8 सफर उल मुजफ्फर 1445 हिजरी
सनीचर, 26 अगस्त, 2023
अकवाले जरींऔरतों का मर्दों की मुशाबहत इख़्तियार करना, मर्दाना लिबास पहनना गुनाह व हराम है। उम्मुल मोमिनीन, हजरत आइशा सिद्दीका (रजिÞयल्लाहु अन्हा) से किसी ने अर्ज किया, एक औरत मर्दों की तरह जूते पहनती है। उम्मुल मोमिनीन (रजिÞयल्लाहु अन्हा) ने फरमाया, रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम) ने मर्दानी औरतों पर लानत फरमाई है।
- अबू दाऊद
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28 अगस्त को कोठिया, शाहपुरा में महा पंचायत
✒cमोहम्मद हासम अली : अजमेर
आल इंडिया मंसूरी समाज की 28 अगस्त को कोठिया, शाहपुरा में महा पंचायत मुनाकिद की गई है। मआशरे के रियासती सदर रियाज अहमद मंसूरी ने बताया कि महा पंचायत में मंसूरी विकास बोर्ड की तशकील समेत दीगर मुद्दों पर तबादला-ए-ख्याल किया जाएगा।रियाज अहमद मंसूरी के मुताबिक राजस्थान में अकलीयती बिरादरी में सबसे जाईद आबादी वाले मंसूरी मआशरे के तकरीबन 40 लाख लोग मुकीम हैं। हिंदूस्तान भर में मंसूरी मआशरे की आबादी तकरीब 6,करोड़ है। उन्होंने कहा कि इस्तेसादी (आर्थिक) तौर पर राजस्थान में मुकीम मंसूरी मआशरा काफी पिछड़ा हुआ है। खुसूसी तौर पर ये मआशरा कपास और तेल के कारोबार से जुड़ा हुआ है। रुई पिंदना और घाणी से तेल निकालने जैसा मआशरे के खुसूसी रोजगार की हालत दिनोदिन खराब होती जा रही है। जनाब रियाज ने कहा कि मआशरे को मेन स्ट्रीम से जोड़े रखने के लिए रोजगार के बेहतर मौके तलाश करना बेहद जरूरी हो गया है। इसके लिए मआशरे की जानिब से गुजिश्ता दो सालों से गहलोत सरकार से लगातार ‘मंसूरी विकास बोर्ड’ की तशकील की मांग की जा रही है लेकिन उनकी मांग पर कोई अमल नहीं हो रहा है।
उन्होंने बताया कि वजीरे आला अशोक गहलोत व सरकार के दीगर वजीरों व विधायकों को सभी जिला विधानसभा से कई बार इस सिलसिले में मेमोरेंडम दिया जा चुका है। यही नहीं, वजीरे आला अशोक गहलोत से उनकी रिहाइश पर जाती तौर पर मिलकर ने मुख्यमंत्री निवास पर 3,बार मिलकर अपनी पीड़ा रखी है जिस मआशरे की हालत विकास बोर्ड की तशकील की मांग की जा चुकी है। वजीरे आला जनाब गहलोत ने मआशरे को उनकी जायज मांग पर जल्दी अमल करने की यकीन दहानी कराई गई थी। उन्होंने कहा कि मंसूरी मआशरे का 99 फीसद वोट कांग्रेस को जाता है। इसके बावजूद उनकी मांग पर अब तक कोई अमल नहीं हुआ।
मुसलमानों को वोट बैंक न समो कांग्रेस
रियासती सदर जनाब रियाजुद्दीन मंसूरी ने कहा कि लंबे समये से की जा रही उनकी मांग पर कोई अमल न होने से तय है कि कांग्रेस सरकार मुसलमानों को वोट बैंक से ज्यादा अहमियत नहीं देती। उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार ने हाल ही में कई छोटे-बड़े मआशरे की तरक्की के लिए बोर्ड तशकील दिया है सिर्फ मुस्लिम मआशरे के लिए की जा रही एक अदद बोर्ड की मांग की अनदेखी की जा रही है। गौरतलब है कि अपनी मांग को लेकर गहलोत सरकार को जगाने मंसूरी समाज के एक दल मुबारक मंसूरी की कयादत में भीलवाड़ा से वजीरे आला की रिहाइश तक पैदल मार्च कर चुका है। यही नहीं, अपनी मांग के सिलसिले में मुबारक मंसूरी ने अपने खून से वजीरे आला को खत भी तहरीर कर चुके हैं। इसके बावजूद गहलोत सरकार की नींद नहीं टूटी। उन्होंने कहा कि इससे तय है कि कांग्रेस सरकार मुसलमानों को महज वोट समाती है। लेकिन इस बार इंतेखाब में ऐसा नहीं होगा। उन्होंने कहा कि अगर मंसूरी विकास बोर्ड का गठन नहीं किया जाता है, तो कांग्रेस सरकार को मआशरे का कोई वोट नहीं करेगा। इसकी बजाए जो पार्टी मुसलमानो की तरक्की की बात करेगी, वोट उसे जाएगा।जनाब रियाजुद्दीन ने आचार सहिंता लगने से पहले उनकी मांग पर ध्यान देने की गुजारिश करते हुए इस बात की चेतावनी दी है कि उनकी मांग की अनदेखी इस बार कांग्रेस सरकार को महंगी पड़ सकती है।