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सउदी अरब में हुई ग़ैरमामूली बारिश के चलते पूरी तरह बर्बाद हो गई 250 मिलियन डालर मालियत की कारें

जीकाअदा-1445 हिजरी

हदीस-ए-नबवी ﷺ

 तुम कयामत के दिन सबसे बद तरीन उस शख्स को पाओगे जो दोगला है। यानि एक जगह कुछ कहता है और दूसरी जगह कुछ और।

- मिश्कवात शरीफ

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✅ दुबई : आईएनएस, इंडिया 

मुत्तहदा अरब अमीरात में पिछले दिनों हुई इंतिहाई तबाहकुन बारिश और सैलाब के नतीजे में सड़कों और खुले गैराजों में खड़ी कारों को पहुंचने वाले नुक़्सान का तख़मीना (अंदाजा) लगाया गया है। पिछले दिनों सामने आने वाले आदाद-ओ-शुमार के मुताबिक़ कई दिनों तक होने वाली बारिशों से मजमूई तौर पर 50000 कारें तबाह हो गई। इन कारों के अलावा भी मुख़्तलिफ़ किस्म के छोटे बड़े व्हीकलज़ भी बारिश की ज़द में आकर तबाह हो गए। 
    मुरत्तिब करदा आदाद व शुमार (आंकड़ों) के मुताबिक़ इन गाड़ीयों की मजमूई मालियत तकरीबन 250 मिलियन डालर है। इन सैलाबी रेलों और बारिशों से तबाह होने वाली गाड़ीयों में से बड़ी तादाद इंशोरंस वाली गाड़ीयों की है। इसलिए इबतिदाई अंदाज़े में बताया गया है कि इंशोरंस वालों को 150 मिलियन डालर की रक़म ख़र्च करना होगी। हो सकता है ये रक़म इससे भी बढ़ जाए। और री इंश्योरेंस की रिपोर्ट में कहा गया है कि सैलाब में तबाह होने वाली गाड़ीयों का तख़मीना इबतिदाई बीमाशूदा नुक़्सान 150 मिलियन डालर से तजावुज़ कर सकता है और मुत्तहदा अरब अमीरात के लिए 250 मिलियन डालर तक पहुंच सकता है। रिपोर्ट में लगाया गया तख़मीना है कि मुत्तहदा अरब अमीरात, बहरीन और ओमान वग़ैरा में सैलाब के नतीजे में बीमा शूदा अश्या का कुल नुक़्सान 850 मिलियन डालर का है।

हिन्दोस्तान में इस बार होगी भरपूर बारिश 

नई दिल्ली : इस साल हिन्दोस्तान में मानसून मामूल से बहुत बेहतर होने जा रहा है। महकमा-ए-मौसीमीयत ने पेशगोई की है कि जल्द ही अल नीनो का असर बहर-ए-अलकाहिल में देखा जाएगा। इसकी वजह से जून से शुरू होने वाले मानसून में औसत से ज़्यादा बारिश हो सकती है। 
    क्लाइमेट प्रीडिक्शन सेंटर ने पेशगोई की है कि जून के पहले हफ्ते में ही ला नीना का असर देखने का मिलेगा जिसकी वजह से हिन्दोस्तान में शदीद बारिशें हो सकती हैं और मुल्क के कुछ हिस्सों में सैलाब की सूरत-ए-हाल पैदा हो सकती है। हिन्दुस्तानी महकमा-ए-मौसीमीयत ने भी ला नेना की तरक़्क़ी का मुकम्मल इमकान ज़ाहिर किया है। 
    हिन्दोस्तान में ज़्यादातर बारिश जुलाई और अगस्त में होती है। बारिश की सही मिक़दार चीनी, दालों, चावल और सब्जियों जैसी अहम अश्या-ए-ख़ुर्द-ओ-नोश की क़ीमतों को कंट्रोल कर सकती है जिससे महंगाई के मसले पर भी क़ाबू पाया जा सकता है। महकमा-ए-मौसीमीयत ने अंदाज़ा लगाया है कि ला नेना की वजह से इस बार औसत से ज़्यादा यानी 106 फ़ीसद बारिश का इमकान है। पिछले साल ये मामूल से 94 फ़ीसद कम था।



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