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रोहंग्या मुसलमानों का दुखड़ा, हर रात हम गोली चलने की सुनते हैं आवाज, खौफ होता है हमारी अगली सुबह होगी या नहीं

6 मुहर्रम-उल-हराम 1445 हिजरी
मंगल, 25 जुलाई, 2023
अकवाले जरीं
‘हसन और हुसैन (रदिअल्लाहो अन्हो) मेरे बेटे और मेरी बेटी फातिमा (रदिअल्लाहो अन्हो) के बेटे हैं, मैं इन दोनों से मोहब्बत करता हूं, तू भी इन दोनों से मोहब्बत फरमा और इन दोनों से मोहब्बत करने वालों से भी मोहब्बत फरमा।’
- बुखारी शरीफ

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ढाका : आईएनएस, इंडिया
‘खुद से 14 साल बड़े शख़्स से शादी कर लो वर्ना तुम्हारे बाप और भाई को मार देंगे।’ ये धमकी बंगला देश में रोहंग्या पनाह गुजीन कैंप की एक 14 साला लड़की के लिए जिंदगी और मौत का सवाल बन गई है। कैंप एक मुसल्लह (हथियारबंद) ग्रुप के रुकन ने उसके बाप और भाई को पकड़ लिया था और उन्हें तब छोड़ा, जब उसने पहले से शादीशुदा एक 28 साला शख़्स से शादी के लिए हाँ की और अब दो साल से मुस्तकिल ज्यादती सहना उसका मुकद्दर बन गया है। 
रोहंग्या मुसलमानों का दुखड़ा, हर रात हम गोली चलने की सुनते हैं आवाज, खौफ होता है हमारी अगली सुबह होगी या नहीं
- Image google

    बंगला देश में कैम्पों में मुकीम रोहंग्या पनाह गुजीन जिन बेशुमार मसाइल का शिकार हैं, उनमें से ये सिर्फ एक है, जो इन्सानी हुकूक की तंजीम हयूमन राइट्स वाच ने अपनी हालिया रिपोर्ट में बयान किया। बंगला देश में पनाह गुजीनों की बहाली और वतन वापसी के कमिशनर मीजान अल रहमान ने कहा है कि बैन-उल-अकवामी तंजीमें रोहंग्या पनाह गुजीनों को कानूनी मदद फराहम कर रही है, चुनांचे हुकूमत निजाम-ए-इन्साफ तक रसाई में रुकावट पैदा नहीं कर रही। हयूमन राइट्स वाच ने बुध के रोज अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि बंगला देश के हुक्काम मुसल्लह ग्रुपों और जराइमपेशा गिरोहों के बढ़ते तशद्दुद से रोहंग्या पनाह गुजीनों की खातिर-ख़्वाह हिफाजत में नाकाम रहे हैं क्योंकि पुलिस और कानूनी और तिब्बी इमदाद तक रसाई में कई सतह पर रुकावटें मौजूद हैं। 
    मीजान अल रहमान ने कहा कि गुजिश्ता छ: साल के दौरान जो कुल 150 अफराद मारे गए, उनके कत्ल के मुकद्दमात दर्ज हो चुके हैं, बाअज में सजा भी सुनाई जा चुकी है और हुकूमत को इन्साफ यकीनी बनाने से कोई इखतिलाफ नहीं है। हयूमन राइट्स वाच ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि हुक्काम रोहंग्या लीडरों को मुखबिरों का काम करने पर मजबूर करते रहे हैं जो उन्हें शदीद खतरात में डालता है और उन्हें कोई तहफ़्फुज भी हासिल नहीं होता। 
    हयूमन राइट्स वाच ने अपनी रिपोर्ट में रोहंग्या के खिलाफ तशद्दुद के 26 वाकियात का इंदिराज किया है, जिनमें कतल, अगवा, ईजा रसानी, आबरू रेजी, जिन्सी हमले और जबरदस्ती शादी के वाकियात शामिल हैं, जिनमें जनवरी से अप्रैल 2023 तक 45 रोहंग्या पनाह गुजीनों को इंटरव्यू किया गया और पुलिस और मेडिकल रिपोर्टस से शहादत हासिल की गई। रिपोर्ट के मुताबिक मुतास्सिरीन का कहना है कि पुलिस और कानूनी और तिब्बी इमदाद तक रसाई में कई रुकावटें हैं और हुक्काम उनके तहफ़्फुज, उनकी हिफाजत का इंतिजाम बेहतर बनाने और जिÞम्मेदारों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई में नाकाम रहे हैं। हयूमन राइट्स वाच में एशिया के लिए डिप्टी डायरेक्टर मिनाक्षी गंगोली कहती हैं रोहंगया पनाह गुजीनों की हिफाजत के लिए वजीर-ए-आजम शेख हसीना के माजी में किए गए वाअदे पर तशद्दुद ग्रुपों और बेनयाज निजाम-ए-इन्साफ की वजह से खतरे में पड़ गए हैं। 
    उन्होंने कहा, रोहंगया को उनके मुल्क वापिस भेजने के बंगला देशी हुक्काम के तेजी से सामने आने वाले अजाइम के बावजूद हुकूमत उनके तहफ़्फुज को यकीनी बनाने से बरी नहीं हो सकती। बंगला देशी हुक्काम ने कहा है कि 2022 में मुसल्लह ग्रुपों ने 40 से ज्यादा रोहंगया पनाह गुजीनों को हलाक किया जबकि 2023 के पहले छ: माह में कम अज कम 48 रोहंगया मारे गए। रोहंगया कहते हैं कि तादाद इससे कहीं ज्यादा है। उनका कहना है कि 6 और 7 जुलाई को तीन वाकियात में 7 पनाह गुजीन मार दिए गए जिनमें एक सब माझी भी था जो कैंप के मकीनों के लीडर समझे जाते हैं। मरने वालों में ज्यादा-तर माझी हैं या उनके अहल-ए-खाना। रिपोर्ट के मुताबिक बहुत से रोहंग्या को तावान के लिए अगवा किया गया और उन्हें धमकियां या ईजाएं दी गईं। कई रोहंगया ने बताया कि मुसल्लह ग्रुप जिन्सी हमलों, जबरदस्ती शादियों और बच्चों से मशक़्कत जैसे जराइम के मुर्तकिब होते हैं। पनाह गुजीन एक ऐसा माहौल बयान करते हैं, जहां बढ़ती हुई सफ़्फाकी और खौफ है और जहां जराइमपेशा गिरोहों और इस्लामी मुसल्लह ग्रुपों से वाबस्तगी का दावा करने वालों का निशाना बनने की बढ़ती हुई तशवीश लर्जा तारी किए रखती है।


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