12 मुहर्रम-उल-हराम 1445 हिजरी
पीर, 31 जुलाई, 2023
अकवाले जरीं‘किसी आदमी के बुरा होने के लिए इतना ही काफी है कि वह अपने मुस्लिम भाई को कमतर जानें।’
-मुस्लिम शरीफ
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नई दिल्ली : आईएनएस, इंडिया
दिल्ली हाईकोर्ट ने बुध के रोज रेलवे इंतिजामीया को हिदायत दी कि वो अपनी जमीन से मुबय्यना गैर मिजाज ढाँचों और मुबय्यना तजावुजात (कथित अतिक्रमण) को हटाने के लिए दो मसाजिद पर चस्पा किए गए नोटिस पर मजीद कोई कार्रवाई ना करे। जस्टिस प्रतीक जालान ने दिल्ली वक़्फ बोर्ड की अर्जी पर समाअत करते हुए ये हुक्म दिया।![]() |
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दरखास्त में रेलवे पुल और बाबर रोड रेलवे लाईन के करीब वाके मस्जिद तकिया बाबर शाह और बंगाली मार्केट मस्जिद की दीवारों पर चस्पा दो नोटिस को चैलेंज किया गया है। बोर्ड ने इस्तिदलाल किया है कि दोनों मसाजिद वक़्फ इमलाक हैं, और ये कि ना तो उनके नीचे की जमीन रेलवे की है और ना ही मस्जिदें गैर मजाज तामीरात हैं। उसके बाद जज ने हुक्म दिया कि फिलहाल इन नोटिसेज की बुनियाद पर कोई कार्रवाई ना की जाए। बोर्ड की दरखास्त में कहा गया है कि गै़रकानूनी नोटिस जिस पर कोई दस्तखत और तारीख नहीं थी, उसे बराह-ए-रास्त नहीं भेजा गया। नोटिस से जाहिर होता है कि जवाब दहिंदा (रेलवे) ये कार्रवाई बदनीयती से, मनमानी और बगैर किसी माकूल वजह के मसाजिद को मुनहदिम करने की मंसूबा बंदी कर रहा है। दरखास्त में मजीद कहा गया है कि चूँकि नोटिस में मखसूस तारीख और दस्तखत नहीं हैं, और उसे बोर्ड के दफ़्तर भेजने के बजाय मसाजिद पर चस्पाँ किया गया है, इसलिए खदशा है कि अदालत की हिदायत तक रेलवे बगैर किसी पाबंदी के काम जारी रखेगा।