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मदारिस और दीनी इदारों के इस्तिहकाम में भरपूर हिस्सा लें : अमीर शरीयत

  •  दारुल कजा और तालीमी इदारों की तौसीअ का इजहारे अज्Þम


सहरसा। आईएनएस, इंडिया 

मदारिस इस्लामीया और दीनी व मिल्ली इदारे मिल्लत की अमानत हैं, इसकी तामीर व तरक्की और मुल्क में इस की बका व तहफ्फुज हर मुस्लमान की ईमानी जिÞम्मेदारी है, लेकिन काबिले अफसोस है कि मुस्लमानों ने तमाम मदारिस और दीनी व मिल्ली इदारों को खैरात व सदकात के डोर में बांध दिया गया है। उन्होंने कहा कि हमें समझना चाहिए कि मदारिस और मिल्ली इदारों को खैराती तसव्वुर से बाहर निकालना वक़्त की अहम जरूरत है, इस से मदारिस का निजाम बावकार व पुरकशिश बनेगा और मिल्ली इदारों के काम आगे बढ़ेंगे। लाजिम है कि हर मुस्लमान अह्द करे कि वो इन इदारों की तरक़्की और इसकी अजमते नौ की बहाली के लिए जकात व सदकात के अलावा अपने अतयात की रकूम भी दीनी इदारों पर खर्च करेंगे और जब भी जरूरत पड़ेगी, पूरी फराखदिली के साथ इन इदारों के कयाम और इसके निजाम के इस्तिहकाम में हिस्सा लेंगे। इमारत शरयह जैसे इदारे आपकी अजमत की रोशन अलामत और दीन का मुस्तहकम किला हैं। इन ख़्यालात का इजहार इमारत शरयह के अमीरे शरीयत मुफक्किर मिल्लत हजरत मौलाना अहमद वली फैसल रहमानी जामा मस्जिद मीर टोला सहरसा में मुनाकिद एक अजीमुश्शान इस्तिकबालिया इजलास को खिताब करते हुए किए। उन्होंने अवाम को इस बात की ताकीद की कि जलसे का एहतेमाम ब-मकसद करें। साथ ही आपस की ना इत्तिफाकी को खत्म करने की तलकीन की। उन्होंने कहा कि एक मुस्लमान के दिल की अजमत अल्लाह के नजदीक खाना-ए-काअबा से भी ज्यादा है, इसलिए दिलों को साफ रखें और मुत्तहिद होकर जिंदगी गुजारें। कलमा, मुस्लमानों के इत्तिहाद की सबसे मजबूत बुनियाद है। अपने खिताब में फिक्रे आखिरत पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि मौत हम सब के सामने खड़ी है, आप इस सोच के साथ कदम आगे बढ़ाएं कि अगर किसी वक़्त भी मौत आ जाए तो हमारे पास ऐसे आमाल मौजूद हों जिससे दुनिया में भी लोग इज्जत से आपका नाम लें और आखिरत में भी आप सुर्खरु हों। डाक्टर अबुल कलाम ने हजरत अमीर शरीयत की शाल पोशी की और सपाश नामा पेश किया। काजी शरीयत मौलाना मुफ़्ती अंजार आलिम कासिमी ने हजरत अमीर शरीयत की इताअत पर जोर देते हुए कहा कि इस्तिकबाल का हक नारों से नहीं बल्कि अमली इताअत से अदा करें। तकरीब को मुफ़्ती इमारत शरयह मौलाना सईद अल रहमान कासिमी, नायब नाजिम मौलाना मुफ़्ती मुहम्मद सुहराब नदवी, मौलाना मुहिब उल हक कासिमी, काजी शरीयत मौलाना इजहार उल-हक, काजी शरीयत सहरसा मौलाना यूसुफ साहिब ने भी खिताब किया। मौलाना शमीम अकरम रहमानी ने इजलास की निजामत की। तंजीम इमारते शरयह सहरसा के जिÞला सदर ताहिर साहिब, जिÞला सेक्रेटरी डाक्टर तारिक ने शुक्रिया के कलिमात कहे। 

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