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मस्जिद हराम जाने वाले रास्ते की दीवारें अरबी तहरीर से सजीं

रियाद : आईएनएस, इंडिया 

मक्का मुकर्रमा की सड़कों पर रोशन रंगों में अरबी खत्ताती से मुजय्यन (सजी हुई) दीवारों ने शानदार जमालियाती जौक पैदा कर दिया है। 


अरबी खत्ताती के फन की मुख़्तलिफ शक्लों और नमूनों के साथ इन दीवारों ने जाइरीन की जबरदस्त तवज्जा हासिल कर ली है। होली कैपीटल सेक्रेटरीएट ने मक्का मुकर्रमा में किंग अब्दुल अजीज स्ट्रीट पर दुनिया की सबसे तवील (लंबी) खत्ताती (कैलीग्राफी) वाली दीवार बना डाली है। रंग-ओ-हुरूफ से तखलीककरदा फन से आरास्ता ये दीवार मुकद्दस तरीन मुकाम मस्जिद हराम की तरफ जाती है। किंग अब्दुल अजीज स्ट्रीट वो खूबसूरत नजारा पेश कर रही है, जो लोगों के विरसा, नजरियात, तारीख और सकाफ़्ती पैगाम को अपने अंदर लिए हुए है। दीवारों पर एक जमालियाती पैगाम है जो अच्छे जौक वाली नजरों को अपनी तरफ माइल कर लेता है। ये दीवारें दस्तावेजी कामों में से एक काम की नुमाइंदगी करती हैं जो खुशबूदार माजी और असलीयत से मुताल्लिक हैं। ये माजी के तमाम मआनी की हालत में बात कर रही हैं। 

याद रहे दीवार आर्ट को इन्सानी फन की कदीम तरीन (पुरानी) शक्लों में से एक के तौर पर जाना जाता था। उसकी निशानदेही दुनियाभर की कदीम तरीन इन्सानी बस्तियों में गार की पेंटिंगज से होती है। इससे पहले तारीख दौर में भी दीवारों पर फन का इजहार किया जाता था। याद रहे, मक्का मुकर्रमा की म्यूंसिपल्टी मुजस्समा साजी और जमालियाती नमूनों की सरगर्मी के अंदर दीवारों पर खाके बनाने और अरबी हुरूफ बनाने के मुकाबले का इनइकाद करती है। अरबी खत्ताती अरब और इस्लामी तहजीब के अहम तरीन मजाहिर में से एक है। अरबी खत्ताती की बड़ी वाबस्तगी कुरआन-ए-करीम से भी है। अरबी खत्ताती सबसे अहम तहरीरी और बसरी फनून में से है।

मक्का मुकर्रमा के दाखिली रास्तों पर जल्द नया सिक्योरिटी सिस्टम लगेगा

रियाद : मक्का मुकर्रमा के तमाम दाखिली रास्तों पर नया सिक्योरिटी सिस्टम जल्द नसब किया जाएगा। सऊदी खबररसां इदारे के मुताबिक सऊदी महिकमा अमन आम्मा के डायरेक्टर मुहम्मद अल बसामी ने मक्का मुकर्रमा में गुफ़्तगु करते हुए कहा, शहर के तमाम दाखिली रास्तों पर अफराद और गाड़ियों की शिनाख़्त के लिए नया सिक्योरिटी सिस्टम नसब किया जाएगा। एसपीए के मुताबिक महिकमा पासपोर्ट के डायरेक्टर जनरल सुलेमान ने हज, उमरा-ओ-जयारत रिसर्च फोर्म में एक मकाला पेश किया है, जिसमें उन्होंने सफरी सकाफ़्त के हवाले से कामयाब तजुर्बात को उजागर किया। महिकमा पासपोर्ट के डायरेक्टर जनरल ने बताया कि हज सीजन के दौरान रूट टू मक्का इनिशेटिव से 13 फीसद आजमीन को फायदा हुआ है।

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