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तालिबात को जहर देना ‘औरत, आजादी, जिंदगी’ नारे का रद्द-ए-अमल तो नहीं

11 शाअबानुल मोअज्जम 1444 हिजरी
सनीचर, 4 मार्च 2023
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दुबई : आईएनएस, इंडिया 
ईरान में कई महीनों से सैकड़ों तालिबात को जहर देने का मुअम्मा (पहेली) मजीद पेचीदा होता जा रहा है और शकूक-ओ-शुबहात और इल्जामात की सतह बढ़ रही है। 17 ईरानी स्कूलों में नए केसिज सामने आने के बाद बुध के रोज अर्दबील में तकरीबन 200 तालिबात की तबीयत खराब होने के वाकिये ने नए शकूक को जन्म दिया है। 
ईरान में कई महीनों से सैकड़ों तालिबात को जहर देने का मुअम्मा (पहेली) मजीद पेचीदा होता जा रहा है
ईरान में तालिबात को जहर देने का मुअम्मा 
    सरकारी मीडीया ने बच्चियों को जहर दिए जाने के नए केसिज की तसदीक की है। दूसरी तरफ हुक्काम के मुलव्वस होने की तरफ उंगलियां उठने लगी हैं। ईरानी हुक्काम पर वाकिये में मुलव्वस होने का शुबा उस वक़्त और तकवियत इखतियार कर गया, जब गुजिशता रोज जहर दिए जाने से मुतास्सिरा बच्चियों के वालदैन के एहतिजाज को कुचलने के लिए ताकत का इस्तिमाल किया गया। ईरानी हिज्ब-ए-इख़्तलाफ के कारकुन मसीह अली नजाद समेत मुतअद्दिद समाजी कारकुनों ने कहा है कि तालिबात पर हमला करने वाला ये अजीब वाकिया सिविल ना-फरमानी की सजा हो सकता है, जो माजी के मुजाहिरों के दौरान यूनीवर्सिटीयों और स्कूलों में नमूदार हुई थी। इसमें नारा लगाया गया था कि 'औरत को आजाद जिंदगी गुजारने का हक है'? ये नारा पूरे मुल्क में फैल गया। ये नारा उस वक़्त मशहूर हुआ था, जब पिछले साल सितंबर के वस्त में नौजवान खातून महसा अम्मीनी की पुलिस की हिरासत में मौत पूरे मुल्क में एहतिजाज की लहर दौड़ा दी थी। 
    दूसरे समाजी कारकुनों का ख़्याल है कि जहर देने की इस मुहिम का मकसद तालीम को रोकना या तलबा और तालिबात में खौफ पैदा करना हो सकता है। इस तनाजुर में हियूमन राइट्स वाच की ईरानी मुहक़्किक फार ने 'न्यूयार्क टाईम्स’ को बताया कि ऐसा लगता है कि ये संगीन हमले लड़कियों और उनके खानदानों में खौफ पैदा करने और एहतिजाज में हिस्सा लेने पर उन्हें सजा देने की सोची समझी कोशिश हैं। न्यूयार्क टाईम्स के मुताबिक ईरानी खातून समाजी कारकुन का कहना है कि ये रुजहान ईरान में इजतिमाई सदमे और इजतिराब को मजीद बढ़ा रहा है। बहुत से तलबा और उनके खानदानों ने हुकूमत और इसकी स्कियोरटी फोर्सिज को बच्चियों को जहर दिए जाने पर मोरीद-ए-इल्जाम ठहराया। उनका कहना है कि बहुत से लोग उस वक़्त सड़कों पर आकर एहतिजाज कर रहे हैं कि क्या हो रहा है और उनकी बेटियों के साथ क्या होगा। लोग खौफ-जदा हैं और उन्हें अपनी बच्चियों के हवाले से परेशानी है।


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