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तारीखी ‘नक्कार खाना’ आसारे-ए-कदीमा की महफूज फेहरिश्त में शामिल

2 सव्वाल 1444 हिजरी
इतवार, 23 अपै्रल, 2023
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लखनऊ : आईएनएस, इंडिया 
लखनऊ के बड़ा इमाम बाड़ा अहाते में वाके नौबत खाना या नक़्कारखाना को आरक्योलोजीकल सर्वे आफ इंडिया (एएसआई) यानी हिन्दोस्तान के आसारे-ए-कदीमा (पुरातत्व) की महफूज फेहरिस्त में शामिल किया गया है। एएसआई ने इस सिलसिले में नोटीफिकेशन जारी कर दिया है। 
तारीखी ‘नक्कार खाना’ आसारे-ए-कदीमा की महफूज फेहरिश्त में शामिल, Naubat Khana included in the protected list of ASI
नक्कार खाना, लखनऊ

    बड़ा इमाम बाड़ा पहले ही शहर की कई दीगर तारीखी यादगारों के साथ इस फेहरिस्त में शामिल है। नौबत खाना इमाम बाड़ा के सामने बनाया गया है और इसके अहाते का हिस्सा है। उसे नक़्कारा बजाने वालों के लिए बनाया गया था जो उसे बजाकर वक़्त का ऐलान करते थे और नवाब के दरबार में मुअज्जिज मेहमानों का इस्तिकबाल भी करते थे। 

    बड़ा इमाम बाड़ा 1920 से एएसआई की महफूज फेहरिस्त में शामिल है लेकिन नौबत खाना बड़े पैमाने पर तजावुजात (बेजा कब्जे) की वजह से महफूज फेहरिस्त से बाहर रह गया था। वकील मुहम्मद हैदर ने कहा कि नजरअंदाज किए जाने और इंतिजामी बेहिसी की वजह से ये यादगार भारी तजावुजात का शिकार है। तजावुजात करने वाले इस महफूज यादगार के अंदर रह रहे हैं जिससे उसे नाकाबिल तलाफी नुक़्सान पहुंच रहा है और इसके वजूद को खतरा है। यहां तक कि आसारे-ए-कदीमा ने भी नौबत खाना के अंदर अपना दफ़्तर खोल लिया है जो इंतिहाई अफसोसनाक अमल है। ताहम खाने पीने के एक हिस्से को पब्लिक टवायलट में तबदील कर दिया गया है जो कि उसूल की सरीह खिलाफवरजी है। महफूज यादगार का दर्जा मिलने के बाद उसकी तजईन-ओ-आराइश की गई है।



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