शव्वाल -1445 हिजरी
दूसरों के ऐबों को जाहिर न करो
'' हजरत उक्बा बिन आमिर रदि अल्लाहो अन्हु से रवायत है कि जनाब रसूल अल्लाह ﷺ ने फरमाया, जो शख्स किसी का काई ऐब देखे और फिर उसे छुपा ले, यानी दूसरों पर उसके जाहिर न करे तो सवाब में ऐसा होगा, जैसे किसी ने जिंदा दफन हुए किसी की जान बचा ली और कब्र से उसको जिंदा निकाल लाया। ''
- तिर्मिजी शरीफ
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✅ रियाद : आईएनएस, इंडिया
सऊदी अरब के मशरिक़ी सूबा की पुलिस ने दमाम शहर में एक ख़ातून को अवामी अख़लाक़ीयात की ख़िलाफ़वरज़ी करने वाले अश्लील क्लिप बनाने और उसे पोस्ट करने पर गिरफ़्तार किया है। पब्लिक सेक्योरिटी ने इत्तिला दी कि ख़ातून के ख़िलाफ़ क़ानूनी इक़दामात किए गए और उसे पब्लिक प्रासीक्यूशन के हवाले कर दिया गया। वाजेह रहे कि सऊदी अरब में सोशल मीडीया प्लेटफ़ार्मज़ पर दिखाए जाने वाले जिन्सी इश्तिआल अंगेज़ी मवाद पर या ज़बानी या जिस्मानी तौर पर हिरासाँ करने पर सज़ा दी जाती है। क़ानून के मुताबिक़ ये सज़ा क़ैद या जुर्माना या क़ैद और जुर्माना दोनों हो सकती है। ख़्याल रहे कि सऊदी अरब में सोशल मीडीया पर नश्र (प्रसारित) फहश (अश्लील) मवाद की कसरत की बाइस संजीदा तबक़े में सख़्त तशवीश की भी लहर है।
सऊदी अरब : ख़ातून को छेड़ने पर ग़ैर मुल्की को क़ैद-ओ-जुर्माने की सज़ा
रियाद : मुल्क में आदाब आम्मा की ख़िलाफ़वरज़ी करते हुए ख़ातून को छेड़ने वाले ग़ैर मुल्की को 5 बरस क़ैद और डेढ़ लाख रयाल जुर्माने की सज़ा सुनाई गई। सऊदी न्यूज एजेंसी एसपीए के मुताबिक़ प्रासीक्यूशन की जानिब से जारी बयान में कहा गया है कि ममलकत में आदाब आम्मा के क़ानून की ख़िलाफ़वरज़ी के मुर्तक़िब (दोषी) ग़ैर मुल्की पर इल्ज़ाम था कि उसने ख़ातून के साथ छेड़छाड़ की थी।प्रासीक्यूशन के अहलकारों ने केस की तहक़ीक़ात मुकम्मल करने के बाद अपनी सिफ़ारिशात के साथ केस अदालत में पेश किया था। प्रासीक्यूशन की जानिब से अदालत को इरसाल की जाने वाली सिफ़ारिशात में कहा था कि ममलकत में ख़वातीन के हुक़ूक़ वाजेह हैं इस हवाले से किसी को इसकी इजाज़त नहीं दी जा सकती कि ख़वातीन के साथ ग़ैर अख़लाक़ी सुलूक रखा जाए। प्रासीक्यूशन ने अदालत से मुतालिबा किया था कि जुर्म साबित होने की सूरत में सख़्त सज़ा दी जाए।
अदालती कार्रवाई में जुर्म साबित होने पर ख़ातून को छेड़ने वाले ग़ैर मक्की को 5 बरस क़ैद और डेढ़ लाख रियाल जुर्माने की सज़ा सुनाई गई।
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