15 सफर उल मुजफ्फर 1445 हिजरी
सनीचर, 02 सितंबर, 2023
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अकवाले जरीं‘अल्लाह के जिक्र के बिना ज्यादा बातें न किया करो, ज्यादा बातें करना दिल की कसादत (सख्ती) का सबब बनता है और सख्त दिल शख्स अल्लाह को पसंद नहीं।’
- मिश्कवात
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✒ रियाद : आईएनएस, इंडिया
सऊदी अरब की हुकूमत की सरपरस्ती में होने वाले शाह अब्दुल अजीज बैन-उल-अकवामी हिफ़्ज कुरआन मुकाबले में वैसे तो हजारों कारी और हुफ़्फाज शिरकत कर रहे हैं, मगर किरगिजस्तान के नन्हे हाफिज-ए-कुरआन अब्दुल्लाह ईदू यूसुफ मुकाबले में छा गए।अब्दुल्लाह का कमाल ये है कि उसने कुरान-ए-पाक की तमाम आयात को सूरह, आयत नंबर और नुस्खे के सफा नंबर के साथ याद करके हिफ़्ज कुरआन की अपनी सलाहीयत का इजहार किया है। इसके अलावा वो आयात की तफसीर को भी समझते है और उनके शान नुजूल, मुताल्लिका आयत के सफे के आखिरी आयत, रुकू नंबर और जिस मुकाम पर आयत नाजिÞल हुई, उसका भी ब खूबी इल्म रखते हंै।
किरगिजस्तान के दार-उल-हकूमत बिशकेक से ग्रैंड प्राइज जीतने की बड़ी उम्मीदों के साथ मक्का मुकर्रमा आने वाले हाफिज-ए-कुरआन ने बारह साल की उम्र में कुरआन हिफ़्ज करना शुरू किया और 3 साल बाद मुकम्मल हिफ़्ज कर लिया। हाफिज ईदू यूसुफ ने कहा कि शाह अब्दुल अजीज बैन-उल-अकवामी मुकाबला बराए हिफ़्ज, तिलावत और तफसीर कुरआन के अड़तालीसवें सेशन में हिस्सा लेने के लिए उसे दिहात की सतह पर मुकामी मुकाबलों में हिस्सा लेना पड़ा, फिर शहरों और फिर कौमी सतह पर इन मुकाबलों में हिस्सा लेकर उन्होंने पहली पोजीशन हासिल की। उन्होंने कहा कि जब अल्लाह ताला ने उसे कुरान-ए-पाक को मुकम्मल तौर पर हिफ़्ज करने की नेअमत अता की तो उन्होंने कुरान-ए-पाक के उलूम को सीखना शुरू किया, जिसमें कुरआन के नुजूल के मुकामात भी शामिल हैं।
सूरतों की तर्तीब, आयात, सफा, सफा के शुरू और आखिर के साथ-साथ सूरह का आगाज और इखतेताम। मुकाबले में हिस्सा लेने वाले कम उमर कारी ने किंग अब्दुल अजीज बैन-उल-अकवामी मुकाबला बराए हिफ़्ज कुरआन में हिस्सा लेने पर फखर का इजहार करते हुए कहा कि ये हर उस शख़्स का खाब है, जो खुदा की मुकद्दस किताब को हिफ़्ज करता है। क्योंकि ये हरमैन शरीफैन की सरजमीन पर मुनाकिद किया गया है और ये मुकाबला ममलकत सऊदी अरब के बानी के नाम पर है। वो मुकाबले के हतमी (अंतिम) मराहिल में शामिल होने की तैयारी कर रहे हंै। उन्होंने कहा कि वो मक्का मुकर्रमा के बारे में बहुत कुछ सुनते थे, अब जाकर उन्हें मक्का मुकर्रमा देखना नसीब हुआ। ईदूसूफ ने सऊदी कियादत का शुक्रिया अदा किया कि खासतौर पर हिफ़्ज कुरआन के प्रोग्राम की सरपरस्ती करने पर खादिम हरमैन शरीफैन शाह सलमान बिन अब्दुल अजीज आॅल सऊद और इज्जत मआब वली अहद शहजादा मुहम्मद बिन सलमान का खुसूसी शुक्रिया किया।