रमजान उल मुबारक-1445 हिजरी
विसाल (22 रमज़ान)
0 उस्तादे ज़मन हज़रत मौलाना हसन रज़ा खान अलैहिर्रहमा, बरैली शरीफ
अल कुरआन
'' बेशक अल्लाह सुब्हानहु ताअला और उसके फरिश्ते नबी-ए-करीम पर दरुद भेजते हैं, ऐ ईमान वालों, तुम भी उन पर दरुद-ओ-सलाम भेजा करो। ''
- सूरह अल अहजाब
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✅ रियाद : आईएनएस, इंडिया
माह-ए-सियाम के तीसरे अशरे के शुरू होते ही 20 वें रोज़े की इफ़तारी के बाद हरमैन शरीफ़ैन में एतिकाफ़ करने वाले पहुंच गए। हरमैन इंतिज़ामीया की जानिब से मातकफ़ीन के लिए तमाम तर इंतिज़ामात को दो दिन कब्ल ही हतमी शक्ल दे दी गई थी। सऊदी न्यूज एजेंसी एसपीए के मुताबिक़ रमज़ान उल-मुबारक के तीसरे अशरे में अंदरून ममलकत समेत मुख़्तलिफ़ ममालिक से आने वाले उमरा ज़ाइरीन हरमैन में एतिकाफ़ करते हैं। हरमैन इंतिज़ामीया की जानिब से रमज़ान उल-मुबारक के पहले अशरे के वस्त से ही एतिकाफ़ करने वालों के लिए रजिस्ट्रेशन का आग़ाज़ कर दिया गया था। एतिकाफ़ के लिए हरमैन के पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन की सहूलत फ़राहम की जाती है जिसके ज़रीये मातकफ़ीन अपने कवाइफ़ दर्ज कराने के बाद एतिकाफ़ का परमिट हासिल करते हैं।
इदारा उमूर हरमैन शरीफ़ैन की जानिब से मस्जिद उल हराम और मस्जिद नबवी में दरस क़ुरआन और तजवीद के लिए ख़ुसूसी हलक़ों का एहतिमाम किया गया है जिससे एतिकाफ़ करने वाले भी मुस्तफ़ीज़ होते हैं। हरमैन इंतिज़ामीया की जानिब से मताकफ़ीन के लिए मख़सूस किए जाने वाले मुक़ामात पर स्क्रीनज़ नसब कर दी गई हैं, जिनके ज़रीये वो अहम मसाइल दरयाफ़त कर सकते हैं। मस्जिद उल-हराम के इदारा आगाही के डायरेक्टर अबदुल मुहसिन अलग़ामदी ने बताया कि इमसाल मस्जिद उल-हराम में मातकफ़ीन की तादाद 3 हज़ार है जिनके लिए मस्जिद उल-हराम की तीसरी तौसीअ की पहली मंज़िल मख़सूस की गई है जबकि एतिकाफ़ करने वालों की सहूलत के लिए तीन दरवाज़े मख़सूस किए गए हैं जिनमें गेट नंबर 106, 114 और 119 है।
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अथार्टी में इदारा उमूर रहनुमाई और फ़ील्ड गाईडेंस के अस्सिटैंट डायरेक्टर अबदुलमुहसिन अलग़ामदी ने अख़बार 24 से गुफ़्तगु करते हुए कहा कि एतिकाफ़ के लिए मख़सूस जगह को मातकफ़ीन के इस्तिक़बाल के तैयार कर लिया गया है जहां 2500 मर्द और 500 ख़वातीन की गुंजाइश है। उन्होंने बताया कि मातकफ़ीन को रोज़ाना तीन खाने फ़राहम किए जाएंगे जिन्हें सेहत के मयार और ज़वाबत के मुताबिक़ तैयार जाएगा।
मातकफ़ीन को एक कम्बल, तकिया, ज़ाती इस्तिमाल की अश्या और स्लीपिंग मास्क फ़राहम किया जाएगा। एतिकाफ़ के दौरान मर्द और ख़वातीन के लिए तिब्बी मराकज़ भी क़ायम किए जाएंगे। उन्होंने मज़ीद कहा कि 'तसरीह (इजाज़तनामा) जारी होने के बाद, हर मोतकिफ़ के लिए ज़ाती सामान रखने के लिए एक लॉकर मख़सूस कर दिया जाएगा, जबकि आख़िरी अशरे में मातकफ़ीन के लिए मुख़तस जगह पर इलमी दर्स, कुरानी हलक़ों और रहनुमाई के वसाइल की फ़राहमी का एहतिमाम भी किया जाएगा। अब्दुल मुहसिन अलग़ामदी ने बताया कि हरमैन शरीफ़ैन अथार्टी की वेबसाइट पर एतिकाफ़ के लिए रजिस्ट्रेशन का आग़ाज़ रमज़ान शुरू होने के साथ ही हो गया था।
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