14 रमजान-उल मुबारक, 1444 हिजरी
बुध, 5 अपै्रल, 2023
कोलकाता : आईएनएस, इंडिया
मगरिबी बंगाल के हुगली जिÞले के रेशरा पुलिस स्टेशन और मशरिकी रेलवे के मशरूफ हावड़ा बर्दवान मेन डिवीजन में रेल खिदमात मुतास्सिर होने के बाद ताजा तशद्दुद फूट पड़ा।
ख़्याल रहे कि रामनवमी के जलूस को लेकर इतवार की देर शाम झड़पों के बाद रेशरा के कई इलाके मैदान-ए-जंग में तबदील हो गए थे। रेशरा में हालात दिनभर कशीदा रहने के बावजूद पीर की शाम तक ताजा झड़पों की कोई इत्तिला नहीं थी। ताहम रात तकरीबन 10:30 बजे सूरत-ए-हाल उस वक़्त कशीदा हो गई, जब लोगों के एक ग्रुप ने रेशरा स्टेशन के करीब रेलवे फाटक पर देसी बम फेंकना शुरू कर दिए। कुछ शरपसंदों ने रेलवे ट्रैक से गुजरने वाली ट्रेनों पर पथराव शुरू कर दिया और रेलवे स्टेशन के करीब एक गाड़ी को भी आग लगा दी।
ताजा तशद्दुद के बाद मशरूफ हावड़ा बर्दवान मेन डिवीजन में रेल खिदमात को मुअत्तल कर दिया गया जिसके सबब हजारों मुसाफिर हावड़ा स्टेशन पर फंस गए। मुसाफिरों ने एहतिजाज किया और इल्जाम लगाया कि रेलवे हुक्काम इस बारे में कोई मालूमात फराहम नहीं करा रही है। दरे अस्ना (उसी बीच), रेशरा में सिटी पुलिस कमिशनर, अमीत ज्वालगी और डिप्टी इन्सपेक्टर जनरल आफ पुलिस (रेंज) श्याम सिंह की कयादत में एक बड़ी पुलिस फोर्स ने इलाके में गशत शुरू कर दी। रैपिड एक्शन फोर्स के अहलकार भी उनके साथ थे। रिपोर्ट दर्ज होने तक पुलिस फोर्स के अहलकारों ने इलाके की गलियों में मार्च किया।
इस्टर्न रेलवे के चीफ पब्लिक रिलेशन आॅफीसर कौशिक मित्रा ने वाजेह तौर पर कहा कि जब तक सूरत-ए-हाल मुकम्मल तौर पर काबू में नहीं आती, ट्रेन खिदमात दुबारा शुरू नहीं की जा सकतीं। उन्होंने कहा कि हम मुसाफिरों की जिंदगियों को खतरे में नहीं डाल सकते। मुआमले में अब तक 57 अफराद को गिरफ़्तार किया जा चुका है।
बिहार शरीफ : अमन मार्च ने दिया हिंदू-मुस्लिम खैरसिगाली का पैगाम
पटना : बिहार शरीफ में फिरकावाराना तशद्दुद के वाकियात के दरमियान मुकामी लीडरों ने सियासत से ऊपर उठकर अमन बहाल करने की कोशिश शुरू कर दी है। तमाम जमातों के रहनुमाओं, तमाम मजाहिब के बुजुर्गों और जिÞला इंतिजामीया ने मंगल को बिहार शरीफ के तशद्दुद से मुतास्सिरा इलाकों में हालात की बेहतरी के लिए मुशतर्का (सााा) तौर पर खैर सिगाली मार्च निकाला। इस सद्भावना मार्च के दौरान इंतिजामीया ने लोगों से आपस में मुहब्बत और भाईचारा बरकरार रखने की अपील की। जिÞला इंतिजामीया को ये कहते भी सुना गया कि बिहार शरीफ में सब शरीफ ही रहेंगे। इंतेजामिया ने किसी भी किस्म की अफ़्वाहों पर यकीन ना करने की भी अपली की। दरे अस्ना (इसी बीच) बिहार के वजीर श्रावण कुमार ने बताया कि इस मार्च में तमाम सियासी रहनुमा और शहर के तमाम लोगों ने हिस्सा लिया। लोग आपस में प्यार कायम रखना चाहते हैं और ये मुहब्बत और भाईचारा समाज को आगे ले जाएगा।