17 रमजान-उल मुबारक, 1444 हिजरी
इतवार, 9 अपै्रल, 2023
नई तहरीक : रायपुर
जमाअत-ए-इस्लामी हिंद, रायपुर यूनिट की जानिब से 8 अपै्रल, सनीचर को अल फलाह टावर, बैरन बाजार रोजा इफ्तार का एहतेमाम किया गया जिसमें शहर की जानी-मानी शख्सियतों ने शिरकत की। इनमें सनी अग्रवाल (केबिनेट मिनिस्टर दर्जा), शहर जिला कांग्रेस के नायब सदर बाकर अब्बास, सर्व आस्था मंच के मनमोहन सिंह सैलानी, प्रेम शंकर गोटिया, आॅल मुस्लिम वेलफेयर के मुहाफिज फैसल रिजवी, आरसीसी क्लब के चेयरमैन शेखर चंद्राकर, बबला चंद्राकर, मनीष नायडू, काली मंदिर के छोटे महाराज पांडे जी के अलावा बड़ी तादाद में शहर के आम-ओ-खास लोग मौजूद थे।
तंजीम की जानिब से मुनाकिद इफ्तार पार्टी का मकसद सभी मआशरे के लोगों के साथ सभी तेहवार मिलकर मनाना और मआशरे में आपसी भाईचारा और हम आहंगी का पैगाम देना था। प्रोग्राम से खिताब करते हुए जमात-ए-इस्लामी हिंद के सेक्रेटरी मोबिन साहब ने रमजान के मुबारक महीने में रोजे रखने का मकसद बताया। उन्होंने कहा कि रोजे का मकसद लोगों के भीतर अल्लाह का खौफ पैदा होना, झूठ से बचना और अपने नफ्स को काबू में रखना है।
जमाअत-ए-इस्लामी हिंद के सेक्रेटरी शफीक साहब ने कहा, प्रोग्राम का मकसद आपसी मेल-मिलाप और भाईचारे को बढ़ावा देना है। उन्होंने तंजीम की जानिब से किए जाने वाले इस्लाही व तरक्कीयाती कामों की जानकारी दी।
जनाब अग्रवाल ने कहा, इस पाक महीने में जिस तरह घर के बड़े लोग रोजा रखते हैं, वैसे ही बच्चे भी रखते हैं जिससे उनके भीतर मजहब के तंई भरोसा और यकीन पैदा होता है। उन्होंने कहा प्रोग्राम में सभी समाज के लोगों को बुलाकर तंजीम ने आपसी भाईचारे की मिसाल पेश की है।
सर्व आस्था मंच के मनमोहन सिंह सैलानी प्रोग्राम के मकसद की सताईश (सराहना) करते हुए कहा कि आपसी भाईचारा बनाए रखने के लिए इस तरह के प्रोग्राम मौके-बे-मौके मुनाकिद होते रहना चाहिए। प्रोग्राम में मौजूद लोगों से उन्होंने आपसी भाईचारे को बढ़ावा देने की अपील की।
जमाअत-ए-इस्लामी हिंद, के रियासत सदर शब्बीर खान ने कहा कोई भी बगीचा किसी एक रंग के फूल से खूबसूरत नहीं दिखता, जब तक उस बगीचे में रंग-बिरंगे फूल नजर नहीं आते, इसी तरह हमारा मुल्क एक रंग बिरंगे बगीचे का गुलदस्ता है जिसमें सभी मआशरे के लोग मिलकर रहते हैं। आखिर में उन्होंने प्रोग्राम में मौजूद सभी लोगों के तंई शुक्रगुजारी का इजहार किया। प्रोग्राम को कामयाब बनाने में जमाअत-ए-इस्लामी हिंद के कारकुन फहीम यार खान, रजा कुरैशी, मोहसिन, डॉक्टर अलीम, मुजाहिद उल इस्लाम, शदाब अमजद, अनवार, अमान, तुफैल कुरेशी, हैदर, सरदार अहमद वगैरह के अलावा शहर के सहाफियों (पत्रकारों) ने कलीदी किरदार अदा किया।