वाराणसी : आईएनएस, इंडिया
वाराणसी की सिविल अदालत ने जुमेरात को ज्ञान वापी मस्जिद से मुताल्लिक एक मुआमले में मुस्लिम फरीक के एतराज को रद्द कर दिया। मुस्लिम फरीक ने कहा था कि ज्ञान वापी के अहाते का कब्जा हिन्दुओंं के हवाले करने समेत 3 मुतालिबात से मुताल्लिक केस काबिल-ए-कबूल नहीं है। इस की समाअत ना की जाए। लेकिन अदालत ने फरीकैन (दोनों पक्षों) को सुनने के बाद कहा कि केस काबिल-ए-समाअत है।
जुमेरात को ज्ञान वापी कांप्लैक्स को हिंदूओं के हवाले करने समेत तीन मुतालिबात से मुताल्लिक मुकद्दमे की समाअत सिविल जज सीनीयर डिवीजन महेंद्र कुमार पांडे की फास्ट ट्रैक अदालत में हुई। तीन मुतालिबात जिनकी समाअत की जानी थी, ये विश्व वैदिक सनातन सिंह के सरबराह जितेंद्र सिंह और दीगर लोगों ने दायर किया है। जिस पर अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी ने एतराज दायर किया था। कमेटी ने कहा था कि किरण सिंह की दरखास्त काबिल-ए-समाअत नहीं है। विश्व वैदिक सनातन सिंह के वकील अनुपम दिवेदी के मुताबिक अदालत ने अपने हुक्म में कहा है कि ये केस काबिल-ए-समाअत है। अदालत ने समाअत की अगली तारीख 2 दिसंबर 2022 मुकर्रर की है। इससे कब्ल अदालत ने केस के सिलसिले में 17 नवंबर की तारीख मुकर्रर की थी। यूपी हुकूमत, वाराणसी के डीएम और पुलिस कमिशनर जितेंद्र सिंह के मुताबिक, अंजुमन इंतिजामीया मस्जिद कमेटी और विश्वानाथ टेंपल ट्रस्ट को इस मुआमले में मुद्दा अलैह बनाया गया है। विश्व वैदिक सनातन सिंह के सरबराह जितेंद्र सिंह का कहना है कि ज्ञानवापी से मुताल्लिक 6 मुकद्दमात उनकी निगरानी में लड़े जा रहे हैं।
उन्होंने इस बात पर शक जताया कि कुछ लोगों की साजिÞश की वजह से उनकी जेर निगरानी तमाम मुकद्दमात खत्म हो जाऐंगे। उन्होंने काशी के बाशिंदों को मुहतात रहने की जरूरत बताई। जितेंद्र सिंह ने कहा कि ज्ञान वापी कैम्पस से मुताल्लिक तमाम मुकद्दमात के दिफा के लिए सिर्फ तीन वकीलों को मुकर्रर किया गया है जो वाराणसी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में हमारी निगरानी में चल रहे हैं। इनके इलावा, अगर कोई खुद को विश्व वैदिक सनातन सिंह की तरफ से चलाए जाने वाले मुकद्दमात में वकील बताता या दिखाता है या लिखता है, तो वो पूरी तरह से फर्जी है। ख्याल रहे कि 12 सितंबर को अदालत ने ज्ञान वापी कैम्पस में वाके श्रृंगार गौरी मंदिर में पूजा की इजाजत देने वाली दरखास्त को काबिल-ए-समाअत करार दिया था।
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