17 शाअबानुल मोअज्जम 1444 हिजरी
जुमा, 10 मार्च 2023
रियाद : आईएनएस, इंडिया
इस्लामी उमूर दावत-ओ-रहनुमाई की वजारत के तर्जुमान अब्दुल्लाह अलानजी ने कहा है कि मसाजिद में नमाजियों और आवाजों की तसावीर लेने और उन्हें मुवासलाती मुकामात (संचार केंद्र) पर शाइआ करने से रोकने का फैसला इस्लाम के तहफ़्फुज और मिंबरों को इस्तिहसाल (शोषण) से बचाने में ममलकत के किरदार के मुताबिक है।
उन्होंने निजी टीवी चैनल से गुफ़्तगु में कहा कि इस फैसले का मकसद गलत पैगामात की आमद को रोकना भी है। ये पैगामात ला इल्मी से हों, गलती से हों या जानबूझ कर हों। हर तरह के गलत पैगामात को रोकना मकसूद है। अलानजी ने वजाहत की कि वजारत की जानिब से मसाजिद में फिल्मबंदी पर पाबंदी का फैसला किसी भी इमाम या मुबल्लिग पर अदमे इअतिमाद की वजह से जारी नहीं किया गया। ताहम ये मुस्लमानों को मुतास्सिर करने वाली किसी भी संगीन गलती के पेश आने से एहतियात के दायरे में आता है। उन्होंने निशानदेही की कि जो कुछ वेबसाइट्स पर नश्र (प्रसारित) होता है, उसे कंट्रोल नहीं किया जा सकता। ये फैसला वजारत के पैगाम के फ्रेमवर्क के अंदर आता है ताकि खुदा के दीन और एतिदाल और मियाना रवी (संयम) को फैलाने में इसके किरदार की हिफाजत की सके।
सऊदी यूनीवर्सिटियों की किताब में ‘योगा’ दाखिल
रियाद : सऊदी कमेटी बराए योगा के सरबराह नऊफ अलमरी ने अगले चंद महीनों के दौरान योगा की मश्क की हिमायत के लिए एक मुआहिदे पर दस्तखत करने का इन्किशाफ (खुलासा) किया और उन्होंने यूनीवर्सिटी के खेलों के निजाम में योगासन को मुतआरिफ कराने की एहमीयत पर जोर दिया।![]() |
Yoga |
उन्होंने कहा कि मुकामी फेडरेशंज और कमेटियों के लिए ये जरूरी है कि वो हर सतह पर योगा को फैलाने की इस तहरीक की हिमायत में हिस्सा लें। वाजेह रहे, सऊदी यूनीवर्सिटीयों की फेडरेशन यूनीवर्सिटी के खेलों की जिÞम्मेदार है। उन्होंने कहा कि सितंबर 2022 में यूनीवर्सिटी के तलबा में योगा के खेल को मुतआरिफ कराने के लिए एक लैक्चर मुनाकिद किया गया था। उन्होंने कहा, हम जो कुछ कर रहे हैं, वो सिर्फ इस मंसूबे की तौसीअ है, जिसे हमने सऊदी यूनीवर्सिटीयों की एसोसीएशन के साथ शुरू किया था।
रियाद में सऊदी यूनीवर्सिटीयों की स्पोर्टस फेडरेशन के जेर-ए-एहतिमाम वतन के खेल की हिमायत में यूनीवर्सिटी के खेलों का किरदार के सेशन में उनकी शिरकत के बारे में एल्मरवे ने कहा कि इस सेशन में यूनीवर्सिटीयों में योगा का तआरुफ और मश्क की एहमीयत शामिल थी। ये यूनीवर्सिटी के मर्द और खवातीन मुलाजमीन और मर्द और खवातीन तलबा दोनों के लिए सेहत और तंदरुस्ती के लिए है। वाजेह हो कि योगा को हिन्दोस्तान के तमाम मसालिक के उल्मा मुशरिकाना अमल करार देते हुए इससे गुरेज का फतवा दे चुके हैं।
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