निजामुद्दीन के लिए अंडे बेचना जुर्म हो गया, पुलिस ने किया गिरफ्तार

निजामुद्दीन के लिए अंडे बेचना जुर्म हो गया, पुलिस ने किया गिरफ्तार

हरी द्वार : आईएनएस, इंडिया 

उत्तराखंड के शहर हरीदवार के हर की पौड़ी इलाके में एक मुस्लिम शख़्स को मुकामी पुलिस ने अंडे बेचने के इल्जाम में गिरफ़्तार कर लिया है। रिपोर्ट के मुताबिक गिरफ़्तार शख़्स का नाम निजाम उद्दीन है और उसका ताल्लुक यूपी के शहर मुरादाबाद से है। 
    सोशल मीडीया पर आम लोगों और समाजी कारकुनों ने पुलिस की इस कार्रवाई पर एतराज जाहिर किया है। रिपोर्ट के मुताबिक निजाम उद्दीन पर इल्जाम है कि वो कानून की खिलाफवरजी करते हुए अंडे फरोखत कर रहा था। ये गिरफ़्तारी उस वक़्त अमल में आई, जब कुछ लोगों ने निजाम उद्दीन को 5 कार्टन अंडे और एक बोरी के साथ पकड़ कर आफिसरान को इत्तिला दी। मुकामी थाने के इंचार्ज संजीव चौहान के मुताबिक मुल्जिम को अंडे बेचने के इल्जाम में हिरासत में लेकर जेल •ोज दिया गया है। गिरफ़्तारी मुकामी लोगों की तरफ से दी गई मालूमात की बुनियाद पर की गई, जिन्होंने उसे गै़रकानूनी सरगर्मियों के सबूत के साथ पुलिस के हवाले किया था। 
    अंडे बेचने के इल्जाम में निजामुद्दीन की गिरफ़्तारी पर सोशल मीडीया पर बहस हो रही है। कुछ लोगों ने इस गिरफ़्तारी पर सवाल उठाते हुए उसे आम कारोबार में मसरूफ शख़्स के खिलाफ गैर जरूरी कार्रवाई करार दिया है। सोशल मीडीया प्लेटफार्म पर समाजी कारकुन नवेद हामिद ने सवाल उठाते हुए लिखा, ‘हिन्दोस्तान में अंडे बेचना कब से जुर्म बन गया, कौमी इन्सानी हुकूक कमीशन से किसी कार्रवाई की तवक़्को नहीं, क्योंकि अंडे बेचने वाला गरीब मुस्लमान है।

मस्जिद-मंदिर के करीब गोश्त फरोखत करने पर लगी पाबंदी

नई दिल्ली  : दिल्ली में मजहबी मुकामात के करीब गोश्त फरोखत करने पर पाबंदी लग गई है। मंदिरों, मसाजिद, गुरूद्वारों और शमशानघाट के 150 मीटर के अंदर गोश्त की दुकानें नहीं खुल सकेंगी। दिल्ली म्यूनसिंपल कारपोरेशन हाऊस ने मंगल 31 अक्तूबर को गोश्त की दुकान के लाईसेंस की पालिसी समेत 54 तजावीज को मंजूरी दी। नई पालिसी के तहत किसी •ाी मजहबी मुकाम और गोश्त की दुकान के दरमयान कम अज कम 150 मीटर का फासला होगा। 
    मस्जिद कमेटी या इमाम साहिब से अदम एतराज का सर्टीफिकेट हासिल करने के बाद गोश्त मस्जिद के करीब फरोखत किया जा सकता है। ताहम मस्जिद के 150 मीटर के अंदर हराम (खिंजीर) का गोश्त फरोखत करने पर सख़्त पाबंदी आइद कर दी गई है। नई मेट शाप लाईसेंस पालिसी महकमा वेटरनरी सर्विसिज की जानिब से नोटीफिकेशन जारी होने के बाद नाफिज उल-अमल होगी। एमसीडी ने कहा कि ये फैसला लोगों के मजहबी जजबात को मद्द-ए-नजर रखते हुए लिया गया है। एमसीडी ने कहा कि दुकानदारों को लाईसेंस सिर्फ इस सूरत में दिया जाएगा, जब वो मजहबी मुकामात से 150 मीटर का फासिला बरकरार रखेंगे। एमसीडी ने कहा कि दुकानदारों को लाईसेंस सिर्फ इस सूरत में दिया जाएगा, जब वो मजहबी मुकामात से 150 मीटर का फासिला बरकरार रखेंगे। इस पालिसी में गोश्त की छोटी दुकानों, प्रोसेसिंग यूनिट्स, पैकेजिंग या स्टोरेज प्लांटस के लिए लाईसेंस देने और उनकी तजदीद के हवाले से नए कवानीन बनाए गए हैं। इसके मुताबिक दिल्ली के साबिका शुमाली, जुनूबी और मशरिकी कापोर्रेशनों में गोश्त फरोखत करने के लाईसेंस और तजदीद की फीस दुकानों के लिए 18,000 रुपय और प्रोसेसिंग यूनिट्स के लिए 1.5 लाख रुपय मुकर्रर की गई है। लाईसेंस जारी होने के बाद तजदीद की फीस और जुर्माने में हर तीन साल बाद 15 फीसद इजाफा किया जाएगा। 
    गोश्त के ताजिरों ने एमसीडी की नई लाईसेंसिंग पालिसी की मुखालिफत की है। दिल्ली मेट मर्चेंटस एसोसीएशन ने कहा कि पहले गै़रकानूनी गोश्त की दुकानों के लाईसेंस की तजदीद के लिए 2,700 रुपय अदा करने पड़ते थे। अब उसे बढ़ा कर 7000 रुपय कर दिया गया है। दुकानदारों के लिए इतनी कीमत देना मुश्किल है। अगर एमसीडी ने लाईसेंस पालिसी वापिस नहीं ली तो वो इसके खिलाफ अदालत जाएंगे।

पेरिस में खटमलों का हमला, कोई मुकाम महफूज नहीं रहा 

पेरिस : फ्रÞांस के दार-उल-हकूमत पेरिस में खटमलों की बड़ी तादाद ने हमला-आवर होते हुए खौफ फैला दिया। न्यूज एजेंसी के मुताबिक पेरिस फिलहाल 2024 के ओलम्पिकस की मेजबानी करने जा रहा है लेकिन इससे कब्ल खटमलों ने पेरिस समेत फ्रÞांस के दीगर शहरों में हमला कर दिया। बस स्टॉप, रेलवे स्टेशन, होटल्ज, रेस्टोरेंट्स और हवाई अड्डों समेत कोई •ाी मुकाम ऐसा नहीं रहा जहां लाल कीड़ों का बसेरा ना हो। 
    वाजेह रहे कि खटमल इन्सानी खून पीने वाला कीट है जिसके काटने से एलर्जी हो जाती है, इस हवाले से पेरिस के डिप्टी मेयर ने सोशल मीडिया पर कहा कि कोई •ाी फर्द इन खटमलों से महफूज नहीं है, इन कीड़ों के काटने से होने वाले इन्फेक्शन के लिए मूसिर इकदामात की जरूरत है, जिसके लिए सेहत के हुक्काम लोगों और मुताल्लिका इस्टेक होल्डरज को मिलकर काम करना होगा। इसके अलावा लाल कीड़ों से निमटने के लिए इंतिजामीया ने वजीर-ए-आजम को •ाी खत लिख दिया है, जिसमें उन्हें तमाम-तर सूरत-ए-हाल से आगाह किया गया है।

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