6 मुहर्रम-उल-हराम 1445 हिजरी
मंगल, 25 जुलाई, 2023
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अकवाले जरीं‘हसन और हुसैन (रदिअल्लाहो अन्हो) मेरे बेटे और मेरी बेटी फातिमा (रदिअल्लाहो अन्हो) के बेटे हैं, मैं इन दोनों से मोहब्बत करता हूं, तू भी इन दोनों से मोहब्बत फरमा और इन दोनों से मोहब्बत करने वालों से भी मोहब्बत फरमा।’
- बुखारी शरीफ
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नई दिल्ली : आईएनएस, इंडिया जम्मू-ओ-कश्मीर से आर्टीकल 370 हटाए जाने के खिलाफ दायर अर्जियों की समाअत अब सुप्रीमकोर्ट में अगस्त से की जाएगी। इस मुआमले की समाअत करते हुए सुप्रीमकोर्ट ने कहा कि वो 2 अगस्त से मुआमले की समाअत शुरू करेगा।
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सीजेआई चन्द्रचूड़ ने तमाम फरीकैन को 25 जुलाई तक तमाम मसाइल की फेहरिस्त बनाने की हिदायत दी है। इससे कब्ल मर्कजी हुकूमत की जानिब से सुप्रीमकोर्ट में हलफनामा दाखिल करके अपना मौकिफ पेश किया गया था, जिस पर जम्मू-ओ-कश्मीर के लीडरों ने सवालात उठाए थे। सुप्रीमकोर्ट में समाअत के दौरान सॉलीसिटर जनरल ने कहा कि इससे कबल मसाइल की फेहरिस्त तैयार करने का हुक्म-जारी किया गया था। उसके बाद सीजेआई ने कहा कि तमाम पार्टियों को ये काम 25 जुलाई तक करना चाहिए। ये अमल मुकम्मल होने के बाद इस केस की समाअत 2 अगस्त से शुरू की जाएगी।
सुप्रीमकोर्ट ने ये भी कहा कि समाअत शुरू होने से पहले ये भी बताया जाए कि कौन किस तरफ से जरह करेगा। ख़्याल रहे कि 2019 में मर्कजी हुकूमत ने जम्मू-ओ-कश्मीर की खुसूसी हैसियत को खत्म कर दिया था जिसके बाद उसकी शदीद मुखालिफत हुई और सुप्रीमकोर्ट में कई अर्जियां दायर की गईं। इससे मुताल्लिक 20 से ज्यादा अजीर्यां जेर इलतिवा (लंबित) हैं, जिनकी समाअत चीफ जस्टिस चन्द्रचूड़ की सरबराही में पाँच जजों की बेंच एक साथ करेगी। सुप्रीमकोर्ट में समाअत से पहले मर्कजी हुकूमत की जानिब से आर्टीकल 370 के हवाले से एक हलफनामा दिया गया था। मर्कज की तरफ से दाखिल किया गया नया हलफनामा गुजश्ता 4 सालों में जम्मू-ओ-कश्मीर के हालात में बेहतरी पर मबनी है। ताहम, इस मुआमले में शामिल आईनी सवालात पर गौर करते वक़्त इस हलफनामा पर गौर नहीं किया जाएगा।
सीनीयर वकील राजू रामचंद्रन ने बताया कि शाह फैसल और शहला रशीद ने अपनी अर्जियां वापिस ले ली हैं। चीफ जस्टिस ने अर्ज गुजार की फेहरिस्त से दोनों के नाम निकालने की हिदायत दे दी। अब तक लीड पिटिशन शाह फैसल ब मुकाबला यूनीयन आफ इंडिया के नाम पर थी, जिसे अब तबदील कर दिया गया है।