✒ गुजरांवाला : आईएनएस, इंडियासूबा पंजाब के शहर सियालकोट में पुलिस ने दो मसीही भाईयों को अग़वा कर तशद्दुद (हिंसा) का निशाना बनाने और वुज़ू करवा कर ज़बरदस्ती इस्लाम क़बूल करने के इल्ज़ाम में दो मुल्ज़िमान के ख़िलाफ़ मुक़द्दमा दर्ज किया है। सियालकोट के डिस्ट्रिक्ट पुलिस ऑफीसर (डीपीओ) मुहम्मद हसन इक़बाल ने मुक़द्दमे के इंदिराज की तसदीक़ की है। उन्होंने बताया कि दोनों मुल्ज़िमान को हिरासत में ले लिया गया है।
मुल्ज़िमान पर ज़बरदस्ती इस्लाम क़बूल कराने का इल्ज़ाम हस्सास नौईयत का है, जिसके बारे में उनसे तफ़तीश की जा रही है। दोनों मसीही भाईयों की एक फूटेज भी सामने आई है जिसमें उनके जिस्म के मुख़्तलिफ़ हिस्सों पर तशद्दुद के निशानात नज़र आ रहे हैं। सियालकोट के थाना कोटली लोहारां में आज़म मसीह की मुद्दईयत में एफ़आईआर दर्ज की गई है। मुद्दई मुक़द्दमा ने एफ़आईआर में बताया कि वो बाज़ार में मौजूद था कि वहां एक मुसल्लह मुल्ज़िम क़सीम शाह आया और उन्हें ज़बरदस्ती अपने साथ मोटरसाईकल पर बिठा कर एक घर ले गया। एफ़आईआर में मुद्दई के बाक़ौल वहां ले जा कर दोनों अफ़राद ने उन्हें लोहे की सलाख़ों से मारना शुरू किया और कहा कि तुम ग़लत काम कर रहे हो। अगर अपनी जान बचाना चाहते हो तो इस्लाम क़बूल कर लो।
उन्होंने एफ़आईआर में बताया कि कुछ देर बाद क़सीम शाह उनके दूसरे भाई नदीम मसीह को भी अपने साथ ले आया और फिर हम दोनों भाईयों को सलाख़ों से मारना शुरू कर दिया और नदीम से मोबाइल छीन लिया। एफ़आईआर के मुताबिक़ मुल्ज़िमान के तशद्दुद की वजह से दोनों भाई ज़ख़मी हो गए। उनके बाक़ौल, हमने अपनी जान बचाने के लिए वुज़ू किया जिसके बाद वहां बैठे नामालूम फ़र्द ने हमें कलिमा पढ़ाया और (मुल्ज़िम) ने हमारी वीडीयो बनाई कि हमने बखु़शी ख़ुद इस्लाम क़बूल कर लिया है। इसके बाद मुल्ज़िमान ने हमें घर वापिस जाने का कह दिया।
दूसरी जानिब सियालकोट पुलिस के तर्जुमान का कहना है कि दोनों मुल्ज़िमान पुलिस की हिरासत में हैं, जिनसे वाकिये की मुख़्तलिफ़ पहलूओं से अलग-अलग तहक़ीक़ात की जा रही हैं। तर्जुमान का कहना है कि दोनों अफ़राद का सिविल अस्पताल से तिब्बी मुआइना कराया गया है जिसमें तशद्दुद साबित हो गया है। चूंकि ज़बरदस्ती इस्लाम क़बूल करवाने का इल्ज़ाम हस्सास नौईयत का है जिससे हालात कशीदा हो सकते हैं। इस इल्ज़ाम की तहक़ीक़ात की जा रही हैं। पुलिस हुक्काम का कहना है कि मुल्ज़िमान के माज़ी के बारे में भी छानबीन की जा रही है। उनकी माज़ी की सरगर्मियां देखी जा रही हैं और अगर उन्होंने वाक़ई ऐसा गै़रक़ानूनी काम किया है तो उसके क्या मक़ासिद थे।
पाकिस्तान मसीही पार्टी के सदर नवील अतहर जुलिअस कहते हैं कि सियालकोट में एक-बार फिर ज़ुलम-ओ-तशद्दुद की मिसाल क़ायम कर दी गई है। वाज़िह रहे कि दिसंबर 2021 मैं सियालकोट में एक फ़ैक्ट्री के श्रीलंकन मैनेजर को मुश्तइल हुजूम ने तौहीन-ए-मज़हब के इल्ज़ाम में तशद्दुद करके कत्ल कर दिया गया था और उसकी लाश को सड़क पर आग लगा दी थी। नवील अतहर जुलिअस के बाक़ौल पाकिस्तान में अक़ल्लीयतें पहले ही अदम तहफ़्फ़ुज़ से दो-चार हैं। ऐसे में मसीहीयों से ज़बरदस्ती इस्लाम क़बूल करवाने के वाकिये ने साबित कर दिया कि हुकूमत अक़ल्लीयतों को तहफ़्फ़ुज़ फ़राहम करने में बुरी तरह नाकाम हो गई है। उन्होंने निगरां पंजाब सरकार से मुतालिबा किया कि इस वाकिये की आला सतही तहक़ीक़ात करवाई जाएं और गिरफ़्तार मुल्ज़िमान की पुश्तपनाही करने वालों को भी बे-नक़ाब किया जाए ताकि इन्साफ़ के तक़ाज़े पूरे हो सकें। ख़्याल रहे कि इस्लाम में जबरीया दायरा इस्लाम में दाख़िल कराने का कोई जवाज़ नहीं है