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सऊदी अरब में 41.2 फ़ीसद ख़वातीन ग़ैर शादीशुदा , तलाक के रुजहान में आई कमी : सर्वे

 रज्जब उल मुरज्जब, 1446 हिजरी 


फरमाने रसूल ﷺ

लोगों को अपने शर से महफूज़ कर दो, उन्हें तकलीफ ना पहुंचाओ के ये भी एक सदका है, जिसे आप खुद अपने आप पर करोगे।

-सहीह बुखारी

सऊदी अरब में 41.2 फ़ीसद ख़वातीन ग़ैर शादीशुदा : सर्वे

हज - 2025 : 31 जनवरी तक जमा कराएं रकम

✅ रियाद : आईएनएस, इंडिया 

सऊदी अरब में ग़ैर शादीशुदा ख़वातीन का तनासुब (अनुपात) 41.2 फ़ीसद तक पहुंच गया जबकि तलाक़ के रुजहान में कमी आ रही है। अल ख़बारीह चैनल ने सऊदी ख़वातीन के हवाले से शादीशुदा और ग़ैर शादीशुदा का तनासुब मालूम करने सर्वे कराया था। 
    सर्वे में साल 2023 में ममलकत के तमाम इलाक़े में 15 से 49 साल की ख़वातीन को शामिल किया गया। सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक़ 41.2 फ़ीसद लड़कियां ग़ैर शादीशुदा हैं, जबकि शादीशुदा ख़वातीन का तनासुब 53 फ़ीसद के क़रीब है। सर्वे में मज़ीद बताया गया कि ममलकत में तलाक़ के रुजहान में भी कमी देखने में आई है। 
    तलाक़ याफताह ख़वातीन 4.8 फ़ीसद हैं जबकि बेवा ख़वातीन बहुत कम हैं जिनका तनासुब 0.9 फ़ीसद है।

हज - 2025 : 31 जनवरी तक जमा कराएं रकम


हज - 2025 : 31 जनवरी तक जमा कराएं रकम


नई दिल्ली : हज कमेटी आफ़ इंडिया के तहत हज-2025 के लिए वेटिंग लिस्ट से मुंतख़ब आज़मीन को हज अख़राजात की रक़म जमा कराने 31 जनवरी तक सहूलत दी गई है। वाजेह रहे कि हज ख़र्च की पहली और दूसरी क़िस्त कुल रक़म 272,300 रुपय है। हज कमेटी आफ़ इंडिया से जारी सर्कुलर के मुताबिक़ उसके बाद तारीख़ में मज़ीद तौसीअ नहीं की जाएगी। 
    आज़मीन हज को इस ऐलान पर सख़्ती से अमल करने कहा गया है। उसके बाद किसी भी दरख़ास्त पर ग़ौर नहीं किया जाएगा। आज़मीन को रक़म जमा कराने के लिए ई-पेमेंट की सहूलत भी दी गई है। ये सहूलत हज सुविधा एप पर क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, नेट बैंकिंग यूपीआई के ज़रीये भी रकम जमा कराई जा सकती है। इसके अलावा आज़मीन स्टेट बैंक आफ़ इंडिया या यूनीयन बैंक आफ़ इंडिया की किसी भी शाखा में हज कमेटी आफ़ इंडिया के अकाउंट में अपने कवर नंबर के मुताबिक़ मख़सूस पे इन स्लिप पर बैंक रेफरेंस के साथ रकम जमा करा सकते हैं। 
    हज अख़राजात की बाक़ी रक़म की इत्तिला जहाज़ का किराया और सऊदी अरब में अख़राजात तय होने के बाद दी जाएगी। हज 2025 के अख़राजात की तफ़सीलात मुताल्लिक़ा रवानगी के मुक़ामात के मुताबिक़ वेबसाइट भी दस्तयाब होंगी। मज़ीद तफ़सीलात के लिए हज कमेटी आफ़ इंडिया की वेबसाईट या रियास्ती हज कमेटियों के दफ़ातिर पर राबिता किया जा सकता है।

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