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कैनेडा के टोरंटो में यौम आशूरा पर निकला जुलूस, इस्तांबूल के आसमान में चमकी अजीब रोशनी

मोहर्रम-उल-हराम - 1446 हिजरी

  हदीस-ए-नबवी ﷺ  

 ह्यजो शख्स ये चाहता है कि उसके रिज्क में इजाफा हो, और उसकी उम्र दराज हो, उसे चाहिए कि रिश्तेदारों के साथ हुस्न सुलूक और एहसान करे।ह्ण

- मिश्कवात शरीफ

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कैनेडा के टोरंटो में यौम आशूरा पर निकला जुलूस, इस्तांबूल के आसमान में चमकी अजीब रोशनी
File Photo

✅ ओटावा :  : आईएनएस, इंडिया  

नवासा-ए-रसूल हज़रत इमाम-ए-आली मक़ाम हजरत हुसैन रदि अल्लाहो अन्हा की लाज़वाल क़ुर्बानी की याद में कैनेडा के शहर टोरैंटो में यौम आशूरा पर जुलूस निकाला गया। रिवायती जुलूस ऊंटारीव पार्लियामेंट कुईंज़ पार्क के अहाते से शुरू हुआ और मुख़्तलिफ़ रास्तों से होता हुआ सिटी हाल पहुंचकर इख्तेताम पज़ीर हुआ। 
    क्वाइंज़ पार्क के अहाते में मौलाना हुसैन शीराज़ी ने मर्कज़ी मजलिस से ख़िताब करते हुए कहा कि पैग़ाम-ए-हुसैन, एक मसलक, एक मज़हब या एक तबक़े के लिए नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए है। जलूस के रास्तों में नौहा-ख़्वाँ हज़रात और अज़ादारान-ए-मज़लूम, इमाम-ए-आली मक़ाम सय्यदना इमाम हुसैन रदि अल्लाहो अन्हो की लाज़वाल क़ुर्बानियों को अपने अंदाज़ में ख़राज-ए-अक़ीदत पेश करते रहे। जुलूस में बच्चों और ख़वातीन की भी कसीर तादाद शामिल थी। रज़ाकारों (वालिंटियर्स) ने शुरका के लिए दूध, शर्बत और लंगर का एहतिमाम किया था। मोहर्रम उल हराम के मौके पर मोण्ट्रियाल, केगरी, वेनकोवर, मिल्टन, मिसी सागा, इसकारबूरो, मार्खम, कैंब्रिज और नियाग्रा फ़ालिज़ समेत कैनेडा के मुख़्तलिफ़ शहरों में हर रोज मजालिस-ए-अज़ा मुनाकिद हुई। 

ब्रिटेन : पहली मुस्लिम खातून शबाना महमूद ने लार्ड चांसलर के तौर पर लिया हलफ़ 

लंदन : रुक्न पार्लियामेंट संसद सदस्य शबाना महमूद ने बर्तानिया की पहली ख़ातून मुस्लमान लार्ड चांसलर के तौर पर हलफ़ उठाया। बर्तानवी मीडीया के मुताबिक़ पाकिस्तानी नज़ाद (मूल की) शबाना महमूद ने क़ुरान-ए-पाक पर हाथ रखकर हलफ़ उठाया। 
    इस मौके पर शबाना महमूद ने कहा कि ये ज़िम्मेदारी इस्तिहक़ाक़ (विशेषाधिकार) और बोझ दोनों है, इस ज़िम्मेदारी से आने वाली नसलों के लिए दरवाज़े खुलेंगे। उन्होंने कहा, मैं पहली लार्ड चांसलर हूँ जो उर्दू बोल सकती है। शबाना महमूद ने क़ानून की बैन-उल-अक़वामी हुक्मरानी के दिफ़ा (बचाव) और इन्सानी हुक़ूक़ की पासदारी का अहद करते हुए कहा कि अदलिया (अदालत) को सियासी दबाव और ग़ैर ज़रूरी असर-ओ-रसूख़ के बग़ैर फ़ैसले करने चाहिये।

इस्तांबूल के आसमान में चमकने वाली वो रोशनी क्या थी

इस्तांबूल : तुरकिया में सोशल मीडीया पर एक ऐसी वीडीयो वाइरल हो रही है जिसमें इस्तांबूल के आसमान में तेज़ रोशनी की किरण दिखाई गई है। इस रोशनी ने तुर्कों में शदीद तजस्सुस पैदा कर दिया। तुरकिया के कई शहरों में भी आसमान पर आग का शोला देखा गया। तुरकिया के मुख़्तलिफ़ इलाक़ों बोर्सा, सिकारिया, कोजाएली और गोरम में बहुत से लोग इस रोशन चीज़ को देखकर हैरान रह गए। 
    ये एक तेज़ रोशनी थी जो अचानक नमूदार होकर ग़ायब हो गई। कुछ का ख़्याल था कि ये एक मिज़ाईल था जब कि बाअज़ उसे सेटेलाईट समझते रहे। जबकि मुक़ामी मीडीया ने रिपोर्टस में बताया कि ये रोशनी मुक़ामी वक़्त के मुताबिक़ 20:30 के क़रीब देखी गई। कई इलाक़ों में उसे देखा गया। इमकान है कि वो शहाब साक़िब (उल्कापिंड) हो। सोशल मीडीया पर तुर्क ख़लाई एजेंसी (टीयूए) ने कहा कि ये एक उल्का पिंड जैसी कोई चीज़ थी मगर उसकी तसदीक़ नहीं हो सकी। उन्होंने वज़ाहत की कि उलकापिंड के ज़मीन के माहौल में दाख़िल होने पर बनने वाले रंग कीमीयाई साख़त, उसकी रफ़्तार और ज़मीन की फ़िज़ा में मौजूद गेसों जैसे मुख़्तलिफ़ अवामिल पर मुनहसिर होते हैं।

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