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नाना का दीन बचाने के लिए नवासे ने मिटा दिया खुद का वजूद: आलमगीर

मोहर्रम-उल-हराम - 1446 हिजरी

हदीस-ए-नबवी ﷺ

क्या मैं तु'म्हें जहन्नुमी लोगों के बारे में ना बताऊं, आप ﷺ ने फरमाया-हर सख्त मिजाज़, बद अखलाक और तकब्बुर करने वाला जहन्नुमी है।

- सहीह बुख़ारी

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सेक्टर-6 मस्जिद और खुर्सीपार में शोहदा-ए-कर्बला के मौजू पर किया अवाम से खिताब
मआशरे के खुसूसी लोगों का किया गया इस्तकबाल

मोहर्रम, कर्बला, ताजिया, नई तहरीक, तहरीक

✅ नई तहरीक : भिलाई 

कर्बला के शहीदों की याद में शहर में जगह—जगह तकरीर, लंगर व फातिहा ख्वानी का सिलसिला जारी है। मंगल, 9 मोहर्रम की शाम सेक्टर-6 मस्जिद के पास और फरीद नगर में अलाव और लंगर का एहतेमाम किया गया। वहीं बीती रात 8 मोहर्रम को आले नबी, औलादे अली, फर्जंद-ए-गौसे आजम हुजूर हजरत सैयद आलमगीर अशरफ, अशरफी उल जिलानी जामा मस्जिद सेक्टर-6 और खुर्सीपार में वाकेआत के मौजू पर अवाम से खिताब किया। इस दौरान खुर्सीपार में हजरत अशरफी के हाथों मआशरे के खुसूसी लोगों को एजाज से नवाजा गया। 
    हजरत आलमगीर दोपहर में भिलाई पहुंचें। यहां उन्होंने सेक्टर-6, जामा मस्जिद में मगरिब की नमाज अदा कराई। जिसके बाद अवाम से खिताब करते हुए उन्होंने कर्बला के शहीदों के वाकेआत बयान किए। मशहूर शिल्पकार हाजी एमएच सिद्दीकी ने इस दौरान हजरत आलमगीर को अपनी किताब तामीर-ए-मस्जिद, मदरसा व मजारात की कापी भेंट की। उन्होंने हाजी सिद्दीकी के इस काम को सराहा और उम्मीद जताई कि किताब का फायदा मस्जिद, मदरसा व मजार के तामीरी काम के दौरान जरूर होगा।

वो जंग, जो गर्दन कटवाकर जीती गई 

सेक्टर-6, जामा मस्जिद से हजरत आलमगीर इलाहाबादी पंचायती ताजिया इमामबाड़ा, सड़क 20, जोन—1, खुर्सीपारा में जारी जिक्र-ए-शोहदाए कर्बला के प्रोग्राम में शामिल हुए जहां अंजुमन हुसैनिया कमेटी, खुर्सीपार के सदर हुसैन अली अशरफी समेत कमेटी के दीगर अरकान व ओहदेदारों ने गुलपोशी से हजरत का इस्तकबाल किया।
    यहां अवाम से खिताब करते हुए उन्होंने कहा, दुनिया में जंग गर्दन काटने के बाद जीती जाती है मगर कर्बला में एक जंग ऐसी हुई, जहां गर्दन कटी और हक जीत गया। इसलिए कोई ये नहीं कहता कि मैदान-ए-कर्बला में यजीद जीता। उन्होंने कहा कि इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के सारे साथी शहीद हो जाते और खुद हुसैन बच जाते तो बड़े फख्र से कहा जा सकता था कि इमामे हुसैन अलैहिस्सलाम ने यजीद के 22 हजार के लश्कर को कुचल दिया, मगर यहां तो सारी दास्तान मजलूमियत की है। 
    उन्होंने कहा कि जिस तरह एक शमा अपने वजूद की परवाह नहीं करती और खुद मिट कर रोशनी करती है, उसी तरह इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम ने अपने जिस्म-ओ-जान और खानदान की परवाह नहीं की। एक शमा की तरह अपने वजूद को खत्म कर दिया लेकिन नबी 000 की शरीयत पर आंच नहीं आने दी और अपनी कुर्बानी देकर इस्लाम को बचा लिया। उन्होंने कहा कि आज जो इबादत हम कर रहे हैं, ये सब इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम का सदका है।
    इस मौके पर हजरत आलमगीर के हाथों मआशरे में खुसूसी हिस्सेदारी निभाने वाली हस्तियों को एजाज से नवाजा गया। इनमें भिलाई स्टील प्लांट के रिटायर्ड जनरल मैनेजर एमआरके शरीफ, सीनियर सहाफी हनीफ निजामी और सेना के जवान कैप्टन मोहम्मद जमाल, मोहम्मद अनीस, मोहम्मद इलियास और रफीक अहमद शामिल हैं। हजरत आलमगीर ने यहां इमामबाड़ा पर इमाम हसन की चौकी की फातिहा में भी शिरकत की। आखिर में सलाम पेश किया गया और दुआएं की गई।
    अंजुमन हुसैनिया के इस 10 रोजा प्रोग्राम को कामयाब बनाने में अरशद अय्यूब, मोहम्मद सगीर, मोहम्मद शमीम, अरशद अली, गुलाम, मोहम्मद तुफैल, आरिफ अयूब, अहमद रजा, रमजान अली, पीर हुसैन, राज मोहम्मद, गुलाम सरवर, मुमताज अली, मोहमद राशिद, शाहरुख खान, मोहम्मद तौहीद, तौफीक रजा, मोहम्मद सलीम, मोहम्मद साहिल, राजा, बाबू भाई, मोहम्मद साहिल, अमन और अहमद सहित दीगर अरकान बेहतरीन किरदार अदा कर रहे हैं। 

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तकरीरी प्रोग्राम के बाद हर रोज यहां कसीर तादाद में लंगर का एहतेमाम किया जाता है। कसीर तादाद में अकीदतमंद लंगर में शरीक हो रहे हैं। अकीदतमंदों के लिए लंगर तैयार करती खवातीन हज्जन सुगरा, आमना खातून, तबस्सुम नाज, रशीदा बेगम, आशिया बेगम, आसमा बेगम, शकीला बानो, नजमा बेगम, हस्नैन तारा और जैतून निशा


आज निकलेगा ताजिया, पढ़ी जाएगी दुआए आशूरा


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10 मोहर्रम पर 17 जुलाई को शहर में ताजिया निकलेगा। इसके लिए शहर की तमाम अंजुमन और कमेटियों की ओर से तैयारियां मुकम्मल हो गई है। बारिश को देखते हुए इमामबाड़ों में बंदोबस्त किए गए हैं। इसके अलावा मस्जिदों और घरों में लोग दुआए आशूरा पढ़ेंगे। मोहर्रम कमेटी के चेयरमैन मोहम्मद जाफर और चीफ आर्गेनाइजर गुलाम सैलानी ने बताया कि जिला एवं पुलिस इंतेजामिया की स्कीम के मुताबिक जुलूस का रास्ता तय कर अंजुमन और कमेटियों को जानकारी दे दी गई है। इस बार 48 ताजिया, अखाड़े और सवारी कमेटियां जुलूस में शामिल होंगी। वहीं जुलूस के दौरान लंगर का भी इंतजाम होगा। शहर के सभी इमामबाड़ों में ताजिया का तामीरी काम पूरा हो गया है और शहर की रवायत के मुताबिक 16-17 जुलाई की दरमियानी रात शहर के सभी इमामबाड़ों से ताजिए और अखाड़े निकल कर पावर हाउस चौक पहुंचें और जहां अखाड़ा खेलने के बाद जुलूस इमामबाड़ों में लौट गए।

नबी  की तालीम का हिस्सा है पौधे लगाना : हैदर

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दावते इस्लामी की गरीब नवाज रिलीफ फाउंडेशन का शजरकारी मुहिम 

दावते इस्लामी की गरीब नवाज रिलीफ फाउंडेशन की जानिब से मुल्कगीर दस रोजा शजरकारी (पौधारोपण) मुहिम के तहत जामा मस्जिद सेक्टर-6 में पौधे लगाए गए। एक से 10 जुलाई तक जारी इस मुहिम में हिस्सेदारी करते हुए जामा मस्जिद सेक्टर-6 के इमामो-खतीब हाफिज इकबाल अंजुम हैदर ने कहा कि पौधे लगाना और हरियाली में इजाफा करना हमारे नबी सल्लल्लाहु अलैहि वस्सलम की तालीम है। इसलिए इस नेक काम में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेना चाहिए।
    उन्होंने कहा कि पौधे हमारी जिंदगी का एक अहम हिस्सा है। पौधे लगाकर न सिर्फ हम अपने मुल्क की तरक्की में हिस्सा लेते हैं बल्कि माहौलयात (पर्यावरण) को बेहतर भी बनाते हैं। मुहिम की शुरूआत ह्यपौधा लगाना है, दरख्त बनाना है।ह्ण के नारे के साथ हुई। इस मौके पर अब्दुल हफीज, मोहम्मद सादिक़, इज़्ज़त अली, हनीफ, मुकीत खान, इनायत अली, नदीम खान और अता उल्ला सहित दीगर अरकान ने शरीक रहे।

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  आज की तारीख  

शहादत : हजरत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम
यौमे आशूरा

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