4 शव्वाल 1444 हिजरी
मंगल, 23 अपै्रल, 2023
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नैरोबी : आईएनएस, इंडियाकेन्या की पुलिस ने मुल्क के मशरिक में एक ऐसे मजहबी फिरके के मानने वालों की 26 और लाशें बरामद की है, जिन्हें मुबय्यना (कथित) तौर पर उनके पादरी ने कहा था कि अगर फाकाकशी करते हुए उनकी मौत हो जाती है तो वो यीशू मसीह से जा मिलेंगे।
न्यूज एजेंसी के मुताबिक केन्या के साहिली कस्बे मालंदी से मिलने वाली इन लाशों के बाद इस फिरके से ताल्लुक रखने वाले अफराद की हलाकतों की तादाद 47 हो गई है। सर्च टीमें मालंदी के साहिली कस्बे के करीब दीगर लाशों की तलाश में खुदाई जारी रखे हुए हैं। कई लाशें पहले ही प्लास्टिक की चादर में लिपटी हुई वहां पड़ी थीं। कब्रों की खुदाई और लाशों की बाजयाबी को मुकामी और इंटरनेशनल मीडीया नुमायां कवरेज दे रहा है। मालंदी में क्रिमिनल तहकीकात के सरबराह चार्ल्स कामाओ ने बताया कि इतवार को उन्होंने मजीद 26 लाशें निकाली हैं जिसके बाद इस जगह से मिलने वाली लाशों की कुल तादाद 47 हो गई है।
उन्होंने कहा कि सिर्फ लाशों की ही नहीं बल्कि फिरके के जिंदा बच जाने वालों की तलाश भी जारी है। गुजिशता हफ़्ते पहली लाश मिलने के बाद पुलिस ने अपनी कार्रवाई शुरू की थी। केन्या में तहरीक, गुड न्यूज इंटरनेशनल चर्च के बारे में मुकम्मल तहकीकात का आगाज किया गया है। पुलिस पहले ही चर्च के रहनुमा मेकंजी एंथनग को गिरफ़्तार कर चुकी है, जिन्होंने मुबय्यना तौर पर पैरोकारों से कहा था कि वो यीशू मसीह से मिलने के लिए खुद को भूखा रखें।
मुकामी मीडीया के मुताबिक मेकंजी ने उस वक़्त खुद को पुलिस के हवाले कर दिया था, जब गुजिश्ता माह दो बच्चों के अपने वालदैन के भूख से मर जाने के बाद मेकंजी पर इल्जाम आइद किया गया था। मुकामी मीडीया रिपोर्टस में बताया गया है कि पुलिस ने एंथनग के मजीद छ: पैरोकारों को गिरफ़्तार किया है। इन्सानी हुकूक की मुकामी तंजीम के एक रुक्न हुसैन खालिद के मुताबिक चर्च की एक पैरौकार ने वाजेह तौर पर जिस्मानी तकलीफ में होने के बावजूद खाने से इनकार कर दिया था। जिस वक़्त उन्हें यहां लाया गया, उन्हों इबतिदाई तिब्बी इमदाद लेने से भी कतई तौर पर इनकार कर दिया था और अपना मुँह सख़्ती से बंद कर लिया था।
कीनीया के वजीर-ए-दाखिला युकी ने टवीट किया है कि काफी सिक्योरिटी अहलकार तयनात किए गए हैं और पूरे 800 एकड़ जंगल को सील कर दिया गया है और उसे क्राईम सीन करार दे दिया गया है। अपने टवीट में उन्होंने उसे शिकाहोला जंगल के कत्ल-ए आम से ताबीर करते हुए इबादत की आजादी के आईनी इन्सानी हक की खुली खिलाफवरजी करार दिया। उन्होंने कहा कि अगरचे रियासत मजहबी आजादी का एहतिराम करती है, ताहम जिÞम्मेदारों को सख़्त सजा दी जानी चाहिए।

