✒ गाजा : आईएनएस, इंडियागाजा की पट्टी में इसराईल की मुसलसल बमबारी और हज़ारों अफ़राद की मौतों के बाद ज़िंदा बच जाने वाले लोग हर वक़त मौत के मुंतज़िर दिखाई देते हैं। गाजा के ख़ानदानों को बमबारी के ख़ौफ़ में मौत के लिए तैयार देखा जा सकता है। सोशल मीडीया पर एक फ़लस्तीनी नौजवान और उसके कमसिन बच्चे की एक वीडीयो वाइरल हो रही है जिसमें एक फ़लस्तीनी बाप अपने लख़्त-ए-जिगर को अपनी बाँहों में भींच कर सीने से लगा कर सोता है। उसका कहना है कि वो ऐसा इसलिए करता है ताकि दोनों बाप-बेटा एक साथ ही मरें। इस कैफ़ीयत के बारे में उसकी बीवी ने जब पूछा तो उसका कहना था कि बच्चा मेरी बाँहों में हिफ़ाज़त से सोता है। में चाहता हूँ कि जब तक हम ज़िंदा रहें, बच्चा ख़ुद को महफ़ूज़ महसूस करे और अगर मारे जाएं तो दोनों साथ मारे जाएं।
ये एक फ़लस्तीनी बाप का वाक़िया है। मगर हक़ीक़त में ये हर घर की अलमनाक कहानी है। फ़लस्तीनी की बीवी ने इस मंज़र को अपने फ़ोन में रिकार्ड किया। जब उसने अपने शौहर से पूछा कि वो ऐसा क्यूँ-कर रहा है, तो उसने उसे बताया कि उसका छोटा बच्चा उसके पास सबसे क़ीमती चीज़ है। वो सिर्फ ये चाहता था कि उसे कोई नुक़्सान ना पहुंचे, इसी लिए उसने उसे अपनी बाँहों में जकड़ लिया है ताकि वो उसके साथ सो जाए। उन्होंने कहा कि अगर तक़दीर ने इस जगह पर बमबारी करना चाही तो उनका भी यही अंजाम होगा। वीडियो क्लिक में वालिद की आवाज़ सुनी जा सकती है। ये वीडीयो सोशल मीडीया पर जंगल की आग की तरह फैल गया और उसे दसियों बार शेयर किया जा रहा है। ये मालूम नहीं हो सका कि ये वीडीयो कहाँ की है।
काबिल-ए-ज़िक्र है कि तक़रीबन तीन माह से महसूर ग़ज़ा की पट्टी पर इसराईली बमबारी बंद नहीं हुई है बल्कि हाल ही में इसमें शिद्दत आई है। इसराईल की इस ख़ूनी मुहिम के दौरान बड़ी तादाद में शहरीयों की अम्वात हो रही हैं। अब तक 22 हज़ार से ज़ाइद फ़लस्तीनी शहीद और सत्तावन हज़ार से ज़ाइद ज़ख़मी हो चुके हैं।
गाजा में हर रोज़ 10 से ज़्यादा बच्चे हो रहे अपाहिज : यूनीसेफ
न्यूयार्क : बच्चों की इमदाद के लिए अक़वाम-ए-मुत्तहिदा की तंज़ीम यूनीसेफ का कहना है कि गाजा में हर रोज़ 10 से ज़्यादा बच्चे आपाहिज हो रहे हैं। यूनीसेफ का अपने एक बयान में कहना है कि धमाकों से बच्चों के कमज़ोर अंग ज़्यादा चोटों का शिकार होते हैं।यूनीसेफ का कहना है कि 7 अक्तूबर से अब तक एक हज़ार से ज़्यादा बच्चे एक या दोनों टांगों से माज़ूर हो गए हैं। अक़वाम-ए-मुत्तहिदा की रिपोर्ट पर सेव दी चिल्डर्न ने रद्द-ए-अमल दिया है कि गाजा के तनाज़ा में बच्चों की तकालीफ़ नाक़ाबिल तसव्वुर हैं, सेव दी चिल्डर्न का कहना है कि बच्चों के कत्ल और माज़ूरी के ज़िम्मेदारों का सख़्त एहतिसाब होना चाहिए।