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इस्तकबाल-ए-रमाजान : मस्जिद अल हरम में बिछाए गए 25 हजार नए कालीन

रमजान उल मुबारक-1445 हिजरी

सूद बुरी लानत है 

'' हजरत जाबिर रदि अल्लाहो अन्हु से रवायत है कि जनाब नबी-ए-करीम  ने लानत फरमाई सूद खाने वाले, यानी सूद लेने वाले और उसके खिलाने वाली यानी देने वाले और लिखने वाले पर और उसके गवाह पर और फरमाया, ये सब बराबर हैं। '' 
- मुस्लिम शरीफ

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  • रमज़ान उल-मुबारक के मन्सूबों पर अमल शुरू 
  • दिन में दस बार की जाती है मस्जिद की सफाई
  • तीन हजार लीटर खुशबूदार पानी का होता है छिड़काव
  • जायरीन कर सकते हैं सुबह 10 से शाम 5 बजे तक क़सवा कम्पलैक्स का दौरा 

इस्तकबाल-ए-रमाजान : मस्जिद अल हरम में बिछाए गए 25 हजार नए कालीन
✅ रियाद : आईएनएस, इंडिया

मस्जिद अल हरम और हर्म नबवी  की देख-भाल की जनरल अथार्टी के सरकारी तर्जुमान इजीनर माहिर बिन अल ज़हरानी ने कहा है कि अथार्टी ने रमज़ान उल-मुबारक में मस्जिद अल हरम के अंदर ज़ाइरीन और नमाज़ियों के इस्तिक़बाल के लिए तैयार किए गए अपने ऑपरेशनल मन्सूबों पर अमल दरआमद शुरू कर दिया है। 
    इंतिज़ामीया ने वज़ाहत की कि अल मस्जिद अल हरम को नए क़ालीन फ़राहम किए गए हैं। मस्जिद के हाल सेहन और में 25,000 से ज़्यादा क़ालीन बिछाए गए हैं। मस्जिद अल हरम में वुज़ू के लिए 50 जगहें और सेहनों में 3,000 बैत उल-ख़ुला भी हैं। अथार्टी ने 15000 ज़मज़म के बर्तन फ़राहम किए हैं और पुराने घर में 150 मशरूबीयाँ तक़सीम की गईं। इजीनर माहिर ने निशानदेही की कि अल मस्जिद अल हरम को दिन में 10 बार धोया और जरासीम से पाक किया जा रहा है। 
    
इस्तकबाल-ए-रमाजान : मस्जिद अल हरम में बिछाए गए 25 हजार नए कालीन

हरम की मस्जिद के अंदर कारकुनों (कर्मचारियों) की तादाद 4000 तक पहुंच गई है। 400 सुपरवाइज़रज़ काम की निगरानी कर रहे हैं। 24 घंटे जदीद आलात (आधुनिक उपकरण) और मशीनें इस्तिमाल की जाती हैं। मस्जिद में माहौलियाती तहफ़्फ़ुज़ को यक़ीनी बनाने के लिए 4 हज़ार मशीनें हैं। नमाज़ियों और ज़ाइरीन के लिए सेहत और हिफ़ाज़त को यक़ीनी बनाया गया है और माहौल को मुअत्तर करने के लिए तक़रीबन 3,000 लीटर ख़ुशबूदार माइआ इस्तिमाल किया जा रहा है। 1,000 मुख़्तलिफ़ रंगों के प्लास्टिक वॉकरज़ का इंतिज़ाम किया गया है जो मस्जिद के दाख़िली और ख़ारिजी रास्ते से ज़ाइरीन की आमद-ओ-रफ़त को आसान बना रहे हैं। 

    उन्होंने कहा कि ज़ाइरीन के तजुर्बे को बेहतर बनाना उनके शऊर को बढ़ाना अथार्टी के अहम मक़ासिद में से एक है। इंतिज़ामीया मस्जिद हराम की लाइब्रेरी में होने वाली नुमाइशों का इनइक़ाद करती रहे। क़सवा कम्पलैक्स का दौरा सुबह 10 से शाम 5 बजे और शाम 4 बजे से 11 बजे तक किया जा सकता है।


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