14 सफर उल मुजफ्फर 1445 हिजरी
जुमा, 01 सितंबर, 2023
अकवाले जरीं
‘नमाजों में एक नमाज ऐसी है, जो किसी से छूट जाए तो गोया उसका घर-बार सब बर्बाद हो गया। वो नमाज, नमाजे असर है।’
- सहीह बुखारी
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✒ लंदन : आईएनएस, इंडिया
डेनमार्क हुकूमत ने कहा है कि वो ऐसी कानूनसाजी पर गौर कर रही है, जिसके तहत अवामी मुकामात पर कुरआन-ए-मजीद को नजर-ए-आतिश करना गै़रकानूनी करार दिया जाएगा। न्यूज एजेंसी राइटर्स के मुताबिक डेनमार्क के इस बयान को मुतअद्दिद (कई) इस्लामी मुल्कों के साथ बढ़ती कशीदगी (तनाव) कम करने की एक कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।
डेनमार्क के वजीर इन्साफ पीटर हामलगार्ड ने जुमे को एक पे्रस कान्फ्रेंस में बताया कि हुकूमत ऐसी कानूनसाजी तजवीज कर रही है, जिसके तहत ऐसी चीजों के साथ नामुनासिब अंदाज इखतियार करने पर पाबंदी होगी जो किसी मजहब के मानने वाली कम्यूनिटी के अकाइद के लिए एहमीयत की हामिल हों। उनका कहना था कि मुजव्वजा कानूनसाजी के तहत अवामी मुकामात पर कुरआन-ए-मजीद या तौरात को नजर-ए-आतिश करने जैसे काम काबिल-ए-सजा हो जाएंगे। गौरतलब है कि हालिया अर्से में डेनमार्क और स्वीडन में अवामी मुकामात पर नाम निहाद एहतिजाज के दौरान कुरआन-ए-मजीद की तौहीन और नजर-ए-आतिश करने के मुतअद्दिद वाकियात पेश आए थे। उन वाकियात के बाद इस्लामी दुनिया में सख़्त एहतिजाज देखने में आया और शहरीयों के मुजाहिरों के साथ वहां की हुकूमतों ने भी नॉर्डिक खित्ते के इन दो मुल्कों से मुतालिबा किया कि ऐसे नफरतअंगेज इकदामात पर पाबंदी आइद की जाए।
गौरतलब है कि कुरआन-ए-मजीद को नजर-ए-आतिश किए जाने के वाकियात के बाद मुल्क की सरहदों पर कड़ा पहरा आइद कर दिया गया था जिसे बुध को उठा लिया गया था। डेनमार्क की हुकूमत ने गुजिश्ता दिनों एक बयान में कहा था कि वो कुरआन-ए-मजीद को नजर-ए-आतिश करने वाले एहतिजाज और इकटठे होने पर पाबंदी आइद करने पर गौर कर रही है।
अरब हुकूमत ने किया खैर मकदम
दुबई : अरब लीग के कानूनसाज इदारे अरब पार्लियामेंट ने डेनमार्क में किसी भी आसमानी किताब की बे-हुरमती को जुर्म करार देने के हुकूमती फैसले का खैर मकदम किया है। खबर के मुताबिक मुट्ठीभर इस्लाम मुखालिफ कारकुनों की जानिब से कुरआन-ए-करीम की बे-हुरमती के बाद डेनमार्क की मर्कजी दाएं बाजू की हुकूमत ने मुजव्वजा कानून मुतआरिफ करवाया है। अरब पार्लियामेंट के स्पीकर आदिल बिन अब्दुल अल रहमान अल असोमी ने एक बयान में इस उम्मीद का इजहार किया कि ये फैसला उन घिनौने जराइम को कम करने में मुसबत (सकारात्मक) किरदार अदा करेगा, जिनका मुशाहिदा डेनमार्क ने हाल ही में कुरआन-ए-करीम के नुस्खे़ नजर-ए-आतिश कर के किया था।
उन्होंने स्वीडन और दीगर ममालिक पर जोर दिया कि वो इस सिलसिले में डेनमार्क की मिसाल पर अमल करें। उन्होंने योरपी पार्लियामेंट से भी कहा कि वो इजतिमाई सतह पर ऐसा ही कानून इखतियार करे ताकि ये यकीनी बनाया जा सके कि मजहबी मुकद्दसात और अलामात को मजरूह ना किया जाए।