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इराक : खतरनाक हद के करीब पहुंचा टेंपरेचर, कंपनियों को क्यों लहराना पड़ा बैगनी झंडा

15 सफर उल मुजफ्फर 1445 हिजरी
सनीचर, 02 सितंबर, 2023
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अकवाले जरीं
‘अल्लाह के जिक्र के बिना ज्यादा बातें न किया करो, ज्यादा बातें करना दिल की कसादत (सख्ती) का सबब बनता है और सख्त दिल शख्स अल्लाह को पसंद नहीं।’

- मिश्कवात

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इराक समेत दुनियाभर के लिए फिक्र का सबब 

✒बगदाद : आईएनएस, इंडिया 
इराक में गर्मी की शदीद लहर चल रही है। गुजिश्ता दिनों तारीख का सबसे ज्यादा दर्जा हरारत रिकार्ड किया गया है। कुछ इलाकों में दर्जा हरारत 50 डिग्री सेंटीग्रेड से तजावुज (पार) कर गया है। इस हवाले से तेल कंपनियां पहले से तैयार थीं। लोगों को खतरे से आगाह करने कंपनियों ने बनफ़्शी (बैगनी) झंडे लहरा दिए हैं। 
इराक : खतरनाक हद के करीब पहुंचा टेंपरेचर, कंपनियों को क्यों लहराना पड़ा बैगनी झंडा

    खबर के मुताबिक गुजिश्ता इतवार को दर्जा हरारत 52 डिग्री से तजावुज करने के बाद बसरा गवर्नमेंट में सरमाया कारी करने वाली तेल कंपनियों ने बनफ़्शी पर्चम बुलंद किया। इस झंडे से मुराद मुख़्तसर अल्ट्रा वायलट शुवाएं (किरणें) हैं जो इन्सानों के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक हैं। ये हीट स्ट्रोक का बाइस बनती हैं और जिस्म में जिंदा खलयात को हलाक करती हैं। बहुत सी कंपनियां अपने मुलाजमीन को सबसे ज्यादा एहतियात बरतने की तरफ माइल करने के लिए जान-बूझ कर भी इंतिबाही (चेतावनी) अलामत के तौर पर बनफ़्शी झंडा लहरा रही हैं। 
    मौसमियाती अथार्टी ने पहले ही इत्तिला दे दी थी कि 13 इलाकों में दर्जा हरारत 50 सेल्सियस से ज्यादा हो जाएगा। वाजेह रहे कि खानखेल स्टेशन में गुजिश्ता हफ़्ता को सबसे ज्यादा दर्जा हरारत 52.5 डिग्री रिकार्ड किया गया। ख़्याल रहे कि अकवाम-ए-मुत्तहिदा के इन्सानी हुकूक के हाई कमिशनर ने बुध को अपने दौरे के इखतेताम (समापन) पर खबरदार किया था कि इराक को ज्यादा दर्जा हरारत और खुश्कसाली (सूखे) का सामना है और ये सूरत-ए-हाल पूरी दुनिया के लिए एक चेतावनी है। उन्होंने कहा कि इराक में अपने दौरे के दौरान उन इलाकों में जहां दर्जा हरारत 50 डिग्री से बढ़ गया है, उन्होंने शदीद खुश्कसाली देखी। मुल्क के जुनूब में खेत बंजर हैं। उन्होंने चार रोजा दौरे के इखतताम पर इस बात पर भी जोर दिया कि ज्यादा दर्जा हरारत, खुश्कसाली और हयातयाती तनव्वो का नुक़्सान एक हकीकत बन गया है। इसे इराक और पूरी दुनिया के लिए एक इंतिबाह समझना चाहिए। 
    इराक मुसलसल चौथे साल अकवाम-ए-मुत्तहिदा के मुताबिक दुनिया में मौसमियाती तबदीलीयों से सबसे ज्यादा मुतास्सिर होने वाला पांचवां मुल्क है। हुक्काम दजला और फुरात के मंबा पर तुरकिया और ईरान की तरफ से बनाए गए डैमों को भी पानी की कमी का जिÞम्मेदार ठहराते हैं।

अरब अमीरात में दर्जा हरारत 50 डिग्री सेंटीग्रेड को पार कर गया

दुबई : मुत्तहदा अरब अमीरात में बढ़ती गर्मी ने हफ़्ते के रोज 50 डिग्री सेंटीग्रेड की हद को उबूर कर लिया। ये इस मौसम-ए-गर्मा का सबसे ज्यादा दर्जा हरारत है। नेशनल सेंटर आफ मेट्रालोजी (एनसीएम) के मुताबिक अमीरात अबूजबी के रीजन अल जफरा में वाके गांव वतीयद में पारा 50.8 डिग्री सेंटीग्रेड तक पहुंच गया। इससे कब्ल जुलाई में दर्जा हरारत 50 डिग्री से तजावुज कर गया था। 
    बढ़ती गर्मी और नमी की वजह से डाक्टरों ने लोगों को बराह-ए-रास्त सूरज की तपिश में ज्यादा वक़्त गुजारने और हाईडरेट रहने के लिए एक एडवाइजरी जारी की है, खासतौर पर स्कूलों के दुबारा खुलने के बाद बच्चों को मोहतात रहने की हिदायत की गई है। अरब खित्ते में गर्मी में शिद्दत आती जा रही है, साईंसदान इस रुजहान को ग्लोबल वार्मिंग करार दे रहे हैं, जो ग्लोबल वार्मिंग से इंतिहाई गर्मी की लहर की तरफ तबदील हो रही है और जंगल में आग लगने के हादसे बढ़ रहे हैं। 

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