Top News

नर्स ने 7 नौजाईद बच्चों को कर दिया कत्ल

15 सफर उल मुजफ्फर 1445 हिजरी
सनीचर, 02 सितंबर, 2023
---------------------------

अकवाले जरीं
‘अल्लाह के जिक्र के बिना ज्यादा बातें न किया करो, ज्यादा बातें करना दिल की कसादत (सख्ती) का सबब बनता है और सख्त दिल शख्स अल्लाह को पसंद नहीं।’
- मिश्कवात
--------------------------------------------------

लंदन : आईएनएस, इंडिया

एक बर्तानवी नर्स को सात नौजाईदा बच्चों के कत्ल और छ: दूसरे बच्चों के कत्ल की कोशिश का मुजरिम ठहरा दिया गया है। न्यू इंगलैंड के शुमाल मगरिब के एक हस्पताल में नौ जाईदा बच्चों के एक यूनिट में काम करने वाली 33 साला नर्स के खिलाफ ये फैसला मानचेस्टर की अदालत में दस माह चले मुकद्दमे के बाद सुनाया गया है जिसके बाद नर्स को बर्तानिया की सबसे बड़ी सीरीयल चाइल्ड किलर बना दिया है। 
    नर्स को काउंटीस आफ चेस्टर के हस्पताल में पाँच नौजाईदा लड़कों और दो नौ जाईदा बच्चियों को हलाक करने और दूसरे नौ जाईदा बच्चों पर हमलों का मुजरिम ठहराया गया है। उसने ये वारदातें अक्सर उस वक़्त कीं, जब वो 2015 और 2016 में उस यूनिट में रात की शिफ्टों में काम कर रही थी। उसे कतल की कोशिशों के दो मुकद्दमात में कसूरवार नहीं पाया गया, जबकि छ: दूसरे मुश्तबा (संदिग्ध) हमलों में ज्यूरी में इत्तिफाक राय नहीं हो सकी। 
    इस्तिगासा के वकीलों ने मुकद्दमे के दौरान ज्यूरी को बताया कि नर्स नौजाईदा बच्चों के खून में हवा इंजेक्ट करती थी, उनके मादों में नेस्टो गेस्टरक टयूब के जरीये हवा या दूध दाखिल करती थी जबकि वो रगों के जरीये दी जाने वाली खुराक में इन्सोलीन शामिल कर देती थी और उनकी सांस लेने वाली टयूबों में भी मुदाखिलत करती थी। गिरफ़्तारी के बाद उसके घर की तलाशी लेने वाले पुलिस अफिसरों को हाथ से लिखा हुआ एक रुक्का मिला, जिस पर लिखा था ‘ मैंने उन्हें दानिस्ता तौर पर हलाक किया है, क्योंकि मैं उनकी देखभाल नहीं कर पा रही थी। मैं एक खौफनाक बुरी शख़्स हूँ, मैं बुरी हूँ, मैंने ये किया है।’ उसने जिन बच्चों पर हमले किए, उनमें से कुछ जुड़वां थे। एक वाकिये में उसने दोनों को कतल कर दिया। प्रासीक्यूशन सर्विस के एक सीनयर प्रासीक्यूटर ने कहा कि कि नर्स पर भरोसा किया गया था कि वो कुछ इंतिहाई कमजोर बच्चों की हिफाजत करेगी। उसके इर्द-गिर्द काम करने वाले ये बिलकुल नहीं जानते थे कि उनके दरमयान एक कातिल मौजूद है। 
    उसने मजीद कहा कि नर्स ने अपनी निगहदाशत में मौजूद बच्चों को बार-बार नुक़्सान पहुंचाने के अपने तरीकों में तबदीली के जरीये अपने जराइम को छिपाने की हर मुम्किन कोशिश की। नर्स को पीर के रोज सजा सुनाई जा रही है और उसे इंतिहाई तवील कैद और मुम्किना तौर पर एक गैरमामूली ताहयात सजा का सामना करना पड़ रहा है। 
    नर्स की कारगुजारी तब सामने आई जब जब सीनीयर डाक्टरों को इस बारे में फिक्र हुई कि नौ जाईदा बच्चों के उस यूनिट में, जहां वक्त से पहले पैदा होने या बीमार बच्चों का ईलाज होता था, जनवरी 2015 से सिर्फ 18 माह में इतनी ज्यादा मौते और बच्चों को बचाने में नाकामियाँ क्यों हो रही हैं। डाक्टरों को जब कोई तिब्बी वजह नहीं मिली तो पुलिस को बुलाया गया। प्रासीक्यूटर निक जॉनसन ने बताया कि एक तवील तफतीशी कार्रवाई के बाद ये निशानदेही हुई कि जब भी किसी वाकिये ने बदतर शक्ल इखतियार की, तो उस वक़्त बच्चों की निगहदाशत पर मामूर नर्स मुस्तकिल तौर पर वहां मौजूद थी। सोशल मीडीया पर की तसावीर में उसे एक खुश और मुस्कुराती हुई मसरूफ जिंदगी गुजारने वाली खातून के तौर पर पेश किया गया था, और एक फोटो में वो एक शीर खार बच्चे को झूला ­ाुलाती देखी गई थी। लेकिन कई माह तक उसके खिलाफ मुकद्दमात के दौरान अक्सर औकात सामने आने वाले परेशानकुन शवाहिद से जाहिर हुआ कि वो एक बदतरीन कीनापरवर कातिल थी। ज्यूरी को बताया गया कि नर्स ने किस तरह एक नौ जाईदा बच्ची को चार बार कतल की कोशिश की और आखिर कार चौथी बार उसे कत्ल कर ही दिया। एक और वाकिये में जब एक और मुतास्सिरा बच्चे की माँ उस वक़्त कमरे में दाखिल हुई, जब वो उसके जुड़वां बच्चों को मारने की कोशिश कर रही थी। उसने मां से कहा, मु­ा पर यकीन करें, मैं एक नर्स हूं। 
    गिरफ़्तारी के बाद सुराग रसानों को उसके घर से मुकद्दमे में शामिल बच्चों के हवाले से तहरीरी रिकार्ड और तिब्बी नुस्खे मिले। उसने मक़्तूल बच्चों के वालदैन और खानदानों को तलाश करने के लिए सोशल मीडीया पर सर्च भी की थीं। नर्स को जब 14 दिन की पेशी के बाद शवाहिद दिए गए तो वो रोने लगी और उसने कहा कि उसने कभी भी इन बच्चों को नुक़्सान पहुंचाने की कोशिश नहीं की और हमेशा सिर्फ उनकी देख-भाल की कोशिश की है। 
    उसने कहा कि इन बच्चों की अम्वात की एक वजह अमले की गैर मेयारी हिफाजती सूरत-ए-हाल और वार्ड के नाकिस हालात हो सकते हैं। उसने कहा कि मैंने कभी किसी बच्चे को कतल या उनमें से किसी को भी नुक़्सान नहीं पहुंचाया है। उसने दावा किया कि चार डाक्टरों ने यूनिट की नाकामियों का इल्जाम उस पर लगा कर उसके खिलाफ साजिÞश की है। नर्स ने ज्यूरी को बताया कि उसने रुक्के पर ये पैगाम, कि 'मैं बुरी हूँ' इसलिए लिखा था क्योंकि वो जजबाती हो गई थी और उसे महसूस हुआ था कि वो बहर-तौर ना-अहल थी या उसने कुछ गलत किया था। 
    उसके वकीलों ने मुकद्दमे के दौरान दलील दी कि बच्चों की अम्वात की कुदरती वजूहात हो सकती है या उनमें कुछ दूसरे अवामिल भी कारफरमा हो सकते हैं। सुराग रसानों का कहना है कि उन्हें नर्स के घर से ऐसी कोई गैरमामूली चीज नहीं मिली, जिससे ये तय किया जा सके कि वो एक कातिल कैसे बनी। तफतीश के सरबराह सुराग रसां सुपरींटेंंडेंट ने कहा कि सिर्फ एक ही शख़्स उसका जवाब दे सकता है, और वो है, खुद वो नर्स। बदकिस्मती से मैं नहीं समझता कि हमें कभी भी इस बारे में कुछ पता चलेगा। प्रासीक्यूशन ने कहा कि वो, सर्द-मेहर, जालिम थी, बे-इंतिहा झूटी थी, जिसने वाकियात के बारे में अपना बयान बार-बार बदला और उसके तहरीरी नोट को एक एतराफ समझा जाना चाहिए।

Post a Comment

if you have any suggetion, please write me

और नया पुराने