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सरहदी इलाकों में सिर्फ मुस्लमानों की प्रोफाइलिंग क्यों

आल इंडिया मजलिस इत्तिहाद अल मुस्लिमीन के सदर असद उद्दीन उवैसी

ये पिछले दरवाजे से एनआरसी है, उवैसी ने मर्कज को बनाया निशाना 

नई दिल्ली : आईएनएस, इंडिया 

आॅल इंडिया मजलिस इत्तिहाद अल मुस्लिमीन के सदर असद उद्दीन उवैसी ने मर्कजी हुकूमत पर हमला करते हुए उसे मुस्लिम मुखालिफ करार दिया है। 

एनआरसी का मसला उठाते हुए उवैसी ने मंगल को ट्वीट किया कि मोदी हुकूमत की पालिसी मुस्लमानों को शक की निगाह से देखना है। उन्होंने कहा कि सरहदी इलाकों पर सिर्फ मुस्लमानों की ही प्रोफाइलिंग क्यों, हिंदू बिरादरी भी सरहदी इलाकों के करीब रहते हैं। क्या उनकी प्रोफाइलिंग की जा रही है, कहीं पिछले दरवाजे से एनआरसी को नाफिज तो नहीं किया जा रहा है। असद उद्दीन उवैसी ने मजीद लिखा कि पाकिस्तानी इंटेलीजेंस एजेंसियों के साथ काम करने पर गैर मुस्लिमों को गिरफ़्तार किए जाने के कई केसिज सामने आए हैं। उनमें सिक्योरिटी अहलकार और यहां तक कि बीजेपी का एक कारकुन भी शामिल है। उवैसी ने राजिस्थान के मुत्तसिल इलाकों में डेमोग्राफिक और इकानॉमिक प्रोफाइल के मुआमले पर मर्कजी हुकूमत को निशाना बनाया है। 

मर्कजी वजारत-ए-दाखिला के जराइआ ने टेलीग्राफ को बताया कि मर्कजी सिक्योरिटी एजेंसियां मुबय्यना (कथित) तौर पर पाकिस्तान की सरहद के साथ राजिस्थान में मुस्लिम अक्सरीयती इलाकों में रहने वाले बाशिंदों की आबादियाती और इक्तिसादी प्रोफाईल्ज तैयार कर रही हैं। मर्कजी हुकूमत ने ये कदम कांग्रेस के जेरे इकतिदार में 2023 के असेंबली इंतिखाबात से पहले उठाया है। हालांकि इंटेलीजेंस बेअर के एक साबिक जवाइंट डायरेक्टर ने कहा कि मैं समझता हूँ कि ये असेंंबली इंतिखाबात से पहले लोगों को मजहबी खुतूत पर पोलोराइज करने की एक बड़ी हिक्मत-ए-अमली का हिस्सा नहीं है। ताहम वजारत-ए-दाखिला के जराइआ ने उसे एक मामूल का अमल करार दिया जिसका मकसद इंतिहापसंद अनासिर और सरहद पर सरगर्मियों पर नजर रखना है।


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