाराष्ट्र के कुछ लोक सभा हलक़ों में भी उनका असर है। डाक्टर अजीत गोपा चिड़े आरएसएस के प्रचारक हैं और महाराष्ट्र में तवील अर्से से सरगर्म हैं। वो रियास्ती बीजेपी में मेडिकल सेल के इंचार्ज भी रह चुके हैं। सेल का इंचार्ज रहते हुए उन्होंने तक़रीबन 50 हज़ार डाक्टरों को पार्टी से जोड़ा है। उन्होंने एमबीबीएस और एमडी की तालीम हासिल की है। उन्हें राज्य सभा में भेज कर बीजेपी ने ये पैग़ाम दिया है कि वो राम मंदिर तहरीक से वाबस्ता लोगों की इज़्ज़त कर रही है और राम मंदिर की तामीर की जानिब किए गए उनके कामों को नहीं भूली है। 


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