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ज्ञान व्यापी मस्जिद केस में कार्बन डेटिंग के लिए अदालत ने दी इजाजत

4 मुहर्रम-उल-हराम 1445 हिजरी
इतवार, 23 जुलाई, 2023
अकवाले जरीं
‘जो कोई नजूमी (ज्योतिष) के पास जाए और उससे कुछ मुस्तकबिल के बारे में सवाल करे तो उसकी चालीस रातों की इबादत कबूल नहीं होती।’  
- मुस्लिम
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वाराणसी : आईएनएस, इंडिया 
वाराणसी की जिला अदालत ने ज्ञानवापी कैम्पस के एएसआई के साईंसी तरीके से सर्वे करने की मांग को मंजूर कर लिया है। अदालत ने हिंदू फरीक की तरफ से दायर दरखास्त पर जुमा को अपना फैसला सुनाते हुए साईंसी सर्वे (कार्बन डेटिंग) की इजाजत दे दी है। 
    ज्ञानवापी मस्जिद और श्रृंगार गौरी केस में 7 मुकद्दमात को यकजा करने के बाद 14 जुलाई को फरीकैन (दोनों) के दलायल (बहस) मुकम्मल हो गए थे, जिस पर जिÞला जज अजय कृष्णा ने अपना हुक्म महफूज कर लिया था। इस दरखास्त पर जिÞला जज ने जुमा को अपना फैसला सुनाया। एएसआई के जरीया पूरे ज्ञानवापी कैम्पस (सील शुदा इलाके) को छोड़कर साईंसी सर्वे पर वाराणसी की जिला अदालत ने अपना फैसला सुनाते हुए साईंसी सर्वे का हुक्म दिया है। वाजेह रहे कि हिंदू फरीक ने एएसआई की जानिब से ज्ञानवापी मस्जिद के अहाते का साईंसी तरीका से सर्वे करने के मुतालिबे के हवाले से दरखास्त दी थी, जबकि मुस्लिम फरीक ने कहा था कि हाईकोर्ट के हुक्म-ए-इमतिनाई के बावजूद निचली अदालत हमारे फैसले को नजरअंदाज करते हुए अपना फैसला दे रही है। 

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    आपको बताते चलें कि मुआमले में इस साल मई के महीने में पाँच खवातीन की जानिब से श्रृंगार गौरी की बाकायदा पूजा के हवाले से दरखास्त दायर की गई थी जिसके बाद ज्ञानवापी कैम्पस का सर्वे किया गया। रिपोर्ट में एक शिवलिंग की साखत मिलने का जिÞक्र किया गया था। जिसे हिंदू फरीक विशेश्वारनाथ ज्योतिर्लिंग बता रहा है, जबकि मुस्लिम फरीक उसे चश्मा (फाउंटेन) करार दे रहा है। जिसके बाद हिंदू फरीक की जानिब से मुबय्यना (कथित) शिवलिंग की कार्बन डेटिंग और एएसआई सर्वे की मांग को लेकर अर्जी दायर की गई। इस दरखास्त पर जिला अदालत ने जुमा को फैसला सुनाया है।


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