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104 बरस की उम्र में 13 हजार फुट की बुलंदी से स्काई डाईग का हैरत अंगेज कारनामा

न्यूयार्क : आईएनएस, इंडिया 

अमरीका से ताल्लुक रखने वाली 104 साला खातून ने पैराशूट के जरीये 13 हजार फुट से जाइद बुलंदी से छलांग लगाकर एक नया रिकार्ड कायम किया है। न्यूज एजेंसी एपी के मुताबिक अमरीकी शहर शिकागो से ताल्लुक रखने वाली डोरोथी हाफनर को उम्मीद है कि स्काई डाईंग करने वाली मुअम्मर तरीन (बुजुर्ग) शख़्सियत होने पर उनका नाम गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड में शामिल किया जाएगा। 
    
104 बरस की उम्र में 13 हजार फुट की बुलंदी से स्काई डाईग का हैरत अंगेज कारनामा
File Photo

    डोरोथी हाफनर वैसे तो वॉकर के सहारे चलती हैं लेकिन वो इससे पहले •ाी स्काई डाईंग कर चुकी हैं। उन्होंने पहली मर्तबा एक सौ साल की उम्र में स्काई डाईंग का तजुर्बा हासिल किया था। इस मर्तबा उन्होंने रियासत अलीनोए में एक इंस्ट्रक्टर की मदद से ये कामयाबी हासिल की। स्काई डाईंग के बाद डोरोथी हाफनर इंतिहाई पुरजोश नजर आर्इं और उन्होंने अपने जजबात का इजहार करते हुए कहा कि उम्र महज एक अदद है। 

    2022 में स्वीडन की 103 साला लेनिया इंग़्यारद ने स्काई डाईोंग की थी और उनका नाम बतौर मुअम्मर तरीन शख़्स गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज है। ताहम शिकागो का स्काई डाईगं का इदारा डोरोथी हाफनर का नाम गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड में शामिल करवाने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने इतवार को अमरीकी पैराशूट एसोसीएशन के तसदीकशूदा इंस्ट्रक्टर की मदद से 13 हजार 500 फुट यानी चार हजार 100 मीटर की बुलंदी से छलांग लगाई। इदारे के मुताबिक डोरोथी हाफनर ने इतनी बुलंदी से छलांग लगाने पर खुद इसरार किया था। स्काई डाईंग के वक़्त डोरोथी पुरस्कून और पुर इतमाद नजर आईं और आराम से लैंडिंग की। डाईंग का दौरानिया सात मिनट का था। कामयाबी से स्काई डाईंग करने पर डोरोथी के दोस्त उन्हें मुबारकबाद देने पहुंचे और पूछा कि वो कैसा महसूस कर रही हैं। डोरोथी हाफनर ने जवाब दिया 'शानदार, ऊपर फिजा में जबरदस्त महसूस हो रहा था। खुशगवार तजुर्बा था और हैरानकुन, इससे ज्यादा अच्छा नहीं हो सकता था। दिसंबर में हाफनर 105 बरस की हो जाएँगी। इस एडवेंचर के बाद वो हॉट एयर बैलून में सवार होने का इरादा रखती हैं। डोरोथी के मुताबिक इससे पहले वो क•ाी •ाी हॉट एयर बैलून में सवार नहीं हुईं हैं। 

सउदी का इंसानों की उम्र बढ़ाने का मंसूबा, तहकीक के लिए लगेंगे अरबों डालर

रियाद : चार साल कब्ल एक शाही फरमान के जरीये सऊदी वली अहद शहजादा मुहम्मद बिन सलमान ने तहकीक (खोज, शोध) के लिए एक वसीअ मालीयाती सरमायाकारी (बड़े इन्वेस्टमेंट) का वाअदा किया था, एक अरब डालर से ज्यादा लागत की ये तहकीक इन्सानी उम्र में तौसीअ (बढ़ाने) करने के लिए थी, जिसकी वजह से ममलकत की फाउंडेशन की बुनियाद डाली गई। फाउंडेशन, एक आलमी फंड जिसका मकसद उम्र बढ़ने के अमल को सुस्त करने के जदीद तरीकों की तलाश और उनमें सरमायाकारी करना और लोगों की अच्छी सेहत वाले सालों की तादाद को बढ़ाना है। 
    सउदी ने तालीमी तहकीक और बायोटेक स्टार्टअपस में बहुत ज्यादा सरमायाकारी (इन्वेस्टमेंट) की है जो उम्र बढ़ने को सुस्त और उम्र से मुताल्लिक बीमारीयों का मुकाबला करके तवील उमरी को फरोग देते हैं। सऊदी शहजादी डाक्टर हया बिंत खालिद बिंत आॅल सऊद, जो तंजीम की नायब सदर बराए तंजीमी हिकमत-ए-अमली और तरक़्की हैं, ने उलार बया के साथ एक इंटरव्यू में इस यकीन का इजहार किया है कि फाउंडेशन का काम चंद सालों में बुढ़ापे को कम करने के काम के ठोस नताइज देखेगा। उन्होंने कहा, हम एक ऐसी तंजीम हैं, जो पूरी इन्सानियत की मदद कर रही है। उन्होंने मजीद कहा कि इस इकदाम का मकसद उम्र से मुताल्लिका ईलाज में कामयाबी हासिल करने के लिए पहली गैर मुनाफा बख्श तंजीम बनना है। ये आलमी साईंसी दरयाफत की माली इआनत और उन निजी कंपनियों और कारोबारी अफराद में सरमायाकारी के लिए पुरअज्म है, जो उम्र रसीदगी की साईंस को आगे बढ़ाने के लिए वक़्फ हैं। 


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