✒ न्यूयार्क : आईएनएस, इंडिया
रूस में आजमाईशी बुनियादों ΄ार इस्लामिक बैंकिंग का आगाज किया जा रहा है। रवां बरस अगस्त में सदर व्लादीमीर पुतिन ने रूस में इस्लामी बैंकिंग मुतआरुफ करने की मंजूरी दी थी। सदारती हुकमनामे के मुताबिक एक सितंबर से शुरू होने वाला इस्लामिक बैंकिंग का ΄ा्रोग्राम आइन्दा दो बरस तक रूस के मर्कजी बैंक की निगरानी में आजमाईशी बुनियादों ΄ार जारी रहेगा।
इबतिदाई तौर ΄ार इस्लामिक बैंकिंग का ΄ा्रोग्राम मुस्लिम अक्सरीयती खित्तों तातारिस्तान, बुखारिस्तान, चेचन्या और दागिस्तान में मुतआरुफ कराया जा रहा है। इन इलाकों में ΄ा्रोग्राम की कामयाबी की सूरत में रूस के दीगर खित्तों के लिए भी इसे मुतआरुफ कराया जाएगा। इससे कब्ल रूस की पार्लियामेंट ने रूस के मुस्लिम अक्सरीयती खित्तों में आजमाईशी बुनियादों (ट्रायल बेस) ΄ार इस्लामिक बैंकिंग का आजमाईशी ΄ा्रोग्राम शुरू करने की मंजूरी दी थी। वाजेह रहे कि इस्लामी बैंकिंग में कर्ज देने या लेने की सूरत में सूद के लेन-देन की इजाजत नहीं होती है। रूस में कम-ओ-बेश ढाई करोड़ मुस्लमान आबादी मौजूद है और हुकूमत के हालिया इकदाम से ΄ाहले भी यहां इस्लामी मालीयाती इदारे काम कर रहे थे। एक सितंबर से शुरू होने वाला इस्लामिक बैंक का ΄ा्रोग्राम हुकूमत की जानिब से अ΄ानी नौईयत (प्रकृति, नेचर) का ΄ाहला कदम होगा। मुबस्सिरीन (सलाहकार) अगरचे इस इकदाम को व्लादीमीर पुतिन की हुकूमत की जानिब से मुस्लमान आबादी की हिमायत हासिल करने की कोशिश करार दे रहे हैं, ताहम बाअज माहिरीन के ख़्याल में इस्लामी बैंकिंग का बढ़ता आलमी हुजूम और यूक्रेन जंग के बाइस रूस को दर΄ोश मआशी मसाइल भी इसकी वजह में शामिल हैं।
न्यूज एजेंसी की रि΄ोर्ट के मुताबिक आलमी सतह ΄ार इस्लामिक बैंकिंग सेक्टर की सालाना शरह (दर) चालीस फीसद है और 2025 तक उसका मुतवक़्के हुजम तकरीबन 77 खरब डालर हो सकता है। रूस की मुमताज माहिर मईशत (फायनेंशियल एक्सपर्ट) अलवीरा कलीमोलेना का कहना है कि रूस में तेजी से फैलती इस्लामी बैंकिंग की मार्केट में सरमाया कारों (इन्वेस्टर) और कर्ज लेने वालों को तहफ़्फुज फराहम करने के लिए कवाइद-ओ-जवाबत (नियम-कानून) मुतआरिफ कराना जरूरी था।
माहिरीन के मुताबिक रूस में 2008 के इकतिसादी बोहरान (आर्थिक संकट) के बाद इस्लामी बैंकिंग के आगाज ΄ार गौर शुरू किया गया था। उस वक़्त रूस के मालीयाती शोबे को लिक्वीडिटी के मसाइल से निकलने के लिए सरमाए के मुतबादिल जराइआ की तलाश थी। ताहम (हालांकि) रूस को 2014 में मगरिबी ममालिक की जानिब से इकतिसादी ΄ााबंदीयों का सामना करना ΄ाड़ा तो इस्लामिक बैंकिंग मुतआरिफ कराने की तजवीज ΄ार तेजी से काम शुरू हुआ। यूक्रेन जंग के बाद रूस को मगरिबी ममालिक की जानिब से एक-बार फिर इकतिसादी ΄ााबंदीयों का सामना है। रूस में कर्ज फराहम करने वाले रूस के सबसे बड़े बैंक की सदर का कहना है कि इन इकतिसादी ΄ााबंदीयों (आर्थिक नाकाबंदी) की वजह से रूस और मगरिब के दरमयान फासला बढ़ा और मास्को मशरिकी ममालिक के ज्यादा करीब हुआ है। वो इस्लामिक बैंकिंग के ΄ा्रोग्राम को भी इसी जानिब कदम करार देती हैं। उनके मुताबिक रूस के मुस्लिम अक्सरीयती इलाकों को खासतौर ΄ार मशरिक- वुुसता (मध्य-पूर्व) और दीगर सरमायाकारों के लिए ΄ाुर कशिश तसव्वुर किया जाता है। इसलिए रूस ने इन इलाकों में तजुर्बाती तौर ΄ार इस ΄ा्रोग्राम का आगाज किया है। अलवीरा कलीमोलेना समेत दीगर माहिरीन-ए-मईशत का ख़्याल है कि इस्लामिक बैंकिंग के ΄ा्रोग्राम से रूसी मईशत ΄ार गैरमामूली असरात नहीं होंगे।
मास्को : अगर ये प्रोग्राम कामयाब होता है तो इसे मुल्क के बाकी हिस्सों में भी नाफिज किया जाएगा। सदर पुतिन की मंजूरी के बाद रूस ने एक सितंबर को दो साला पायलेट प्रोग्राम के हिस्से के तौर पर चार बड़े मुस्लिम अक्सरीयती इलाकों चेचन्या, दागिस्तान, तातारिस्तान और बशकोरतस्तान में इस्लामी बैंकारी निजाम का आगाज कर दिया है। इस्लामी बैंक शरई कानून के तहत काम करता है और सूद के लेन-देन से रोकता है। इससे मुराद ये है कि रिवायती बैंक के उलट कर्ज अदा करने में देरी होने पर कोई मुकर्ररा फीस वसूल नहीं की जाती। इस्लामी बैंक बुनियादी लेन-देन पैदा करने पर मबनी (आधारित) है जिसके नतीजे में सूद के बहाव की बजाय आमदनी का बहाव होता है। इस्लामी बैंक में शराब, तंबाकू, जुए की सरगर्मियों और बालिग तफरीही सनअत (उद्योग) वगैरा के लिए कर्ज नहीं दिया जाता। कलीमलेना ने कहा कि इस्लामी बैंक का खुलासा ये है कि हर लेन-देन हकीकी, हलाल असासों पर मबनी होना चाहिए और मआशी तरक़्की का सबब बनना चाहिए।