मोहर्रम-उल-हराम - 1446 हिजरी
हदीस-ए-नबवी ﷺ
उस शख्स लिए जन्नत की बशारत है जिसने अपनी जबान पर काबू पा लिया और अपनी गलतियों पर अश्क बहाता हो।
- बुखारी शरीफ
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किंग अब्दुल अज़ीज़ बैन-उल-अक़वामी मुकाबला हुस्ने किरात
ख़ादिम हरमैन शरीफ़ैन शाह सलमान बिन अबदुल अज़ीज़ की ज़ेरे निगरानी बैन-उल-अक़वामी मुक़ाबला हुस्न क़िरात-ओ-तहफ़ीज़ और तफ़सीर क़ुरआन का 44 वां एडीशन अगस्त 2024 मैं मक्का मुकर्रमा में मुनाक़िद किया जाएगा। एसपीए के मुताबिक़ मुक़ाबले के इंतिज़ामात वज़ारत इस्लामी उमूर और दावतुल शाद की जानिब से किए जा रहे हैं।
बैन-उल-अक़वामी मुक़ाबले में मुख़्तलिफ़ ममालिक से कारी और हुफ़्फ़ाज़ किराम शिरकत करेंगे। मुक़ाबला हुस्न क़िरात-ओ-तफ़सीर क़ुरआन करीम के लिए 40 लाख रियाल के मजमूई इनामात रखे गए हैं। वज़ीर इस्लामी उमूर शेख़ डाक्टर अब्दुल लतीफ़ अल शेख़ का कहना है मुक़ाबले की इख़ततामी तक़रीब मस्जिद उल-हराम में मुनाक़िद की जाएगी। मुक़ाबले के शुरका के लिए 5 ज़ुमरे रखे गए हैं। पहला ज़मुरा उन हुफ़्फ़ाज़ के लिए मख़सूस होगा जो मुकम्मल क़ुरआन-ए-करीम के हाफ़िज़ होने के साथ तजवीद और सातों क़िरात में माहिर हों। दूसरे हिस्से में क़ुरआन-ए-करीम के वो हुफ़्फ़ाज़ जो तजवीद और आयात क़ुरआन की तफ़सीर के फ़न में माहिर हैं। तीसरे ज़ुमरे में वो हुफ़्फ़ाज़ किराम, जो फ़न तजवीद के माहिर हों जबकि चौथे में 15 पारे के हुफ़्फ़ाज़ और तजवीद जबकि पांचवें शोबे में 5 पारों के हुफ़्फ़ाज़ और तजवीद का मुक़ाबला होगा।
पहले ज़ुमरे के मुक़ाबला में पहली पोज़ीशन पर आने वाले को 5 लाख रियाल जबकि दूसरे के लिए 4 लाख 50 हज़ार और तीसरे के लिए 4 लाख रियाल का इनाम रखा गया है। दूसरे ज़ुमरे के पहले फ़ातिह को 3 लाख दूसरे को 2 लाख 75 हज़ार और तीसरी पोज़ीशन पर आने वाले को 2 लाख 50 हज़ार रियाल का इनाम दिया जाएगा। तीसरे ज़ुमरे के मुक़ाबले में पहली पोज़ीशन हासिल करने वाले को 2 लाख रियाल, दूसरे पोज़ीशन के लिए 1 लाख 90 हज़ार और तीसरे के लिए 1 लाख 80 हज़ार रियाल मुक़र्रर हैं। चौथे और पांचवें ज़ुमरे के फ़ातहीन के लिए पहली पोज़ीशन हासिल करने वाले को 1 लाख 70 हज़ार और एक लाख 60 हज़ार रियाल मुक़र्रर किए गए हैं। मुक़ाबले में दीगर नौईयत के फ़ातहीन के लिए भी नक़द इनामात रखे गए हैं जिनकी मालियत डेढ़ लाख से 45 हज़ार रियाल तक होगी
बैन-उल-अक़वामी मुक़ाबले में मुख़्तलिफ़ ममालिक से कारी और हुफ़्फ़ाज़ किराम शिरकत करेंगे। मुक़ाबला हुस्न क़िरात-ओ-तफ़सीर क़ुरआन करीम के लिए 40 लाख रियाल के मजमूई इनामात रखे गए हैं। वज़ीर इस्लामी उमूर शेख़ डाक्टर अब्दुल लतीफ़ अल शेख़ का कहना है मुक़ाबले की इख़ततामी तक़रीब मस्जिद उल-हराम में मुनाक़िद की जाएगी। मुक़ाबले के शुरका के लिए 5 ज़ुमरे रखे गए हैं। पहला ज़मुरा उन हुफ़्फ़ाज़ के लिए मख़सूस होगा जो मुकम्मल क़ुरआन-ए-करीम के हाफ़िज़ होने के साथ तजवीद और सातों क़िरात में माहिर हों। दूसरे हिस्से में क़ुरआन-ए-करीम के वो हुफ़्फ़ाज़ जो तजवीद और आयात क़ुरआन की तफ़सीर के फ़न में माहिर हैं। तीसरे ज़ुमरे में वो हुफ़्फ़ाज़ किराम, जो फ़न तजवीद के माहिर हों जबकि चौथे में 15 पारे के हुफ़्फ़ाज़ और तजवीद जबकि पांचवें शोबे में 5 पारों के हुफ़्फ़ाज़ और तजवीद का मुक़ाबला होगा।
पहले ज़ुमरे के मुक़ाबला में पहली पोज़ीशन पर आने वाले को 5 लाख रियाल जबकि दूसरे के लिए 4 लाख 50 हज़ार और तीसरे के लिए 4 लाख रियाल का इनाम रखा गया है। दूसरे ज़ुमरे के पहले फ़ातिह को 3 लाख दूसरे को 2 लाख 75 हज़ार और तीसरी पोज़ीशन पर आने वाले को 2 लाख 50 हज़ार रियाल का इनाम दिया जाएगा। तीसरे ज़ुमरे के मुक़ाबले में पहली पोज़ीशन हासिल करने वाले को 2 लाख रियाल, दूसरे पोज़ीशन के लिए 1 लाख 90 हज़ार और तीसरे के लिए 1 लाख 80 हज़ार रियाल मुक़र्रर हैं। चौथे और पांचवें ज़ुमरे के फ़ातहीन के लिए पहली पोज़ीशन हासिल करने वाले को 1 लाख 70 हज़ार और एक लाख 60 हज़ार रियाल मुक़र्रर किए गए हैं। मुक़ाबले में दीगर नौईयत के फ़ातहीन के लिए भी नक़द इनामात रखे गए हैं जिनकी मालियत डेढ़ लाख से 45 हज़ार रियाल तक होगी