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रियाद की मसाजिद में इमामत के लिए नज्दी लहजा में तिलावत शर्त

12 जीअकादा 1444 हिजरी
जुमा, 2 जून 2023
अकवाले जरीं
‘ये बहुत बड़ी खयानत है कि तुम अपने भाई से ऐसी बात बयान करो, जिसे वो सच् जाने जबकि तुम खुद उससे ­ाूठ बोल रहे हो।’
- अबू दाऊद
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रियाद की मसाजिद में इमामत के लिए नज्दी लहजा में तिलावत शर्त, Recitation in Najdi accent is a condition for Imamate in Riyadh's mosque

रियाद : आईएनएस, इंडिया 
सऊदी अरब में इस्लामी उमूर के वजीर अब्दुल लतीफ आॅल अल शेख ने कहा है कि हम रियाद की मसाजिद के इमामों को नज्दी लहजे में तिलावत करने का पाबंद करेंगे। जो इस पर उबूर नहीं रखता, हम उसकी जगह किसी और को लेकर आएंगे। अपने एक वीडीयो क्लिप के दौरान अब्दुल लतीफ ने मजीद कहा कि नजद की तिलावत अलग और नफस रूह के बहुत करीब है। 
    नजद के लोग खासतौर पर शहर रियाद के लोग इसी तर्ज़ तिलावत के लिए मशहूर हैं। ये बहुत पुरानी तिलावत है, मेरे ख़्याल में तिलावत के इस लहजे को गायब होने से बचाना और जिंदा करना बहुत मुनासिब है। उन्होंने मजीद कहा कि रियाद के तमाम अइम्मा से नज्दी लहजा में किरात करने को कहा गया था, ताहम  (हालांकि) दूसरे शहरों में करायत इमाम की पसंद और खाहिश के मुताबिक है। नज्दी पढ़ने की जिÞम्मेदारी सिर्फ रियाद तक महिदूद है, दीगर इलाकों के इमामों के लिए लाजिम नहीं है।

इराक में दज्जाली आंख वाले बच्चे की पैदाइश, सोशल मीडिया पर हो रही चर्चा

    बगदाद : इराक में एक आंख वाले बच्चे की पैदाइश की खबरों और तसावीर से सोशल मीडीया पर धूम मच गई। इराकी मीडीया के मुताबिक जुमा के रोज जीकार गवर्नरी के एक हस्पताल में एक आँख वाले बच्चे की अजीब-ओ-गरीब पैदाइश हुई है। जी कार के सेहत के जराइआ के हवाले से बताया गया है कि पहली मर्तबा हस्पताल में एक आंख वाले अजीब उल-खलकत बच्चे की पैदाइश हुई है। जराइआ के मुताबिक ये हालत बहुत नादिर होती है और नौजाईदा बच्चों में मौत का सबब बन जाती है। 
    मुकामी मीडीया के मुताबिक अल रफाई जनरल हस्पताल के एक डाक्टर ने इन्किशाफ (खुलासा) किया कि नोमोलूद (नवजाद) की पैदाइश के फौरन बाद ही मौत हो गई। सोशल नेटवर्किंग की वेबसाइट्स पर मुतहर्रिक अफराद ने बच्चे की तसावीर को बड़े पैमाने पर शेयर किया। तसावीर से मालूम होता है कि एक आँख बच्चे के चेहरे के दरमयान में है। हस्पताल के एक डाक्टर ने वजाहत की कि ये नायाब हालत माँ और बाप के खून में अदम मुताबिकत या हमल के दौरान माँ के पेट में किसी जरासीम की मौजूदगी का नतीजा है। एक और डाक्टर ने बताया कि ये सूरत-ए-हाल उस वक़्त भी रौनुमा हो सकती है, जब बच्चे के दिमागी टिशूज में कमी हो।



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