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✒ पटना : आईएनएस, इंडिया
मीटिंग के दौरान ही सीएम ने आफिसरान को हिदायत दी कि वो जातपात की मर्दुम-शुमारी के आदाद-ओ-शुमार का तालीमी, मआशी और समाजी तजजिÞया (विश्लेषण) करें। उन्होंने यकीन दिलाया है कि आइन्दा असेंबली इजलास से कब्ल मआशी तजजिÞया का डेटा भी जारी कर दिया जाएगा। बीजेपी लीडर हरी साहनी ने कुछ जात में जिले की जातों की मुख़्तलिफ गिनती पर सवाल उठाए। उन्होंने पूछा कि कुछ जात को जिला की जातों के साथ शुमार किया जाता है। ये गलत है, इससे उनकी तरक़्की में क्या मदद मिलेगी। सीएम की जानिब से जात की मर्दुम-शुमारी के आदाद-ओ-शुमार के हवाले से बुलाई गई आॅल पार्टी मीटिंग में बीजेपी के बड़े लीडरों ने भी शिरकत की।
बीजेपी कानूनसाज काउंसिल के लीडर हरी साहनी ने कहा कि उन्होंने मीटिंग में हिसाब-किताब पर एतराज उठाया। ताहम उन्होंने इस बारे में खुल कर बात नहीं की कि क्या एतराज उठाया गया है। उन्होंने कहा कि वो अपनी कियादत को इजलास के बारे में आगाह करेंगे और इसके बाद ही इस बारे में बात करेंगे। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने मीटिंग में हम-आहंगी का मसला उठाया है। मिसाल देते हुए उन्होंने कहा कि कुछ जातों की 6 जिले की जातों को एक साथ रखा गया है, जबकि कुछ को अलग-अलग तकसीम किया गया है। ऐसे में जात-पात की तरक़्की कैसे मुम्किन है। कांग्रेस लीडर शकील अहमद खान ने मीटिंग के बाद बताया कि बीजेपी ने जात पात की मर्दुम-शुमारी से इनकार किया तो बिहार हुकूमत ने उसे अपने खर्च पर करवाया। ये एक अच्छा काम है। इसका असर भी बहुत अच्छा होगा। उन्होंने कहा कि हिसाब-किताब की तफसीलात आइन्दा असेंबली इजलास में सामने आएगी।
सीपीआई (एल) कानूनसाज पार्टी के रहनुमा महबूब आलम ने कहा कि उनकी पार्टी ने बताया कि मआशी जात पात की बुनियाद पसमांदगी है। समाजी-ओ-इकतिसादी तफावुत को दूर करने के लिए जात पात की मर्दुम-शुमारी कराई गई । मुस्तकबिल में जो भी मंसूबे बनाए जाएं , वो जात पात के फर्क को मद्द-ए-नजर रखते हुए बनाए जाएं। हिसाबात में हासिल डेटा की बुनियाद पर रिजर्वेशन में इजाफा किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि रिजर्वेशन का फीसद बढ़ना चाहिए। एआईएमआईएम के रियास्ती सदर अखतर अल ईमान ने कहा कि पसमांदा जातों का जायजा लिया गया है। अगर हुकूमत उसकी बुनियाद पर स्कीमें बनाना चाहती है तो पसमांदा तबकात और एसएसटी के लिए रिजर्वेशन का साइज बढ़ाना चाहिए। इसके अलावा अकलीयतों के लिए अलहदा रिजर्वेशन कम्पार्टमेंट कायम किया जाए। उन्होंने कहा कि अभी ग्रुप में रिजर्वेशन की बात हो रही है, लेकिन उन्हें उनके हुकूक नहीं मिल रहे हैं। उसी वक़्त, बिहार हुकूमत ने पीर को जात पात की मर्दुम-शुमारी के आदाद-ओ-शुमार जारी किए। उसके खिलाफ मंगल को सुप्रीमकोर्ट में दरखास्त दायर की गई थी जिसे अदालत ने कबूल कर लिया है। ताहम अदालत ने कहा कि वो इस मुआमले पर अभी कोई तबसरा नहीं करेगी। मुआमला 6 अक्तूबर को समाअत के लिए मुकर्रर है।