✒ गजा : आईएनएस, इंडिया गाजा में इसराईली-फलस्तीनी लड़ाई और कशीदगी 41 वें रोज •ाी जारी रही। अरब और बैन-उल-अकवामी कोशिशों के बावजूद जंगबंदी की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है। इसराईली नशरियाती इदारे ने वजीर-ए-दिफा (रक्षा मंत्री) के हवाले से कहा कि इसराईली फोर्सिज ने गजा शहर के पूरे मगरिबी हिस्से का कंट्रोल मुकम्मल कर लिया है और शहर को कंट्रोल में करने का अगला मरहला शुरू कर दिया है।
उन्होंने कहा कि शिफा हस्पताल में अहम नताइज सामने आए हैं। उनकी फौज दुरुस्त और फैसलाकुन तरीके से काम कर रही हैं। वाजेह रहे कि अकवाम-ए-मुत्तहिदा ने कहा है कि ईंधन की कमी की वजह से गजा की पट्टी के साथ राबते मुकम्मल तौर पर मुनकते हो गए हैं। गजा की पट्टी में इंटरनेट और मोबाइल फोन सर्विसेज मुअत्तल हो गई हैं। दूसरी जानिब फलस्तीनी हिलाल अह्मर ने कहा है कि इसराईली फोर्सिज ने गजा की पट्टी में मामदानी हस्पताल, जिसे अलाहली अरब हस्पताल •ाी कहते हैं, पर गुजिश्ता हफते धावा बोला। इसराईली टैंकों ने हस्पताल को घेरे में ले लिया। हिलाल अह्मर ने एक मुख़्तसर बयान में कहा कि उसकी एम्बूलेंस का अमला जख्मियों तक पहुंचने से कासिर रहा। फलस्तीनी टेलीविजन ने इत्तिला दी कि इसराईली बमबारी के नतीजे में गुजिश्ता हफते तक अलाहली अरब हस्पताल में तकरीबन 100 फलस्तीनी जांबाहक हो गए।
दूसरी जानिब हम्मास ने गजा के आस-पास के कस्बों की तरफ राकेट फायर किए। इसराईली फौज ने एक बयान में कहा है कि उसकी फौज ने गजा बंदरगाह पर आॅपरेशनल कंट्रोल मुकम्मल कर लिया है। इसराईली फौज के तर्जुमान ने कहा कि फौज ने गजा में बंदरगाह के इलाके का कंट्रोल सँ•ााल लिया है और इलाके की तमाम इमारतों को क्लीयर कर दिया है।
उलार बया की टीम पहुंची अल शिफा हस्पताल, बीमारों और जख्मियों की हौलनाक हालत का खुलासा
गाजा : सऊदी अरब का मीडीया हाउस ‘उलार बया’ और ‘अल हदस’ चैनल की टीम गजा की पट्टी में अल शिफा अस्पताल के अंदर पहुंची जहां से टीम ने अस्पताल में मौजूद जख्मियों की खुसूसी तसावीर जारी की। उलार बया की टीम ने उस वक़्त हस्पताल के अंदर का दौरा किया, जब इसराईली फौज की वार्निंग पर हस्पताल का तिब्बी अमला और बड़ी तादाद में मरीज वहां से बाहर निकल गए थे।गुजिश्ता दिनों इसराईली फौज ने हस्पताल के कारकुनों से एक घंटे के अंदर अस्पताल खाली कर देने कहा था। एक फलस्तीनी तिब्बी जरीये ने सनीचर के रोज अरब वर्ल्ड न्यूज एजेंसी को बताया कि इसराईली फौज की तरफ से दी गई डेडलाइन के बाद गजा के अलशफा हस्पताल से ज्यादातर डाक्टरों, मरीजों और बे-घर अफराद को निकाल लिया गया है। जराइआ ने मजीद कहा कि कब्ल अज वक़्त पैदा होने वाले बच्चे और दर्जनों मरीज अब •ाी अलशफा हस्पताल में मौजूद हैं। फलस्तीनी तिब्बी जरीये ने मजीद कहा कि अलशफा मेडीकल काम्पलैक्स में मौजूद ज्यादातर डाक्टरों, मरीजों और बे-घर अफराद ने हस्पताल को वसती (मध्य) गाजा के दीगर हस्पतालों की तरफ मुंतकिल (शिफ्ट) कर दिया। जराइआ ने कहा कि सैंकड़ों मरीजों को पहले ही पैदल वहां से निकाला जा चुका है। जरीया ने कहा कि मंजर अफसोसनाक था, क्योंकि मरीजों को व्हील चेयर पर दो किलोमीटर से ज्यादा का फासिला तै करना पड़ा। जराइआ के मुताबिक हस्पताल को मुकम्मल तौर पर खाली नहीं किया गया था।
ईंधन खत्म, फाके की नौबत
न्यूयार्क : अकवाम-ए-मुत्तहिदा को गुजिश्ता जुमा के रोज गाजा को खुराक और दीगर जरूरीयात की तरसील (सप्लाई) मजबूरन रोकनी पड़ी। ईंधन खत्म हो जाने से महसूर पट्टी में इंटरनेट और टेलीफोन सर्विसिज के मुनकते (डिस्कनेक्ट) होने के साथ ही फाकाकशी की नौबत आ गई है। उधर इसराईल ने ऐलान किया है कि वो यौमिया (प्रतिदिन) ईंधन के दो टैंकर ट्रकों को अकवाम-ए-मुत्तहिदा और मुवासलाती निजाम के लिए गाजा जाने की इजाजत देगा। हालांकि ईंधन के दो ट्रक गाजा में फंसे लाखों लोगों की जिंदगी बचाने के लिए नाकाफी है। ट्रकों में पानी के अलावा दवाईयां, खाने केसामान वगैरह •ाी मौजूद है।इसराईल ने सात अक्तूबर के हम्मास के हमले के बाद जंग के आगाज से ही ईंधन के दाखिले पर पाबंदी आइद कर रखी है। तेल अबीब का दावा है अस्करीयत पसंद तंजीम हम्मास उस ईंधन को फौजी मकासिद के लिए इस्तिमाल करेगा। इसराईल ने खुराक, पानी और दीगर रसद को •ाी रोक दिया है, सिवाए मिस्र की तरफ से आने वाली महदूद इमदाद के, जिसे इमदादी कारकुनों ने जरूरत के मुकाबले में नाकाफी करार दिया है। गजा में मुवासलाती निजाम (संचार सिस्टम) का ब्लैक आउट जुमे को दूसरे रोज •ाी जारी रहा, जिसने बड़े पैमाने पर 23 लाख लोगों का एक-दूसरे और बैरूनी दुनिया से राबिता मुनकते (डिस्कनेक्ट) कर दिया है। अकवाम-ए-मुत्तहिदा के फलस्तीनी पनाह गजीनों के इदारे की तर्जुमान जूलियट तोमा के मुताबिक मुवासलात का सिलसिला मुनकते होने की वजह से उनका इदारा जुमे को अपना इमदादी काफिला नहीं ला सका और जब तक ये ब्लैक आउट जारी रहेगा, इदारा इमदाद लाने के काबिल नहीं होगा।
अकवाम-ए-मुत्तहिदा के ओहदेदारों ने सोशल मीडीया प्लेटफार्म पर अपनी एक वीडीयो में गजा में सेहत की इंतिहाई खराब सूरत-ए-हाल के बारे में बताते हुए कहा है कि एक माह से ज्यादा अर्से से महसूर अफराद में पच्चास हजार खवातीन हामिला हैं, और उनमें से 180 से ज्यादा खवातीन ऐसी हैं जिनकी अब तब में डिलेवरी होनी है। उनका कहना है कि बारहा बिजली ना होने की वजह से डाक्टर अपने मोबाईल फोन की रोशनी में उनकी सर्जरी करते हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया को इसे रोकने की जरूरत है। आलमी इदारे के मुताबिक, गजा को हर रोज उसकी मतलूबा खुराक का सिर्फ 10 फीसद हिस्सा मिस्र से आने वाली रसद से मिल रहा है। लोग गंदा पानी पीने को मजबूर हैं जिससे बीमारियां फैलने का खतरा बढ़ गया है।