14 रमजान-उल मुबारक, 1444 हिजरी
बुध, 5 अपै्रल, 2023
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नई दिल्ली : आईएनएस, इंडिया अकलीयती उमूर की वजारत (अल्पसंख्यक मंत्रालय) ने हज 2023 के वास्ते हिन्दुस्तानी आजमीन-ए-हज के लिए हज के सफर को ज्यादा आरामदेह, ज्यादा सहूलत वाला और सस्ता बनाने के लिए कई इकदामात किए हैं।
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file photo |
आजमीन-ए-हज के सिलेक्शन के अमल को बामकसद, शफ़्फाफ (ट्रांसपैरेंट), मूसिर (असरदार), बरवक़्त और बगैर किसी इन्सानी शमूलीयत के बनाने के लिए भी डेडीकेटेड कोशिशें की गई हैं। हज के लिए दरखास्तें मौसूल करने और आजमीन के सिलेक्शन का काम आॅनलाइन किया गया। मौसूल होने कुल 1.84 लाख दरखास्तों में से 14,935 हज दरखास्त कुनुन्दगान को यकीनी अलाटमेंट किया गया है। इनमें 70 साल से ज्यादा उम्र के 10,621, महरम के बगैर सफर पर जाने वाली खवातीन 4,314 शामिल हैं। ये तनहा हज पर जाने वाली खवातीन की अब तक की सबसे बड़ी तादाद है।
हज कोटे से ज्यादा मौसूल होने वाली दरखास्तों को बगैर किसी इन्सानी मुदाखिलत के, आॅनलाइन रेंडमाइजड डीजीटल सिलेक्शन (ओआरएस) प्रोसेस के जरीये हतमी (अंतिम) शक्ल दी गई। ऐसा पहली बार हुआ है कि सिलेक्शन अमल के फौरन बाद सरकारी पोर्टल पर मुंतखबशुदा और इंतिजार की फेहरिस्त में शामिल दरखास्त दहिंदगान की फेहरिस्त आम लोगों के लिए, शाइआ की गई है। तमाम 1.4 लाख मुंतखब आजमीन-ए-हज्ज को एसएमएस भेजे गए हैं जिनमें उन्हें हज 2023 के लिए उनके इंतिखाब की इत्तिला दी गई है। इंतिजार की फेहरिस्त में शामिल आजमीन-ए-हज्ज को भी एसएमएस भेजे गए हैं, जिनमें उन्हें इंतिजार की फेहरिस्त में शामिल होने की उनकी पोजीशन से मतला (सूचित) किया गया है।
हज-2023 की तैयारियां पंरजोर तरीके से जारी हैं, जिसके तहत एक तरफ जहां आजमीन-ए-हज्ज की सहूलत के लिए स्टेट बैंक आफ इंडिया (एसबीआई) के कार्ड का पहली बार इंतेजाम किया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ उनके लिए लाजिमी इंश्योरेंस स्कीम का भी इंतिजाम किया जा रहा है।
मर्कजी वजीर बराए अकल्लीयती उमूर स्मृती ईरानी ने आज यहां इन ख़्यालात का इजहार करते हुए कहा कि मर्कजी हुकूमत अब स्टेट बैंक आफ इंडिया के तआवुन से आजमीन के लिए कार्ड का इंतिजाम कर रही है, जिसके जरीये वो बगैर कैश रकम के ही सफर हज पर जा सकेंगे। उन्होंने कहा कि पहले सफर हज के लिए नामों का इंतिखाब होने पर हर आजमीने हज को रवानगी से कई माह कब्ल हज कमेटी पास 2100 रियाल के ब कदर पैसे जमा कराने पड़ते थे, जो उन्हें इंबारकेशन प्वाईंट पर सफर हज पर रवानगी के वक़्त 2100 रियाल की शक्ल में वापिस मिलते थे। और मक्का-ओ-मदीना में ये पैसा खत्म हो जाने पर आजमीन को बड़ी मुश्किलात का सामना करना पड़ता था। मगर अब इसकी जरूरत नहीं है, बल्कि आजमीन को एसबी आई के कार्ड का सहूलत फराहम करके उन्हें कैश रकम ले जाने से नजात दिलाई जाएगी।