जिल हज्ज-1445 हिजरी
हदीस-ए-नबवी ﷺ
क्या मैं तु'म्हें जहन्नुमी लोगों के बारे में ना बताऊं, आप ﷺ ने फरमाया-हर सख्त मिजाज़, बद अखलाक और तकब्बुर करने वाला जहन्नुमी है।
- सहीह बुख़ारी
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हुज्जाज किराम ने किया मैदान-ए-अर्फ़ात में कयाम, मस्जिद-ए-निमरा में एक साथ अदा की जुहर और अस्र की नमाज
अर्फ़ात में मस्जिद नबवी ﷺ के बाद मक्का मुकर्रमा इलाक़े की दूसरी बड़ी मस्जिद निमरा में माह जिल हज्ज की नौवीं तारीख़ को हज़ारों अफ़राद ने ज़ुहर और अस्र की नमाज़ जमा कर अदा की। आप ﷺ की तक़लीद में ज़ुहर की नमाज़ के वक़्त में ही अस्र की नमाज़ भी अदा की जाती है। सऊदी रियासत के दौर में मस्जिद निमरा ने अपनी सबसे बड़ी तौसीअ देखी थी। मस्जिद की लंबाई मशरिक़ से मगरिब तक 340 मीटर और चौड़ाई शुमाल से जुनूब तक 240 मीटर है। इसका रकबा 110,000 मुरब्बा मीटर से ज़्यादा है। मस्जिद के पीछे साया-दार सेहन है, जिसका रकबा 8,000 मुरब्बा मीटर है। मस्जिद में 4 लाख नमाज़ियों की गुंजाइश है। मस्जिद में 6 मीनार हैं। हर मीनार की बुलंदी 60 मीटर है। मस्जिद में 64 गुंबद और 10 मर्कज़ी दरवाज़े हैं। एक बैरूनी कमरे में रेडियो है। ख़ुतबा और अर्फ़ा के दिन दोपहर और अस्र की नमाज़ें बराह-ए-रास्त सेटेलाईट के ज़रीये नशर की जाती हैं।
दूसरी सदी हिज्री के वस्त (बीच) में ख़िलाफ़त अब्बासिया के आग़ाज़ में इस जगह, जहां रसूल अल्लाह ﷺ ने हज उल-विदा का ख़ुतबा दिया था, पर इस मस्जिद को तामीर किया गया था। ये अर्फ़ात के मग़रिब में वाके है। मस्जिद का एक हिस्सा वादी-ए-अरना में है। रसूल अल्लाह ﷺ ने वादी अरना में क़ियाम से मना फ़रमाया था। आप ﷺ ने फ़रमाया था कि वादी अरना के सिवा अर्फ़ात सबके क़ियाम की जगह है।
वाजेह रहे कि इस्लामी उमूर, दावत-ओ-इरशाद ने 60 सेंट्रल एयर कंडीशनिंग यूनिट्स के ज़रीये मुक़द्दस मुक़ामात के इलाक़े में वाके मस्जिद निमरा और मस्जिद अलख़ैफ़ में एयर कंडीशनिंग और एयर प्यूरीफिकेशन सिस्टम को प्रोसेसिंग से गुज़ार कर जदीद बनाया है। ये यूनिट 100 फ़ीसद ख़ालिस हवा पैदा करती है और 122 एगज़ास्ट फ़ैन दिन में दो बार हवा को तबदील करने के लिए काफ़ी हैं। मस्जिद अल ख़ैफ़ के लिए 494 अलग-अलग अलमारी एयर कंडीशनिंग यूनिट्स लगाए गए हैं। ये 100 फ़ीसद ख़ालिस हवा पैदा करते हैं और यहां 30 एगज़ास्ट फ़ैन हवा को तबदील करते हैं।
विजिट वीजा से हज करने की कोशिश, पकड़े गए
सऊदी वज़ारत-ए-दाख़िला के सिक्योरिटी तर्जुमान कर्नल तलाल अल शलहोब ने कहा कि ममलकत मुक़द्दस मुक़ामात को ऐसे नारों का मैदान नहीं बनने देगी जो इस्लामी क़ानून के मक़ासिद से दूर हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी तरह से हुज्जाज की सलामती को मुतास्सिर करने की तमाम कोशिशों के ख़िलाफ़ हम मज़बूती से खड़े हैं। जो भी इसकी ख़िलाफ़वरज़ी करेगा, उसके साथ सख़्ती से निमटा जाएगा।उन्होंने कहा, पकड़ी गई फर्जी हज कंपनियों की तादाद 160 है। गै़रक़ानूनी हज की कोशिश में छः हज़ार 135 मुक़ीम अफ़राद को पकड़ा गया है। उन्होंने मज़ीद कहा कि मक्का के ग़ैर रिहायशियों की तादाद दो लाख 50 हज़ार 381 तक पहुंच गई है। हज की कोशिश में 2 लाख 56 हज़ार 481 ऐसे अफ़राद को पकड़ा गया है, जिनके पास विजिट वीज़ा था।