3 सफर उल मुजफ्फर 1445 हिजरी
पीर, 21 अगस्त, 2023
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अकवाले जरीं‘नमाजों में एक नमाज ऐसी है, जो किसी से छूट जाए तो गोया उसका घर-बार सब बर्बाद हो गया। वो नमाज, नमाजे असर है।’
- सहीह बुखारी
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✒ नई दिल्ली : आईएनएस, इंडिया
इमाम मस्जिद, हाफिज मुहम्मद साद अपनी जवां साली में भी नशा जवानी में डूबे नहीं थे, बल्कि मुल्क में अमन की दुआएं करते रहते थे, उन्हें फकत मुस्लमान होने की पादाश में फिरका परस्तों की जुनूनी भीड़ ने शहीद कर दिया।उनकी ‘ऐसा हिन्दोस्तान बना दे या अल्लाह’ पढ़ी गई नज्म सोशल मीडीया पर खूब वाइरल हो रही है। ख़्याल रहे कि हरियाणा के नूह में जुनूनी जाफरानियों की भीड़ के जरीया भड़काई गई तशद्दुद की आग गुरु ग्राम में भी लगी। गुरु ग्राम की अंजुमन मस्जिद को इस जुनूनी भीड़ ने आग के हवाले कर दिया और 22 साला नायब इमाम हाफिज साद को सफाकाना तरीका से शहीद कर दिया। हस्पताल पहुंचने तक उनकी मौत हो चुकी थी। ताहम अब शहीद इमाम साद की एक वीडीयो सोशल मीडीया पर वाइरल हो रही है।
वाइरल वीडीयो में शहीद इमाम हाफिज मुहम्मद साद हुब्ब-उल-वतनी पर मबनी नगमा गा रहे हैं जिसमें वे कह रहे हैं ‘हिंदू-मुस्लिम खाए इक थाली में, ऐसा हिन्दोस्तान बना दे या अल्लाह।’ इस वीडीयो को जाकिर अली त्यागी नामी सारिफ ने अपने टवीटर एकाऊंट पर शेयर किया है। कैप्शन में जाकिर अली ने लिखा कि ये वही शहीद हाफिज साद हैं, जिन्हें गुड़गांव में अंजुमन मस्जिद में आग लगाने के बाद सफाकाना तरीका से शहीद कर दिया गया, ये उसी मस्जिद के इमाम हैं, जो अपने खुदा से मुल्क में अमन-ओ-अमान की दुआ कर रहे हैं।
वहीं इमाम की शहादत के बाद एआईएमआईएम के सरबराह असद उद्दीन उवैसी ने उनके अहले खाना से बात की। इस गुफ़्तगु की रिकार्डिंग का एक वीडीयो ट्वीट किया गया, जिसे उवैसी ने री ट्वीट किया। जिसमें इमाम साद के वालिद मुश्ताक को ये कहते हुए सुना जाता है कि हमें निशाना बनाया जा रहा है, उलमा को निशाना बनाया जा रहा है, दाढ़ी वालों को निशाना बनाया जा रहा है, ना तो सड़कों पर दूकान लगाने की इजाजत है और ना ही पटरी लगाने की इजाजत है। ये कहां का इंसाफ है, इस पर उवैसी कहते हैं, आप बिलकुल ठीक कहते हैं। आप हिम्मत से काम लें, हम उसके खिलाफ लड़ेंगे, हौसला बनाए रखें।