बंगला देश : अफ़्वाह थीं हिंदू मुख़ालिफ़ तशद्दुद की ख़बरें: तफतीश में हुआ खुलसा

सफर-उल-मुजफ्फर 1446 हिजरी 

  फरमाने रसूल ﷺ   

तुम अल्लाह की तरफ रुजू करने के लिए क़ुरआन से बढ़कर कोई और ज़रिया नहीं पा सकते।

- तिर्मिज़ी 

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✅ ढाका : आईएनएस, इंडिया 

बंगला देश में हक़ायक़ की जांच करने वाले मुहक़्क़िक़ीन (शोधकर्ता) शेख़ हसीना की बरतरफ़ी के बाद हुजूम के तशद्दुद (हिंसा) की रिपोर्टिंग करने वाले सोशल और मेन स्ट्रीम मीडीया की मुतअद्दिद उन सभी रिपोर्टस को ग़लत क़रार दे रहे हैं, जिनमें कहा गया है कि मुल्क की हिंदू अक़लीयत को उनके अक़ीदे की वजह से हदफ़ (निशाना) बनाया गया था। 
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    वो ख़बरें दरअसल जर्मनी और बर्तानिया के दूर दराज इलाके में हुए वाकिये की थी। अमरीका में बंगला देशी अमरीकी हिंदूओं ने डेट्रॉइट में ऐसे बैनर्ज़ के साथ मार्च किया जिन पर लिखा था कि हिंदूओं को मारना बंद करो। भारती नज़ाद (मूल के) अमरीकी क़ानूनसाज़ ने सोशल मीडिया पर मुतालिबा किया कि अमरीकी हुकूमत बंगला देश में हिंदूओं के तहफ़्फ़ुज़ के इक़दाम करे। ये अलार्म हिंदू अक्सरीयत के हामिल भारत में सबसे ज़्यादा शिद्दत से सुनाई दिया, जहां दाएं बाज़ू के हिंदू ग्रुपों ने उतर प्रदेश, महाराष्ट्र और दूसरी रियास्तों में इन हमलों पर एहतिजाज के लिए रैलियां निकाली। ख़ुद बंगला देश में, हिंदू, बौद्धों और मसीहीयों के इत्तिहाद की इंटरनेशनल बैन अल कायद काउंसिल ने भी ख़तरे के एहसास को तस्लीम किया। काउंसिल ने 9 अगस्त को एक खुले ख़त में कहा, मुल्कभर की अक़लीयतें सख़्त तशवीश, परेशानी और ग़ैर यक़ीनी कैफ़ीयत में हैं। 
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    नोबल ईनाम याफ़्ता, मुहम्मद यूनुस की ज़ेरे क़ियादत बंगला देश की उबूरी हुकूमत ने इक़तिदार सँभालने के फ़ौरन बाद एक बाज़ाबता बयान जारी किया, जिसमें कहा गया कि कुछ मुक़ामात पर मज़हबी अक़लीयतों पर हमलों को गहिरी तशवीश के साथ नोट किया गया है। राइटर्ज़ के मुताबिक़ बयान में कहा गया कि नई काबीना फ़ौरी तौर पर नुमाइंदा इदारों और दूसरे मुताल्लिक़ा ग्रुपस के साथ बैठ कर ऐसे क़ाबिल नफ़रत हमलों के सद्द-ए-बाब के तरीक़े तलाश करेगी। 
    'ये बात तो वाज़िह है कि हुजूम के तशद्दुद में लोग हलाक हुए और इमारतें जलाई गईं, लेकिन हक़ायक़ की जांच करने वाले बंगला देशी तफ़तीशकारों के तफ़सीली तजज़िये से ज़ाहिर होता है कि बेशतर मुतास्सिरीन को उनके अक़ीदे की वजह से नहीं बल्कि हसीना की जमात अवामी लीग से वाबस्तगी की वजह से निशाना बनाया गया था जिससे बड़े पैमाने पर नफ़रत पाई जाती थी। बंगला देश में हिंदूओं ने भारी अक्सरीयत से हसीना और उनकी जमात की हिमायत की थी जिसके भारत के साथ क़रीबी ताल्लुक़ात थे। 
    ढाका में क़ायम हक़ायक़ की जांच करने वाली तंज़ीम की रिसर्च टीम के सरबराह मिनहाज अमान ने एक इंटरव्यू में बताया कि शेख़ हसीना के ज़वाल के बाद, लोगों ने अपना ग़ुस्सा पुलिस और उसकी पार्टी के मुस्लमान और हिंदू दोनों अरकान पर निकाला। लिहाज़ा हुजूमों ने जमात से वाबस्ता अफ़राद पर हमला करते हुए कुछ हिंदू घरों पर भी हमला किया। न्यूज एजेंसी से वाबस्ता हक़ायक़ की जांच करने वाले तफ़तीशकार क़ादिर उद्दीन ने कहा कि मुम्किन है कि हुजूम में छिपे कुछ लोगों ने बाअज़ घरानों को सिर्फ घर का सामान लूटने या चोरी करने के लिए निशाना बनाया हो, जैसा कि छोटे जराइमपेशा अफ़राद करते हैं। लगभग दो दर्जन हिंदू मज़हबी तन्ज़ीमों पर मुश्तमिल, बंगला देश नेशनल हिंदू ग्रैंड अलाउंस ने भी मज़हबी मुहर्रिक ना होने को तस्लीम किया है। अलाउंस ने कहा कि इसके इकट्ठे किए गए आदाद व शुमार के मुताबिक़ हुजूम ने हिंदूओं की 278 इमलाक (संपत्ति) की तोड़फोड़ की। सेक्रेटरी जनरल गोबिन्दा प्रमाणिक ने बताया कि 5 अगस्त के बाद हुजूम ने अवामी लीग के हामी मुस्लमान घरानों पर उससे पाँच से सात गुना ज़्यादा हमले किए। ख़्याल रहे कि हिन्दोस्तान के कई मीडीया हाउस ने बंगला देश में मुबय्यना तौर पर हमले को बड़े पैमाने पर कवरेज देकर मुल्क भर में मुस्लिम मुख़ालिफ़ माहौल साज़ी की कोशिश की थी।

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