शाअबान अल मोअज्जम, 1446 हिजरी
﷽
फरमाने रसूल ﷺ
"अल्लाह ताअला फरमाता है: मेरा बंदा फर्ज़ नमाज़ अदा करने के बाद नफिल इबादत करके मुझसे इतना नज़दीक हो जाता के मैं उससे मोहब्बत करने लग जाता हूँ।"
- सहीह बुख़ारी
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पाकिस्तान की एक अदालत ने तौहीन मज़हब के जुर्म में चार अफ़राद को सज़ा-ए-मौत सुनाई है। चारों ने सोशल मीडीया पर इस्लाम की चार अहम शख़्सियात और क़ुरान-ए-पाक की तौहीन पर मबनी पोस्ट अपलोड की थीं। सज़ायाफ़्ता अफ़राद के वकील ने सज़ा के ख़िलाफ़ अपील किए जाने की बात कही है।
गुजिश्ता रोज रावलपिंडी में मुक़ामी अदालत के जज तारिक़ अय्यूब ने मुल्ज़िमान को सज़ा सुनाते हुए कहा कि उन्होंने चार इस्लामी शख़्सियात और क़ुरान-ए-पाक की तौहीन की है। ये उनका नाक़ाबिल माफ़ी जुर्म है। उनके लिए रियाइत की कोई गुंजाइश नहीं रही। अदालत ने मुल्ज़िमान को सज़ा-ए-मौत के अलावा 46 लाख रुपय जुर्माने की सज़ा भी सुनाई है। चारों को आला अदालत में अपील का हक़ होगा।
सज़ा पाने वाले मुल्ज़िमान के वकील मंज़ूर रहमानी ने फ़ैसले पर तन्क़ीद करते हुए कहा कि फ़ैसले में अदालती कार्रवाई और तफ़तीश के दौरान शहादतों की कमी का ख़्याल नहीं रखा गया। उनका कहना था कि वो इन सज़ाओं के ख़िलाफ़ हाइकोर्ट से रुजू करेंगे ताकि अपने मुवक्किलीन को इन्साफ़ दिला सकें। वाजेह रहे कि 1980 की दहाई में पाकिस्तान में तौहीन मज़हब, तौहीन इस्लाम और तौहीन क़ुरआन के वाक़ियात में इज़ाफे़ के पेश-ए-नज़र इन जराइम की रोक-थाम के लिए पार्लियामान ने नए क़वानीन की मंज़ूरी दी थी।
डेनमार्क में मुक़द्दस क़ुरान-ए-पाक की बे-हुरमती पर मुक़द्दमा दर्ज
लंदन : डेनमार्क में क़ुरान-ए-पाक की बे-हुरमती पर पहला मुक़द्दमा दर्ज किया गया। ग़ैर मुल्की मीडीया रिपोर्टस के मुताबिक़ डेनमार्क में क़ुरान-ए-पाक की बे-हुरमती गै़रक़ानूनी क़रार देने के नए क़ानून के तहत गुजिश्ता रोज 2 अफ़राद पर मुक़द्दमा दर्ज किया गया। रिपोर्ट में बताया गया कि इन अफ़राद की शिनाख़्त ज़ाहिर नहीं की गई लेकिन उन पर इल्ज़ाम है कि उन्होंने जून में एक तेहवार के दौरान क़ुरान-ए-पाक की बे-हुरमती की थी।
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हुक्काम और मुक़ामी मीडिया की जानिब से मुल्ज़िमान के मुबय्यना इक़दामात की मज़ीद तफ़सीलात फ़राहम नहीं की गईं। याद रहे कि 2023 में डेनमार्क और स्वीडन में क़ुरान-ए-पाक की बे-हुरमती के मुतअद्दिद वाक़ियात हुए थे जिसके बाद मुस्लमान ममालिक ने ऐसी मज़मूम हरकतों पर पाबंदी का मुतालिबा किया था। डेनमार्क में क़ुरान-ए-पाक की बे-हुरमती के वाकिये पर मुस्लिम दुनिया में गम-ओ-ग़ुस्सा फैल गया था जिसके बाद 7 दिसंबर 2023 को क़ुरान-ए-पाक की बे-हुरमती गै़रक़ानूनी क़रार देने का बिल मंज़ूर किया गया था जो चंद रोज़ बाद नाफ़िज़ उल-अमल भी हो गया। उसकी ख़िलाफ़वरज़ी करने वालों को जुर्माने या 2 साल तक क़ैद की सज़ा हो सकती है।
फिलीस्तीन डाक्यूमेंट्री फ़िल्म 'नो लैंड' ऑस्कर के नामित
दुबई : फिलीस्तीन डाक्यूमंट्री फिल्म 'नो लैंडह्ण को आस्कर के लिए नामज़द किया गया है। फ़िल्म के हिदायतकारों में चार इसराईली बासिल इदरा, हमदान बालल, यूवल अब्राहम और रैचल सुज़ूर शामिल हैं। फ़िल्म की कहानी मक़बूज़ा मग़रिबी किनारे से ताल्लुक़ रखने वाले फ़लस्तीनी नौजवान इदरा के इर्द-गिर्द घूमती है जो इसराईली फ़ौज के क़बज़े के ख़िलाफ़ मुज़ाहमत कर रहा है।इदरा ने बचपन से ही फ़लस्तीनी इलाक़े पर इसराईली क़ाबिज़ फ़ौज के हाथों घरों की मिस्मारी और तबाही देखी है। बताया गया है कि ह्यनो लैंडह्ण फ़िल्म ने प्री ऑस्कर एवार्डज़ में भी कामयाबी हासिल की है। जबकि सिनेमा आई ऑनर्ज़ की तरफ़ से बेहतरीन फ़िल्म 'आईडीए की तरफ़ से इसे बेहतरीन फ़िल्म और हिदायत कारी के ऐवार्ड के अलावा बर्लिन में बेहतरीन दस्तावेज़ी फ़िल्म का एज़ाज़ भी हासिल किया है। फ़िल्म का प्रीमीयर गुजिश्ता साल फरवरी में हुआ था। इस साल 3 मार्च को अकेडमी ऐवार्डज़ तक़रीब का इनइक़ाद होगा।