मोहर्रम-उल-हराम - 1446 हिजरी
हदीस-ए-नबवी ﷺ
जिसने अस्तग़फ़ार को अपने ऊपर लाज़िम कर लिया अल्लाह ताअला उसकी हर परेशानी दूर फरमाएगा और हर तंगी से उसे राहत अता फरमाएगा और ऐसी जगह से रिज़्क़ अता फरमाएगा जहाँ से उसे गुमान भी ना होगा।
- इब्ने माजाह
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निकला जुलूस, ताजिया, अखाड़ा और लंगर में उमड़ी भीड़
हक के लिए अपनी शहादत देने वाले हजरत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम और उनके 72 साथियों की याद में बुध को ताजिए निकाले गए। शहर के अलग-अलग हिस्से से निकले जुलूस में सवारी और अखाड़े भी शामिल हुए। दिन भर रूक-रूक कर होती रही बारिश का असर मोहर्रम के जुलूस पर पड़ा। हालांकि तमाम अंजुमनों ने बारिश को देखते हुए सारे इंतजाम पहले ही कर रखे थे। बारिश के बावजूद जुलूस में शामिल लोगों के जोश-ओ-खरोश में कोई कमी नहीं आई। जुलूस के दौरान जगह-जगह फातिहा ख्वानी होती रही और दुआओं में कर्बला के शहीदों को याद किया गया।दोपहर में शहर की तमाम 48 अंजुमन अपने-अपने इमामबाड़े से ताजिए लेकर निकली। खुर्सीपार, कैम्प, पावर हाउस, गफ्फार कालोनी और दीगर इलाकों से निकला ताजिए के जुलूस पावर हाउस पहुंचे जहां से तयशुदा रास्तों पर गश्त करता हुआ दोपहर 2 बजे पावर हॉउस ओवर ब्रिज होते हुए इक्विपमेंट चौक पहुंचे। यहां से सेंट्रल एवेन्यू रोड, सेक्टर-5 चौक, सेक्टर-6 जामा मस्जिद रोड होते हुए कर्बला मैदान पहुंचे। सुपेला इलाके में अंजुमन शहीदीया के साथ दीगर अंजुमनों के ताजिए फरीद नगर इलाकों से निकले। अंजुमन शहीदीया के बानी हाजी एमएच सिद्दीकी ने बताया कि इस साल सुपेला अंडर ब्रिज बनने की वजह से सुपेला,फरीद नगर,लक्ष्मी नगर, कृष्णा नगर इस्लाम नगर, व बड़ा इमामबाड़ा के तमाम ताजिए फरीदनगर के मुख्तलिफ राहों से होकर गदा चौक होते हुए सुपेला चौक, अंजुमन शहीदिया इमामबाड़े के पास पहुंचे जहां देर तक अखाड़े का मुजाहिरा हुआ। जिसके बाद देर रात फोरलेन में वाके सैलानी बाबा के मजार के पास कर्बला मैदान पहुंचे।
इसके पहले शहर की रिवायत के मुताबिक गुजिश्ता रात भी मुहर्रम का जुलूस निकला जो पावर हाउस चौक पर इकट्ठा हुआ। यहां भी ताजिया-अखाड़े का मुजाहिरा कर सुबह 4 बजे वापस अपने इमामबाड़े लौटे। 9 मुहर्रम की रात फरीद नगर और जेपी चौक-सेक्टर 6 ईदगाह के करीब अलाव का मुजाहिरा हुआ। अकीदतमंदों ने अंगारों पर चल कर कर्बला के शहीदों के लिए अपनी मुहब्बत का इजहार किया।
पढ़ी गई दुआए आशूरा
10 मोहर्रम यानि आशूरा के मौके पर दुआए आशूरा पढ़ी गई। शहर की तमाम मस्जिदों, घरों, मदरसों और इमामबाड़ों में लोगों ने मजमूई तौर दुआए आशूरा पढ़ी। दोपहर की नमाज के बाद आशूरा की दुआ पढ़ने के साथ ही अम्नो-अमान की दुआएं की गई और कर्बला के शहीदों को खिराजे अकीदत पेश की गई। इस दौरान बड़ी तादाद में नमाजी इकट्ठा हुए। मोहर्रम की दसवीं तारीख पर शहर में जगह-जगह लंगर का एहतेमाम किया गया।मोहर्रम कमेटी ने किया इस्तकबाल
इमाम हुसैन की याद में मोहर्रम कमेटी गौसिया मस्जिद कैंप-1 में इमामबाड़ा में ताजिया रखा गया और फातिहा ख्वानी हुई। यहां वैशाली नगर थाना इंचार्ज ममता अली शर्मा का मोहर्रम कमेटी कैंप-1 के सदर कैप्टन जमाल और एआर सिद्दीकी ने शाल और मोमेंटो देकर इस्तकबाल किया। इस मौके पर कमेटी की ओर से मिर्जा मुकीम बेग, नियाज अहमद, फारूक अली, हाशिम रजा, आरक्षक जुनैद खान, ओवैस सिद्दीकी और दीगर मौजूद थे।जिला व पुलिस इंतेजामिया ने किया चाक-चौबंद इंतेजाम
मुहर्रम के जुलूस को देखते हुए जिला व पुलिस इंतेजामिया ने चाक-चौबंद इंतेजाम किया था। पुलिस इंतेजामिया की ओर से डीएसपी ट्रैफिक सतीश ठाकुर, सीएसपी भिलाई नगर सत्यप्रकाश तिवारी और सीएसपी छावनी हरीश पाटिल ने मोहर्रम कमेटी के चेयरमैन मोहम्मद जाफर और चीफ आर्गनाइजर गुलाम सैलानी सहित तमाम अहलकारों के साथ बैठक की इंतेजाम का जायजा लिया। इस दौरान पुलिस अहलकारों का कमेटी की ओर से इस्तकबाल किया गया।मोहर्रम के जुलूस को देखते हुए इंतेजामिया की ओर से रूट प्लान पहले ही जारी कर दिया गया था और भारी वाहनों के दाखिले को रोक दिया गया था। इससे जुलूस बिना किसी रुकावट के देर रात तक अपने अंजाम को पहुंचा। वहीं मोहर्रम कर्बला कमेटी भिलाई ने जुलूस के दौरान इंतेजामिया से तमाम रूट पर इंतेजाम के मुताल्लिक कलेक्टर, एसपी, नगर पालिक निगम भिलाई और मुताल्लिका थाना इंचार्ज को पहले ही मेमोरेंडम दे दिया गया था।