12 जीअकादा 1444 हिजरी
जुमा, 2 जून 2023
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अकवाले जरीं
‘ये बहुत बड़ी खयानत है कि तुम अपने भाई से ऐसी बात बयान करो, जिसे वो सच् जाने जबकि तुम खुद उससे ाूठ बोल रहे हो।’
- अबू दाऊद
रियाद : आईएनएस, इंडिया सऊदी अरब में खादिम हरमैन शरीफैन की हुकूमत की जानिब से मस्जिद नबवी सल्लल्लाह अलैहि वसल्लम को खुसूसी तवज्जा दी जाती है। मस्जिद में पूरी एहतियात के साथ नमाजियों और जाइरीन की खिदमत की जाती है। इस बात का ख़्याल रखा जाता कि आने वालों को पुरसुकून अंदाज में इबादात का मौका मिले और इस दौरान तमाम जरूरी अस्बाब उन्हें मुहय्या हों। ‘एजेंसी बराए उमूर मस्जिद नबवी’ सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम ने इस हवाले से रसूल अल्लाह सल्लल्लाह अलैहि वसल्लम की मस्जिद के कालीनों की देख-भाल का भी खुसूसी इंतिजाम किया है। मस्जिद में बिछाए गए कालीनों की सफाई, उन्हें जरासीम से पाक करने और खुशबू से महकाने का अमल लगातार चौबीस घंटे जारी रहता है। इसका मकसद इस अजीमुश्शान मस्जिद में रुकू और सुजूद करने वालों को राहत पहुंचाना है। मस्जिद नबवी सल्लल्लाह अलैहि वसल्लम के कालीन अपनी मोटाई और पाएदारी में मुनफरद (अलग) हैं। साथ ही उनके मुस्तहकम रंग ऐसे हैं, जो बकसरत धोने से भी मुतास्सिर नहीं होते। ये कालीन इंसानी वजन को बर्दाश्त करने की बड़ी अहलीयत रखते हैं और मस्जिद नबवी सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम के हुस्न-ओ-जमाल में इजाफा भी करते हैं।
‘सदारत आम्मा, बराए उमूर मस्जिद अल हरम और मस्जिद नबवी सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम’ की जानिब से कालीनों की निगरानी और देख-भाल पर नजर दौड़ाएं तो इस हवाले से बेहतरीन मिसाल सामने आती है। मस्जिद नबवी सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम की हर कालीन पर एक इलेक्ट्रॉनिक चिप लगी हुई है जो एक इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम से मुंसलिक (लगी हुई) है। कालीन की तैयारी से लेकर इससे मुताल्लिक अब तक का सारा रिकार्ड इस चिप के जरीया हमावकत देखा जा सकता है। डीजीटल कोडिंग बार कोड में इसके डेटा को पढ़ कर कालीन की तफसीलात को देखा जा सकता है। कालीन का इस्तिमाल, उसका महल वकूअ, कालीन को धोने के औकात, मस्जिद नबवी सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम के अंदरूनी हिस्से और सेहनों के अंदर इस कालीन की सारी नकल-ओ-हरकत इस चिप के जरीया नोट की जा रही होती है।
मस्जिद नबवी सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम, उसकी छत और सेहन में 35 हजार से जाइद कालीन बिछाए गए हैं। हर कालीन को दिन में तीन मर्तबा झाड़ा जाता है। इन कालीनों की सफाई के लिए रोजाना 1600 लीटर से ज्यादा जरासीम से पाक करने वाला मवाद इस्तिमाल किया जाता। कालीनों को रोजाना 200 लीटर खुशबू से महकाया जाता है। मस्जिद नबवी सल्लल्लाह अलैहि वसल्लम में बिछाए गए कालीनों में से हर-रोज 150 कालीनों को धोया जाता है।