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स्वीडिश अदालत ने कुरआन जलाने पर पाबंदी के फैसले को रद्द किया

14 रमजान-उल मुबारक, 1444 हिजरी
जुमेरात, 6 अपै्रल, 2023
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लंदन : आईएनएस, इंडिया 
स्वीडन में एक अदालत ने मंगल के रोज कुरआन-ए-मजीद को नजर-ए-आतिश करने के दो मुजाहिरों पर पाबंदी आयद करने का पुलिस के कदम को पलट दिया जबकि जबकि इसी तरह के मुजाहिरे पर दहश्तगर्दी की कार्रवाई की मंसूबाबंदी के इल्जाम में पांच मुश्तबा (संदिग्ध) शिद्दतपसंदों को गिरफ़्तार कर लिया है। 

स्वीडिश अदालत ने कुरआन जलाने पर पाबंदी के फैसले को रद्द किया

    गौरतलब है कि जनवरी में स्टाकहोम में तुरकिया के सिफारत खाना के बाहर इस्लाम की मुकद्दस किताब को नजर-ए-आतिश किया गया था जिसके बाद इस्लामी दुनिया में गम-ओ-गुस्से की लहर दौड़ गई थी। उसके रद्द-ए-अमल में कई हफ़्ते तक एहतिजाज किया गया था, स्वीडिश मसनूआत (प्रोडक्ट) के बाईकॉट का मुतालिबा किया गया था और स्वीडन की नेटो रुकनीयत की कोशिश को रोक दिया गया था। 
    स्वीडिश पुलिस ने कुरआन मजीद को नजर-ए-आतिश करने के इस वाकिया के बाद फरवरी में ऐसे ही होने वाले दो और मुजाहिरों पर पाबंदी आयद कर दी थी लेकिन स्वीडन की सुप्रीम इंतिजामी अदालत इस इकदाम को ये कहते हुए कुलअदम (प्रतिबंधित) करार दे दिया है कि सिक्योरिटी खदशात मुजाहिरे के हक को महिदूद करने के लिए काफी नहीं हैं। जज ने एक बयान में कहा कि पुलिस अथार्टी के पास अपने फैसलों के हक में मुनासिब हिमायत नहीं थी। स्वीडिश पुलिस ने फरवरी में स्टाकहोम में तुरकिया और इराक के सिफारत खानों के बाहर कुरआन को नजर-ए-आतिश करने की इजाजत देने से इनकार करते हुए ये कहा था कि जनवरी के एहतिजाज ने स्वीडन को हमलों का आला तरजीही हदफ बना दिया है। 


    तुरकिया ने खासतौर पर इस बात पर सख़्त बरहमी (नाराजगी) और रद्द-ए-अमल का इजहार किया था कि पुलिस ने मुजाहिरे की इजाजत दी थी, जबकि उसने स्वीडन की नेटो में रुक्नियत की कोशिश को रोक दिया है और उसका कहना है स्वीडन अपने यहां कुर्द ग्रुपों के खिलाफ क्रैक डाउन करने में नाकाम रहा है। तुरकिया इन जिलावतन ग्रुपों को दहश्तगर्द समझता है। दरें अस्ना (उसी बीच) स्वीडन की सिक्योरिटी सर्विस ने कहा है कि मंगल की सुबह तीन वसती कस्बों एस्कलस्टोना, लंकोपनग और एस्ट्रानगनास में छापामार कार्यवाईयों के दौरान पाँच मुश्तबा अफराद को गिरफ़्तार किया गया है। 
    सिक्योरिटी सर्विस के इन्सिदाद-ए-दहशतगर्दी यूनिट की नायब सरबराह ने कहा कि हाईप्रोफाइल कुरआन जलाने के सिलसिले में मौजूदा केस इन मुतअद्दिद कामों में से एक है, जिन पर स्वीडिश स्कियोरटी सर्विस काम कर रही है। उन्होंने कहा कि मुश्तबा अफराद का ताल्लुक बैन-उल-अकवामी इस्लामी इंतिहापसंदी से है। ताहम स्कियोरटी सर्विस का कहना है कि उसे यकीन नहीं कि हमला होने वाला था। उसने एक बयान में कहा कि सिक्योरिटी सर्विस को अक्सर किसी खतरे से बचने के लिए जल्द कार्रवाई करने की जरूरत होती है। हम कार्रवाई करने से पहले जुर्म के इर्तिकाब तक इंतिजार नहीं कर सकते।



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