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सहाफी सलमा, शगुफ्ता और नाहिदा को एजाज से नवाजा गया, 90 खवातीन ने अपनी हुनरमंदी का किया मुजाहिरा

शाअबान अल मोअज्जम, 1446 हिजरी 


  फरमाने रसूल   

जो चीज़ सबसे ज़्यादा लोगों को जन्नत में दाखिल करेगी, वह ख़ौफ-ए-खुदा और हुस्न अखलाक है।
- तिर्मिज़ी 

सहाफी सलमा, शगुफ्ता और नाहिदा को एजाज से नवाजा गया, 90 खवातीन ने अपनी हुनरमंदी का किया मुजाहिरा


✅ नई तहरीक : रायपुर 


0 दम तोड़ रही उर्दू को सरे नौ जिंदा करने 0 उम्मते मुसलमां का जायजा लेने और दीनी व मजहबी मुआमले को लेकर अपनी सोच व फिक्र का जवाब तलाशने के लिए जुड़े रहें …… ‘ बख्तावर अदब’ और ‘नई तहरीक’ से ….  


    आल मुस्लिम वेलफेयर फाउंडेशन, हमशीरा ग्रुप की जानिब से गुजिश्ता दिनों मुनाकिद इस्तकबालिया प्रोग्राम में बेहतरीन कारकर्दगी का मुजाहिरा करने वाली खवातीन को एजाज से नवाजा गया। स्टेटस होलीस्टिक पब्लिक स्कूल के नूरुस्सुबह हाल में मुनाकिद प्रोग्राम में तकरीब 90 खवातीन ने मुख्तलिफ शोबे में अपनी हुनरमंदी का मुजाहिरा किया। जज बुशरा परवीन, आलिया बेगम व नजमा बेगम थीं। 
    इस दौरान तैयब सिद्दीकी को नात-ए-नबी  की बेहतरीन पेशकश के लिए वहीं बेहतरीन सहाफत (पत्रकारिता) के लिए सैयद सलमा, शगुफ्ता शिरीन और नाहिदा कुरैशी को एजाज से नवाजा गया।

सहाफी सलमा, शगुफ्ता और नाहिदा को एजाज से नवाजा गया, 90 खवातीन ने अपनी हुनरमंदी का किया मुजाहिरा


    इनके अलावा नात-ए-नबी  पेश करने वाली दीगर खवातीन की हौसला अफजाई के लिए फाउंडेशन की जानिब से सर्टिफिकेट और तहाईफ से नवाजा गया। साथ ही उनके बेहतरीन मुस्तकबिल के लिए दुआ की गई। 
    मेहमाने खुसूसी मौलाना अब्दुल रऊफ वार्ड की पार्षद अर्जुमन ढेबर, फाउंडेशन के रियासती सदर की वालीदा अतिया बेगम और निखत खान थीं। 

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    गौरतलब है कि ऑल मुस्लिम वेलफेयर फाउंडेशन की जानिब से रियासत छत्तीसगढ़ में जगह-जगह मेडिकल, ब्लड डोनेशन कैंप, आंखों की जांच और ऑपरेशन, सजरकारी (वृक्षारोपण), शादी के लिए ताअर्रुफी प्रोग्राम और इज्तिमाई शादी जैसे फलाही काम अंजाम दिए जाते हैं। इस सिलसिले में फाउंडेशन की जानिब से 18 जनवरी को रायगढ़ जिले में 9 लोगों की इज्तेमाई शादी करवाई गई। कौम के छोटे बच्चे-बच्चियों के दीनी जज्बे को बेदार करने और उनका हौसला बढ़ाने के लिए नन्हे रोजेदारों का इस्तकबाल, अज़ान कांपीटिशन, हिफ्ज कुरान, इस्लामिक क्वीज कांपीटिशन, ताअलीम के तंई बच्चों में दिलचस्पी पैदा करने के लिए अलग-अलग शहरों में ईदी के तौर पर कलम और किताब तकसीम की जाती है। इसके अलावा छोटे बच्चों के लिए कोचिंग क्लास और पर्सनैलिटी डेवलपमेंट जैसे प्रोग्राम करवाए जाते हैं। 
    इसी तरह खवातीन हुनरमंदी के लिए मेहंदी, नात, कुकिंग और बेस्ट फ्राम वेस्ट जैसे कांपीटिशन कराए जाते हैं। 
    हमशीरा ग्रुप की रायपुर संभाग सदर नाज़मा परवीन ने कहा कि क़ौम की फलाह और बहबूद हमारा नस्बुल ऐन है। उन्होंने बताया कि हमशीरा ग्रुप की रियासत छत्तीसगढ़ के हर जिले में तश्कील दी जाकर ज्यादा से ज्यादा खवातीन को इससे जोड़ा जा रहा है। प्रोग्राम को कामयाब बनाने में रायपुर हमशीरा जिला सदर मोहतरमा नूरजहां, राहत, तबस्सुम, हमीदा, शहनाज़ और मोहरतमा नसीम के अलावा तौसीफ ने अहम किरदार अदा किया। 

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