14 सफर उल मुजफ्फर 1445 हिजरी
जुमा, 01 सितंबर, 2023
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अकवाले जरीं
‘नमाजों में एक नमाज ऐसी है, जो किसी से छूट जाए तो गोया उसका घर-बार सब बर्बाद हो गया। वो नमाज, नमाजे असर है।’
फलस्तीन की तीन मसाजिद में अलहुफफाज प्रोजेक्ट के तहत 1471 बच्चों और बच्चियों ने कुरआन-ए-करीम हिफ़्ज किया था और ये अपने आखिरी इमतिहान के लिए मसाजिद में जमा हुए थे। इस इमतिहान के दौरान हुफ़्फाज किराम को एक ही नशिस्त में मुकम्मल कुरआन-ए-करीम सुनाना होता है।
इस दौरान एक बच्चे ने एक भी गलती किए बगैर 8 घंटे में कुरआन-ए-करीम सुना कर नया रिकार्ड कायम कर दिया। कुरआन खत्म करते ही बच्चे समेत उसके वालिद, भाई और असातिजा अल्लाह के हुजूर सजदा शुक्र में गिर गए। इन हुफ्फाज किराम को खिराज-ए-तहिसीन पेश करते हुए अलहुफफाज के डायरेक्टर नाजी अल जाफरावी का कहना था कि हमारे प्रोग्राम का मकसद है कि फलस्तीनी मुआशरे में कुरआन की एहमीयत को उजागर किया जाए। गुजिशता साल के 581 बच्चों ने कुरआन-ए-करीम हिफ़्ज करने की सआदत हासिल की थी।
उन्होंने बताया कि तिलावत प्रोग्राम में गजा शहर की अल तकवा और फलस्तीन की मसाजिद में हिफ़्ज करने वाले तलबा और तालिबात ने भी हिस्सा लिया। सबसे कम उमर हाफिज की उम्र आठ और सबसे बड़ी उम्र के हाफिज की उम्र 72 साल थी। प्रोग्राम में 163 मर्द-ओ-खवातीन असातिजा, 34 सिक्योरटी अहलकार और 90 डाक्टरज, हकीमों और फार्मासिस्ट ने शिरकत की।
‘नमाजों में एक नमाज ऐसी है, जो किसी से छूट जाए तो गोया उसका घर-बार सब बर्बाद हो गया। वो नमाज, नमाजे असर है।’
- सहीह बुखारी
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✒ गजा : आईएनएस, इंडिया
फलस्तीन में एक बच्चे ने नया रिकार्ड कायम करते हुए बिना कोई गलती किए मुसलसल 8 घंटे तलावत कर अपने असातिजा किराम को कुरआन सुना दिया। रिपोर्ट के मुताबिक दुनियाभर में फलस्तीनी नौजवान को खिराज-ए-तहिसीन पेश किया जा रहा है जबकि उसके वालदैन और असातिजा किराम को मुबारकबा दी जा रही है।फलस्तीन की तीन मसाजिद में अलहुफफाज प्रोजेक्ट के तहत 1471 बच्चों और बच्चियों ने कुरआन-ए-करीम हिफ़्ज किया था और ये अपने आखिरी इमतिहान के लिए मसाजिद में जमा हुए थे। इस इमतिहान के दौरान हुफ़्फाज किराम को एक ही नशिस्त में मुकम्मल कुरआन-ए-करीम सुनाना होता है।
इस दौरान एक बच्चे ने एक भी गलती किए बगैर 8 घंटे में कुरआन-ए-करीम सुना कर नया रिकार्ड कायम कर दिया। कुरआन खत्म करते ही बच्चे समेत उसके वालिद, भाई और असातिजा अल्लाह के हुजूर सजदा शुक्र में गिर गए। इन हुफ्फाज किराम को खिराज-ए-तहिसीन पेश करते हुए अलहुफफाज के डायरेक्टर नाजी अल जाफरावी का कहना था कि हमारे प्रोग्राम का मकसद है कि फलस्तीनी मुआशरे में कुरआन की एहमीयत को उजागर किया जाए। गुजिशता साल के 581 बच्चों ने कुरआन-ए-करीम हिफ़्ज करने की सआदत हासिल की थी।
कुरान शरीफ का आलमी दिन, गजा में 1500 हुफ़्फाज ने एक ही नशिस्त में की इजतिमाई तिलावत
गजा : गुजिश्ता रोज फज्र के वक़्त गजा की मस्जिद इमाम अलशाफई में 1471 हुफ़्फाज किराम ने अल हुफ्फाज प्रोजेक्ट के एक हिस्से के तौर पर एक ही नशिस्त में कुरआन-ए-मजीद की तिलावत शुरू की। प्रोग्राम का एहतिमाम दार उल-कुरआन-ओ-सुन्नत एसोसीएशन की जानिब से किया गया था। गजा में सोसाइटी के जनरल डायरेक्टर डाक्टर बिलाल इमादा ने बताया कि इजतिमाई तिलावत फज्र के वक़्त शुरू हुई जो नमाज मगरिब तक जारी रही।उन्होंने बताया कि तिलावत प्रोग्राम में गजा शहर की अल तकवा और फलस्तीन की मसाजिद में हिफ़्ज करने वाले तलबा और तालिबात ने भी हिस्सा लिया। सबसे कम उमर हाफिज की उम्र आठ और सबसे बड़ी उम्र के हाफिज की उम्र 72 साल थी। प्रोग्राम में 163 मर्द-ओ-खवातीन असातिजा, 34 सिक्योरटी अहलकार और 90 डाक्टरज, हकीमों और फार्मासिस्ट ने शिरकत की।