Top News

फ्रÞांस : स्कूलों में इस्लामी इबाया पहनने पर पाबंदी आयद करने का फैसला

15 सफर उल मुजफ्फर 1445 हिजरी
सनीचर, 02 सितंबर, 2023

अकवाले जरीं
‘अल्लाह के जिक्र के बिना ज्यादा बातें न किया करो, ज्यादा बातें करना दिल की कसादत (सख्ती) का सबब बनता है और सख्त दिल शख्स अल्लाह को पसंद नहीं।’
- मिश्कवात
-----------------------------------------------------

पेरिस : आईएनएस, इंडिया 

फ्रÞांसीसी वजीर-ए-तालीम ने स्कूलों में मुसलमान तालिबात के इबाया पहनने पर पाबंदी आयद करने का ऐलान किया है। उनका कहना है कि ये लिबास तालीम के हवाले से फ्रÞांस के सख़्त सेक्यूलर कवानीन की खिलाफवरजी है। वजीर-ए-तालीम गैब्रियल अटल ने टीएफ वन टेलीविजन से बात करते हुए कहा कि अब स्कूलों में इबाया पहनना मुम्किन नहीं होगा। 4 सितंबर से मुल्क भर में क्लासों की वापसी से कब्ल इस सिलसिले में स्कूल सरबराहान को कौमी सतह पर इबाया पर पाबंदी आयद करने कहेंगे। 
फ्रÞांस : स्कूलों में इस्लामी इबाया पहनने पर पाबंदी आयद करने का फैसला

    वाजेह रहे कि फ्रÞांस ने 19 वीं सदी के कवानीन के बाद से सरकारी स्कूलों में मजहबी अलामात पर सख़्त पाबंदी आयद कर रखी है। वो सरकारी इदारों में तालीम से रिवायती कैथोलिक असर-ओ-रसूख के खातमे और बढ़ती मुस्लिम अकलीयत से निमटने के लिए रहनुमा खुतूत की तजदीद कर रहा है। फ्रÞांस ने 2004 में स्कूलों में हिजाब ओढ़ने पर पाबंदी आयद कर दी थी और 2010 में अवामी मुकामात पर मुकम्मल चेहरे के निकाब पर पाबंदी लगा दी थी, जिससे उसकी 50 लाख मुस्लिम कम्यूनिटी में से कसीर तादाद ने नाराजी का इजहार किया था। 
    सेक्लारिज्म का दिफा फ्रÞांस में एक जोरदार सियासी नारा है और ये रोशन ख़्याली की लिबरल इकदार की हिमायत करने वाले बाएं बाजू से लेकर इंतिहाई दाएं बाजू के वोटरों तक पूरे सियासी मंजर नामे में गूंज रहा है। ये तबकात फ्रÞांसीसी मुआशरे में इस्लाम के बढ़ते किरदार के खिलाफ आवाज उठाते रहते हैं। इसी के तसलसुल में वजीर-ए-तालीम गैब्रियल अटल ने टीवी इंटरव्यू में कहा कि मैंने फैसला किया है कि अब स्कूलों में इबाया नहीं पहना जा सकेगा क्योंकि जब आप क्लास में दाखिल होते हैं तो आपको सिर्फ तलबा या तालिबात को देखकर उनके मजहब की शनाख़्त नहीं होनी चाहिए।

इबाया पर पाबंदी का फैसला तन्कीद की जद में

    फ्रÞांसीसी कदामत पसंदों ने पीर को सरकारी स्कूलों में बच्चों के इबाया पहनने पर पाबंदी के हुकूमती फैसले को सराहा है जबकि दूसरी जानिब इस फैसले पर तन्कीद भी हो रही है और कुछ इसका मजाक भी उड़ा रहे हैं। 
    बर्तानवी न्यूज एजेंसी के मुताबिक फ्रÞांस ने अवामी तालीम से रिवायती कैथोलिक असर-ओ-रसूख को हटा दिया है, लेकिन मुस्लिम अकलीयत, जिसकी तादाद में इजाफा हो रहा है, से निमटने के लिए गाईड लाईन्ज को अपडेट करने के लिए जद्द-ओ-जहद कर रहा है। वजीर-ए-तालीम गैब्रियल अटल ने इतवार को लगने वाली पाबंदी के हवाले से एक न्यूज कान्फें्रस में कहा कि हमारे स्कूलों को मुसलसल आजमाईश में डाला जाता है। कदामत पसंद रिपब्लिकन पार्टी के सरबराह एरिक सेव्टी ने हुकूमती इकदाम का खैरमकदम किया जबकि इंतिहाई बाएं बाजू की फ्रÞांस इनसो मैस की रुक्न पार्लियामेंट क्लेमैन्टाइन ओटेन ने उसे तन्कीद का निशाना बनाया है। उधर फ्रÞांस के स्कूल प्रिसिपल्ज की तंजीम ने हुकूमती फैसले का खैरमकदम किया है। नेशनल सेक्रेटरी ने कहा, हम मुतमइन हैं, क्योंकि फैसला किया जा चुका है। दूसरी जानिब फ्रÞांसीसी काउंसिल आफ दी मुस्लिम फेथ के नायब सरबराह अब्दुल्लाह जिकरी ने कहा कि इबाया मजहबी लिबास नहीं बल्कि ये एक किस्म का फैशन है।


Post a Comment

if you have any suggetion, please write me

और नया पुराने