कौन है यूपी पीएससी टॉपर सल्तनत, भावुक कर देगी सल्तनत की कहानी

17 रमजान-उल मुबारक, 1444 हिजरी
इतवार, 9 अपै्रल, 2023
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यूपी पब्लिक सर्विस कमीशन : टॉप टेन में 8 लड़कियां 
सल्तनत बनीं एसडीएम


Who is UP PSC topper Sultanat, the story of Sultanat will make you emotional. कौन है यूपी पीएससी टॉपर सल्तनत, भावुक कर देगी सल्तनत की कहानी
Saltnat Parveen

लखनऊ : आईएनएस, इंडिया 
यूपी पब्लिक सर्विस कमीशन 2022 का हतमी नतीजा जारी हो चुका है। इम्तिहान में शिरकत करने वाले कुल 5311 उम्मीदवारों में से 1070 उम्मीदवारों ने मेंस का इम्तिहान पास कर इंटरव्यू राउंड में शिरकत की। आगरा की दिव्या सिकरवार इम्तिहान में टॉपर बनी हैं। जबकि लखनऊ की प्रतीक्षा पांडे दूसरे नंबर पर रही हैं। 
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    टाप टेन में सलतनत परवीन को छठी और मुहसिना बानो को सातवीं पोजीशन मिली है। फरहीन जाहिद चौदहवें नंबर हैं। दीगर कामयाब उम्मीदवारों में फहद अली, अस्मा वकार, शाहरुख खान, एजाज अहमद, जमाल उद्दीन शामिल हैं। टॉप 10 में आठ खवातीन और सिर्फ दो मर्द शामिल हैं। टॉप 20 में देखा जाए तो 12 खवातीन और आठ मर्द हैं। 19 खवातीन और 20 मर्द आफिसरान को एसडीएम के तौर पर मुंतखब किया गया है। डीएसपी के ओहदे के लिए 26 खवातीन और 67 मर्द आफिसरान का इंतिखाब किया गया है। कुल 364 कामयाब उम्मीदवारों में से 110 खवातीन और 254 मर्द हैं।

3 बार नाकाम रहने पर भी सल्तनत ने नहीं मानी हार 


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    लखनऊ के अलीगंज में रहने वाली सल्तनत परवीन ने इम्तिहान में छठी रैंक हासिल की है। सल्तनत के वालिद अलीगंज में दुकान चलाते हैं। पीएससी में कामयाबी करने वाली सल्तनत की कामयाबी की राह आसान नहीं थी। 7 साल के इंतजार और कड़ी मेहनत के बाद सल्तनत को यह दिन देखना नसीब हुआ है। सल्तनत की कहानी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। इंटरव्यू तक पहुंचकर कभी दस तो कभी चार नंबर से नाकामी का सामना करने के बावजूद भी सल्तनत ने हार नहीं मानी जबकि परिवार की फायनेंशियल पोजीशन ऐसी नहीं थी कि पीएससी में कामयाबी के लिए वह लंबा इंतजार कर सके। ऐसे में उसके दोस्तों और परिवार के लोगों ने उसकी हिम्मत बंधाई। एक समय ऐसा भी आया, जब उन्हें लगने लगा था कि यह इम्तिहान पास करना उसके बस का नहीं है, उन्हें तैयारी छोड़कर कोई और नौकरी कर लेनी चाहिए। सल्तनत के वालिद मोहम्मद शमीम खान जनरल स्टोर की दुकान चलाते हैं। वालिदा आशिया खान हाउस वाईफ हैं। बेटी को पढ़ाने के लिए उन्हें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा। हर कोई उनसे यही कहता, बेटी को पढ़ाने से क्या होगा। इन सबके बावजूद सल्तनत ने अपनी जद्दो जहद जारी रखी। उनके वालिद मोहम्मद शमीम ने बताया, बिटिया की तीन बार की नाकामी के बावजूद भी, उसकी मेहनत और जुस्तजू देखकर हम सबने उसका साथ दिया। उसे हर बार हौसला दिया कि इस बार नहीं तो अगली बार जरूर नाम आएगा। 

पढ़ाई में भी रही हैं टॉपर

सल्तनत परवीन ने बताया कि उन्होंने लखनऊ के ही अलीगंज न्यू वे सीनियर सेकेंडरी स्कूल से हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की पढ़ाई की है। इसके बाद लखनऊ की ही इंटीग्रल यूनिवर्सिटी विश्वविद्यालय से 2016 में उन्होंने बीटेक किया। सभी परीक्षा में अच्छे नंबर से कामयाब हुई। पीएससी में कामयाबी के लिए अपनी जद्दो जहद की कहानी बताते हुए सल्तनत भावुक हो गई थीं। बहरहाल, इंटरव्यूह में कामयाबी हासिल करने के बाद अब वे एसडीएम बन गई हैं। ओहदा संभालने के बाद उन्होंने कहा, खवातीन की ताअलीम और बच्चों के तरक्कीयाती कामों को वे तरजीह देंगी। 

आब्जेक्टिव सवालों ने उल­ााया

तीन बार नाकामी के बाद चौथी बार की कोशिश में कामयाबी से हमकिनार होने वाली सल्तनत के वालिद मोहम्मद शमीम खान जनरल स्टोर चलाते हैं और वालिदा आसिया खान घर संभालती है।  सल्तनत ने जामिया मिलिया से आरसीए पास करने के बाद पीएससी की तैयारी शुरू की थी। सल्तनत ने बताया कि, शुरुआती इम्तिहान के आब्जेक्टिव सवाल की वजह से उनके सिलेक्शन में देरी हुई। सल्तनत ने मुख्य परीक्षा में मानव विज्ञान विषय लिया था। वो कहतीं हैं कि, अगर परिवार साथ दे, तो कुछ भी नामुमकिन नहीं है। वो कहतीं हैं कि इसमें कोई शक नहीं है कि पीएससी का इम्तिहान आसान नहीं होता लेकिन अगर आप मेहनत से पढ़ाई करते हैं और खुद पर यकीन है तो कामयाबी जरूर मिलती है।

टॉपर दिव्या ने दो साल कमरे में बंद रह कर की पढ़ाई की

इम्तिहान में पहला पोजीशन हासिल करने वाली आगरा की दिव्या सिकरवार ने तीसरे अटेंम्प में कामयाबी हासिल की। बेटी की कामयाबी पर उनके वालिद राजपाल सिकरवार ने कहा कि ‘मैं बहुत खुश हूंं, मेरे घर परिवार और इलाके में काफी खुशी का माहौल है। बेटी ने बहुत मेहनत की और उसका नतीजा आपके सामने है।’ उन्होंने कहा, ‘मैंने बेटे और बेटी में कभी फर्क नहीं समझा। उन्होंने कहा, दिव्या का बचपन से ही पढ़ाई में मन लगता था। वो लगातार दो साल तक खुद को कमरे में बंद करके पढ़ाई करती थी। 



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