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प्रकृति को समझकर कर्म करें, प्रकृति के साथ सामान्य जीवन बिताएं : आचार्य विशुद्ध सागर

ज्ञान कल्याणक पूजन के साथ पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महामहोत्सव में भक्तों ने किया पूजन
शनिवार 19 नवंबर को मोक्ष कल्याणक, रथयात्रा, प्रतिष्ठित प्रतिमाओं का महामष्तकाभिषेक होगा

नई तहरीक : भिलाई

श्रीमद जिनेन्द्र पंच कल्याणक प्रतिष्ठा एवं विश्वशांति महायज्ञ में शुक्रवार को ज्ञान कल्याणक पूजन के अवसर पर भक्तों ने आचार्य श्री विशुद्ध सागर महाराज जी के अमृत वचनों से मंगल अभिषेक एवं शांतिधारा किया। आचार्य श्री ने प्रतिष्ठित होने जा रही प्रतिमाओं पर ससंघ सूर्य मंत्रोच्चार प्रतिष्ठाचार्य पं. पवन दीवान सागर जी के साथ धर्म क्रिया इन्द्रों के साथ पंडाल स्थल पर कराया। 

प्रचार प्रसार प्रमुख प्रदीप जैन बाकलीवाल ने बताया कि शुक्रवार को सांसद विजय बघेल ने कार्यक्रम स्थल पर पहुंचकर आचार्यश्री से आशीर्वाद लिया। पंचकल्याणक समिति के डॉ. प्रमोद विनायके, राकेश जैन, प्रदीप जैन बाकलीवाल, कमलेश जैन, भागचंद जैन, अमित जैन, विमल जैन, बबलु जैन, विनय जैन, पुनित जैन आदि ने सांसद श्री बघेल को चांदी का कलश प्रदान कर उनका स्वागत किया। अध्यक्ष दिनेश जैन व प्रशांत जैन ने प्रकाश मोदी को भी सम्मानित किया। 

आचार्य श्री विशुद्ध सागर महाराज के पाद प्रच्छालन एवं आचार्य श्री को शास्त्र भेंट करने का सौभाग्य संतोष जैन, रजनीश जैन एवं परिवार को मिला। इस मौके पर आचार्यश्री विशुद्ध सागर महाराज ने आहार चर्या पर विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि जैन मुनिगण भोजन लेने आहारचर्या हेतु जैन भक्तों के घर जाते हैं। इसलिए स्वस्थ्य रहते हैं। स्वस्थ रहने के लिए आहार के साथ विहार भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि बैल एक बार बैठ गया तो दुबारा उठ नही पाता। यही स्थिति व्हीआईपी लोगों की है। मैं व्हीआईपी उसे मानता हूं जो मोहमाया छोड़ कर दीन दुखियों की सेवा करते हैं। जो विशेष बनना चाहते हंै, उन्हें अपने कार्य के प्रति पागल होना पड़ता है। मेरे पास जो व्हीआईपी बनकर आता है, मैं उनकी पोल खोल देता हूं। आप सामान्य जीवन जीना चाहते हैं, या व्हीआईपी बनकर, इस पर उन्होंने डॉक्टर एवं कुछ प्रतिष्ठित लोगों से धर्मसभा  में पूछा। उनके सवाल पर वहां मौजूद चिकित्सकों ने कहा, वे सामान्य जीवन जीते हुए लोगों की सेवा करना चाहते हैं। 

श्रद्धालुओं पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा, जब तक आप सोते रहते हंै, मैं दस किलोमीटर की यात्रा कर लेता हूं। मैं पैदल ही पूरा देश घूम चुका हूं लेकिन यहां आकर देखता हूं कि आप लोग यही के यहीं हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह सागर नदी का जल सभी पशु, पक्षियों, मनुष्यों के लिए है, वैसे ही मॉ जिनवाणी का प्रवचन सबके लिए होता हैं। उन्होंने व्यक्ति को पीला वस्त्र पहनने की सलाह दी। 

दोपहर में समोसरण स्थल का उदघाटन डॉ. प्रमोद विनायके एवं कमलेश जैन ने किया। ज्ञान कल्याणक और भगवान की केवल ज्ञान प्राप्ति पर आचार्यश्री विशुद्ध सागर महाराज जी ने भगवान के समोसरण से धर्म क्रिया कराते हुए मंगल प्रवचन दिया। 

शनिवार 19 नवंबर को सुबह 6.30 बजे मोक्ष कल्याणक, दोपहर  दो बजे रथयात्रा, प्रतिष्ठित प्रतिमाओं का महामष्तिकाभिषेक होगा। तत्पश्चात आचार्यश्री आशीष वचन देंगे। 

शाम चार बजे होगा मंगल विहार

 शनिवार 19 नवंबर को आचार्यश्री विशुद्ध सागर महाराज जी का ससंघ रिसाली से मंगल विहार शाम 4 बजे होगा। श्री त्रिवेणी जैन तीर्थ सेक्टर 6 में डीपीएस चौक से ग्लोब चौक होते हुए जैन भवन में मंगल प्रवेश होगा।

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